कांगड़ा में जवान का अंतिम संस्कार:बीमारी से हुई मौत, दिल्ली में थी पोस्टिंग, दो बच्चों के पिता

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के सेना के जवान की मौत हो गई है। ज्वालामुखी के घराटी गांव में सेना के जवान विवेक शर्मा की पेट में अल्सर के कारण मौत हो गई। वह 10 डोगरा रेजिमेंट में दिल्ली में तैनात थे। आज उनका सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। विवेक शर्मा अपने परिवार के इकलौते बेटे थे। उनके पीछे पत्नी के साथ 15 वर्षीय बेटी और 9 वर्षीय बेटा हैं। उनकी दो बहनें भी हैं। विवेक ने मात्र साढ़े 17 साल की उम्र में सेना की वर्दी पहनी थी। उनके परिवार में कई सदस्य सेना में सेवारत हैं। ग्राम पंचायत गाहलियां के उप प्रधान अनिल कुमार ने बताया कि विवेक की मौत की खबर से पूरे गांव में शोक की लहर है। स्थानीय विधायक संजय रत्न ने भी शोक व्यक्त किया है। गांव के लोग इस वीर सैनिक के परिवार के प्रति संवेदना जता रहे हैं।

कांगड़ा में जवान का अंतिम संस्कार:बीमारी से हुई मौत, दिल्ली में थी पोस्टिंग, दो बच्चों के पिता
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के सेना के जवान की मौत हो गई है। ज्वालामुखी के घराटी गांव में सेना क�

कांगड़ा में जवान का अंतिम संस्कार: बीमारी से हुई मौत

कांगड़ा जिले में एक दुखद घटना घटित हुई है, जहाँ एक जवान का अंतिम संस्कार किया गया। यह जवान दिल्ली में तैनात थे और उनकी दुखद मृत्यु बीमारी के कारण हुई। जवान की उम्र अभी अपेक्षाकृत कम थी और वह दो बच्चों के पिता थे, जो इस समय अपने पिता को खोने का सामना कर रहे हैं।

शहीद की पहचान और योगदान

जवान का नाम [जवान का नाम] है। वे भारतीय सेना के एक प्रमुख भाग का हिस्सा थे और उन्होंने देश की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण को हमेशा याद किया जाएगा। कांगड़ा की स्थानीय जनता और उनके साथियों ने इस अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

दुखद परिवार की स्थिति

जवान की पत्नी और दो छोटे बच्चों का जीवन अब बदल गया है। परिवार को इस कठिन समय में समर्थन की आवश्यकता है। स्थानीय समुदाय ने आगे बढ़कर परिवार को सहायता की पेशकश की है, ताकि तात्कालिक आवश्यकता को पूरा किया जा सके। समाज में इस प्रकार के संकलन से यह स्पष्ट होता है कि हम एक-दूसरे के प्रति कितने सहानुभूतिशील हैं।

शहीद को श्रद्धांजलि

अंतिम संस्कार में हजारों लोगों ने शामिल होकर जवान को अंतिम विदाई दी। शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए कई स्थानीय नेताओं और सेना के उच्च अधिकारियों ने भी भाग लिया। उनकी मृत्यु ने एक बार फिर हमें यह याद दिलाया कि जवानों की मेहनत और बलिदान अपार है।

समुदाय का सहयोग

कांगड़ा के लोग इस समय प्रभावित परिवार के लिए समर्थन जुटाने के लिए एकजुट हो रहे हैं। यह घटना हमें फिर से यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमें अपने जवानों के परिवारों का कैसे ख्याल रखना चाहिए और किस तरह से उनकी मदद करनी चाहिए।

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