दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होगी:सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई; केजरीवाल बोले- यह देश का सबसे बड़ा घोटाला

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें आम आदमी पार्टी सरकार को आयुष्मान भारत मिशन लागू करने के लिए 5 जनवरी तक केंद्र के साथ MoU साइन करने कहा गया था। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने दिल्ली सरकार की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। 24 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि दिल्ली के लोगों को सुविधाओं से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए योजना को पूरी तरह से लागू करना होगा। दिल्ली सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। दिल्ली सरकार राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू करने को लेकर केंद्र के साथ टकराव में रहा है। केंद्र सरकार इसे 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के पूर्व CM अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना देश का सबसे बड़ा घोटाला है। मुझे खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसकी पुष्टि कर दी है। सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार की दलील दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में पूछा कि हाईकोर्ट दिल्ली सरकार को केंद्र के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए कैसे मजबूर कर सकता है। उन्होंने दलील दी कि अगर MoU साइन हो जाता है तो भारत सरकार पूंजीगत व्यय का 60% और दिल्ली सरकार 40% वहन करेगी, लेकिन केंद्र को 0% चालू व्यय वहन करना होगा। सिंघवी ने दावा किया कि दिल्ली सरकार की अपनी योजना की पहुंच और कवरेज बहुत बड़ी है। हाल ही में योजना से जुड़ा ओडिशा ओडिशा आयुष्मान भारत योजना में शामिल हो गया। राज्य में भाजपा सरकार आने के करीब 7 महीने बाद ओडिशा इस योजना से जुड़ा। इसके लिए सोमवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के साथ समझौता हुआ। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर पोस्ट किया- ओडिशा के मेरे बहनों और भाइयों को पिछली सरकार ने आयुष्मान भारत के लाभ से वंचित रखा। यह योजना सस्ती दर पर हाई क्वालिटी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराएगी। 70+ साल के बुजुर्गों के लिए अक्टूबर, 2024 में शुरू हुई थी योजना केंद्र सरकार ने 29 अक्टूबर 2024 से 70 साल और इससे ज्यादा उम्र के सभी लोगों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिए जाने की घोषणा की थी। इस योजना में मुफ्त इलाज के लिए कोई शर्त नहीं रखी गई थी। इनकम, पेंशन, बैंक बैलेंस, जमीन या पुरानी बीमारियों के आधार पर किसी बुजुर्ग को इस योजना के दायरे से बाहर नहीं किया सकता। योजना शुरू करते समय सरकार ने बताया था कि 6 करोड़ सीनियर सिटिजंस को इस योजना का लाभ मिलेगा। इसमें देश के करीब 4.5 करोड़ परिवार शामिल होंगे। इससे पहले 34 करोड़ से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिल रहा था। PM ने कहा था- दिल्ली के बुजुर्गों की सेवा नहीं कर पाऊंगा PM ने कहा था कि मैं दिल्ली और बंगाल के 70 साल के ऊपर के बुजुर्गों से क्षमा मांगता हूं कि उनकी सेवा नहीं कर पाऊंगा। आपको कष्ट होगा, लेकिन मैं मदद नहीं कर पाऊंगा। कारण- दिल्ली और बंगाल की सरकार इस योजना से नहीं जुड़ रही है। माफी मांगता हूं कि देशवासियों की सेवा कर पा रहा हूं, लेकिन राजनीतिक स्वार्थ दिल्ली-बंगाल में सेवा नहीं करने दे रहा। मेरे दिल में कितना दर्द होता होगा, मैं शब्दों में बयां नहीं कर पाऊंगा। केंद्र ने 2017 में योजना की शुरुआत की थी आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी बीमा योजना है, जो देश के सबसे गरीब 40 प्रतिशत लोगों को हर साल 5 लाख रुपए तक की मुफ्त इलाज की सुविधा देती है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के तहत केंद्र सरकार ने यह योजना साल 2017 में शुरू की थी। हालांकि, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्य इस योजना को मानने से इनकार कर रहे हैं और राज्य में खुद अपनी योजना चला रहे हैं। इस योजना के तहत देश भर के सिलेक्टेड सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज करवाया जा सकता है। भर्ती होने के 10 दिन पहले और बाद के खर्च का भी इस योजना के तहत भुगतान का प्रावधान है। पूरी खबर पढ़ें... इस योजना में सभी बीमारियां होती हैं कवर योजना में पुरानी बीमारियां भी कवर होती हैं। किसी बीमारी में अस्पताल में एडमिट होने से पहले और बाद के खर्च इसमें कवर होते हैं। ट्रांसपोर्ट पर होने वाला खर्च इसमें कवर होता है। सभी मेडिकल जांच, ऑपरेशन, इलाज जैसी चीजें इसमें शामिल हैं। इस योजना के तहत अब तक साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा लोग अपना इलाज करा चुके हैं।

दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होगी:सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई; केजरीवाल बोले- यह देश का सबसे बड़ा घोटाला
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें आम आदमी पार्टी सर�

दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होगी: सुप्रीम कोर्ट का फैसला

दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना के लागू होने के बारे में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व के फैसले पर रोक लगा दी गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अब इस योजना का कार्यान्वयन कहीं भी नहीं होगा। केजरीवाल ने इस निर्णय पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे "देश का सबसे बड़ा घोटाला" करार दिया।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय उन विवादों के बीच दिया है जिनमें दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच शक्ति के वितरण और फंडिंग के सही तरीके को लेकर मतभेद है। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि योजना के कार्यान्वयन में कई कानूनी और प्रशासनिक चुनौतियाँ हैं।

मुख्यमंत्री केजरीवाल की प्रतिक्रिया

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट के निर्णय पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा है कि यह निर्णय आम आदमी के स्वास्थ्य के अधिकारों के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरी योजना केवल राजनीतिक लाभ के लिए आयोजित की जा रही है, जो कि देश की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।

आयुष्मान भारत योजना क्या है?

आयुष्मान भारत योजना, जिसे मोदी सरकार द्वारा शुरू किया गया था, का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना है। योजना के अंतर्गत, लाभार्थियों को ₹5 लाख तक के स्वास्थ्य खर्च का क्लेम करने की सुविधा मिलती है। हालांकि, इसके कार्यान्वयन में दिल्ली में हुई बाधाएँ इसे प्रभावी तरीके से लागू करने में मुश्किलें पैदा कर रही हैं।

इस सभी घटनाक्रम के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली सरकार अब इस संकट से कैसे निपटती है और योजना को फिर से लागू करने के प्रयास में क्या कदम उठाती है।

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