आईएएस अधिकारियों की पहली नियुक्ति स्थलों को गोद लेने की प्रक्रिया शुरू
देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में सचिव समिति की बैठक आयोजित हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने राज्य एवं जनहित से जुड़ी योजनाओं सहित राज्य सरकार के कर्मियों की समस्याओं एवं मुद्दों पर चर्चा करते हुए विभिन्न दिशा निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने सभी सचिवों को अपने विभागों के अंतर्गत […]

आईएएस अधिकारियों की पहली नियुक्ति स्थलों को गोद लेने की प्रक्रिया शुरू
देहरादून। हाल ही में प्रमुख सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में सचिव समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। इस बैठक के दौरान राज्य के विकास और जनहित से जुड़े अनेक आवश्यक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। मुख्य सचिव ने सरकारी कर्मियों की समस्याओं पर भी ध्यान देते हुए आवश्यक दिशा निर्देश प्रस्तुत किए। उनका मुख्य उद्देश्य था कि सभी सचिव अपने विभागों में कार्य की गति को तेज करें।
बैठक में लिए गए आवश्यक निर्णय
इस बैठक में मुख्य सचिव ने सभी सचिवों को निर्देशित किया कि वे अपने विभागों में ई-डीपीआर (इलेक्ट्रॉनिक डिटेल प्रोग्राम रिपोर्ट) मॉड्यूल को लागू करें। मुख्य सचिव ने कहा कि इसका उपयोग केवल डीपीआर निर्माण के लिए ही नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसे सरकार तक पहुँचाने की प्रक्रिया में भी कारगर बनाया जाना चाहिए। उनका यह निर्देश सरकारी कार्यों में सुधार के लिए एक नई दिशा को प्रस्तुत करता है।
सर्विस बुक और डेटा की आवश्यक अद्यतन प्रक्रिया
मुख्य सचिव ने इस बैठक में बताया कि यूकेपीएफएमएस (यूनीफाइड किंगडम पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) के माध्यम से सभी कर्मियों की सर्विस बुक डेटा को अविलंब अद्यतन करना अनिवार्य है। उन्होंने न केवल इसे त्वरित रूप से लागू करने के लिए निर्देशित किया, बल्कि आईएफएमएस (इंटीग्रेटेड फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम) डेटा के डिजिटाइजेशन को भी एक अनिवार्य कदम बताया। यह उपाय सरकारी कार्यों की दक्षता बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
आईएएस अधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारियां
बैठक में एक अहम बिंदु यह रहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों को अपने पहले, दूसरे और तीसरे नियुक्ति स्थलों (जैसे विकासखण्ड, तहसील, और जिला मुख्यालय) को स्वायत्त रूप से गोद लेने का कार्य करना होगा। यह एक अभूतपूर्व कदम है जो अधिकारियों को स्थानीय विकास में सीधे शामिल होने का अवसर प्रदान करता है। इससे स्पष्ट है कि अधिकारियों का स्थानीय स्तर पर क्रियान्वयन सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
भविष्य की दिशा और विकास पर ध्यान
मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने विभागों में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की निरंतर समीक्षा करें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि विकास की गति बनी रहे और लोगों की समस्याओं का समय पर समाधान हो सके, यह कदम अत्यंत आवश्यक है।
निष्कर्ष
अगर आईएएस अधिकारी अपने पहले नियुक्ति स्थलों को अपनाते हैं, तो यह न केवल प्रशासनिक कार्यों में सुधार लाएगा, बल्कि समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान करेगा। यह शासन की योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। मुख्य सचिव द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन इस दिशा में एक सकारात्मक पहल होगी, जिससे प्रशासनिक क्षमता में वृद्धि हो सकेगी।
इस प्रकार, आईएएस अधिकारियों का कार्यस्थल पर सक्रिय रहना और योजनाओं को समझना न केवल विकास को गति देगा, बल्कि जनहित के लिए भी एक सकारात्मक परिवर्तन लाएगा।
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लेखशैला: स्नेहा शर्मा, टीम धर्मयुद्ध