राफेल गिराने पर बोले विदेश सचिव- समय आने पर बताएंगे:आतंकियों के जनाजे की तस्वीर दिखाकर पूछा- यहां सेना का क्या काम

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार शाम 5.30 बजे लगातार दूसरे दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें बुधवार की तरह विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद रहीं। कर्नल सोफिया ने कहा कि पाकिस्तान ने 15 भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला किया था। इन्हें नाकाम करने के बाद पाकिस्तान को मुंहतोड़ जबाव दिया गया। भारत ने लाहौर में एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया। विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत तनाव बढ़ाने का काम नहीं कर रहा है। हमारा मकसद सिर्फ 22 अप्रैल के हमले का जवाब देना है। हमारा जवाब सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था। मिलिट्री हमारा टारगेट नहीं थी। विदेश सचिव मिसरी ने आतंकवादियों के अंतिम संस्कार की फोटो दिखाई। कहा, 'अगर सिर्फ सिविलयन मारा गया है तो आर्मी अफसरों की फोटोज आतंकी (लश्कर-ए-तैयबा कमांडर हाफिज अब्दुल रउफ) के साथ क्यों आई, आतंकवादियों को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा गया था।' सरकार की तरफ से 2 दिन में यह दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस है। 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी गई थी। इसमें बताया गया था कि मंगलवार रात 1:04 बजे से 1:28 बजे के बीच 24 मिनट में 9 टारगेट तबाह किए गए। देश के इतिहास में पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। विदेश सचिव विक्रम मिसरी भी मौजूद थे।

राफेल गिराने पर बोले विदेश सचिव- समय आने पर बताएंगे:आतंकियों के जनाजे की तस्वीर दिखाकर पूछा- यहां सेना का क्या काम
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार शाम 5.30 बजे लगातार दूसरे दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें बुधवार की तरह वि

राफेल गिराने पर बोले विदेश सचिव- समय आने पर बताएंगे

हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान के दौरान भारत के विदेश सचिव ने राफेल विमानों के संदर्भ में अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि "समय आने पर हम स्पष्ट जानकारी साझा करेंगे।" यह बयान उस समय आया है जब सुरक्षा के मुद्दों को लेकर देश में चर्चा तेज हो गई है। इस बयान से यह संकेत मिलता है कि विदेश सचिव अभी सुरक्षा स्थिति के बारे में अधिक जानकारी दिए जाने की योजना नहीं बनाए हुए हैं।

आतंकियों के जनाजे की तस्वीर का सवाल

बयान के दौरान, विदेश सचिव ने एक बेहद संवेदनशील मामले पर भी चर्चा की। उन्होंने आतंकियों के जनाजे की तस्वीरें दिखाते हुए सवाल उठाया कि "यहां सेना का क्या काम?" इसके माध्यम से उन्होंने यह बताने की कोशिश की कि सेना की भूमिका केवल सुरक्षा सुनिश्चित करना नहीं है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भी कार्यवाही करना है।

सुरक्षा पर बढ़ती चर्चा

इस बयान के बाद देश की सुरक्षा स्थिति पर गहरी चर्चा शुरू हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के संकेत भारत की सैन्य रणनीति को स्पष्ट करते हैं। यह स्पष्ट है कि विदेश सचिव का यह बयान सुरक्षा को लेकर देश की गंभीरता को दर्शाता है।

हमेशा से, भारतीय सुरक्षा बलों का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद का मुकाबला करना रहा है। इसलिए, विदेश सचिव के बयान ने किसी नए संदेह को खत्म करने का कार्य किया है।

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निष्कर्ष

अंत में, इस प्रकार के बयानों और सुरक्षा मुद्दों पर विचार करते समय सभी पक्षों को गंभीरता से लेना आवश्यक है। भारत की सुरक्षा की दृष्टि से यह टिप्पणियाँ महत्वपूर्ण हैं और हमें सामूहिक रूप से इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। Keywords: राफेल गिराने, विदेश सचिव बयान, आतंकियों का जनाजा, सेना की भूमिका, सुरक्षा स्थिति, भारत की सैन्य रणनीति, न्यूज बाई धर्मयुद्ध, सुरक्षा मुद्दे, आतंकवाद का मुकाबला, भारत की सुरक्षा उपाय।