उत्तराखंड में लैंडस्लाइड से बचने के लिए नए उपाय, संभावित क्षेत्रों का सटीक मॉडलिंग
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान, जीएसआई, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग, सेंट्रल वॉटर कमीशन आदि

उत्तराखंड में लैंडस्लाइड से बचने के लिए नए उपाय, संभावित क्षेत्रों का सटीक मॉडलिंग
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड सरकार लैंडस्लाइड यानी भूस्खलन के खतरे से निपटने के लिए नए उपायों की तलाश कर रही है। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अगुवाई में विभिन्न संस्थानों के सहयोग से भूस्खलन संभावित क्षेत्रों का चिन्हांकन कर एक प्रिडिक्शन मॉडल तैयार किया जाएगा।
प्रमुख संस्थानों के साथ मिलकर किया जाएगा कार्य
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई), भारतीय संसाधन संवेदन संस्थान और केंद्रीय जल आयोग जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ मिलकर इस योजना को लागू करने का प्रस्ताव रखा है। इन संस्थानों के विशेषज्ञ भूस्खलन के संभावित क्षेत्रों का आंकलन करेंगे और इसके फैलने के कारणों की पहचान करने में सहायता करेंगे।
उत्तराखंड में भूस्खलन की गंभीरता
उत्तराखंड का भौगोलिक स्वरूप और मानसून की बौछारें इसे भूस्खलन के लिए अत्यंत संवेदनशील बनाती हैं। पिछले वर्षों में उत्तराखंड में कई बार भूस्खलन की घटनाएं घटी हैं, जिससे जनजीवन और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है। इसलिए यह आवश्यक है कि सही समय पर जानकारी जुटाकर उचित कदम उठाए जाएं।
भूस्खलन प्रिडिक्शन मॉडल का महत्व
भूस्खलन प्रिडिक्शन मॉडल तैयार करने से विशेषज्ञों को उन क्षेत्रों की पहचान करने का अवसर मिलेगा, जहां भूस्खलन की संभावना अधिक होती है। इससे प्रभावित स्थानों पर समय पर उचित कदम उठाए जा सकेंगे जिससे जनहानि और संपत्ति के नुकसान को रोका जा सकेगा।
भविष्य की योजना
सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड में लैंडस्लाइड प्रबंधन की दिशा में एक ठोस ढांचा विकसित किया जाए। यह न केवल लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद रहेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके जरिए दीर्घकालिक योजनाओं का निर्माण करना भी संभव होगा।
इन पहलों का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उत्तराखंड को लैंडस्लाइड के प्रति सुरक्षित बनाने के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देना है।
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संपादक: सुषमा शर्मा
Team Dharm Yuddh