सिद्ध पीठ कालीमठ की देवरा यात्रा 7 से

रुद्रप्रयाग। सिद्ध पीठ कालीमठ की काली माई की देवरा यात्रा का पारंपरिक कार्यक्रम रविवार को वृश्चिक संक्रांति पर्व पर घोषित कर दिया गया। पंचगाई समिति की महत्वपूर्ण सार्वजनिक बैठक में तय किया गया कि मां भगवती कालीमाई की डोली आगामी 7 दिसंबर को शुभ मुहूर्त में कालीमठ से देवप्रयाग के लिए प्रस्थान करेगी। परंपरा के […] The post सिद्ध पीठ कालीमठ की देवरा यात्रा 7 से appeared first on The Lifeline Today : हिंदी न्यूज़ पोर्टल.

सिद्ध पीठ कालीमठ की देवरा यात्रा 7 से

रुद्रप्रयाग

सिद्ध पीठ कालीमठ की काली माई की देवरा यात्रा का पारंपरिक कार्यक्रम रविवार को वृश्चिक संक्रांति पर्व पर घोषित कर दिया गया। पंचगाई समिति की महत्वपूर्ण सार्वजनिक बैठक में तय किया गया कि मां भगवती कालीमाई की डोली आगामी 7 दिसंबर को शुभ मुहूर्त में कालीमठ से देवप्रयाग के लिए प्रस्थान करेगी। परंपरा के अनुसार देवी 14 जनवरी को मकर संक्रांति (उत्तरायण) के पावन अवसर पर देवप्रयाग के दिव्य संगम में स्नान करेंगी।

मंदिर प्रांगण में आयोजित बैठक की अध्यक्षता समिति अध्यक्ष लखपत सिंह राणा ने की। बैठक में कालीमठ, जग्गी, बेडूला, ब्यूखीं और कविल्ठा—इन पांच गांवों (पंचगाई) के ग्रामीणों और हक-हकूकधारियों ने भाग लिया। देवशाल के आचार्य और ह्यूण गांव के ब्रह्मा द्वारा गणना के उपरांत यात्रा की तिथियों को अंतिम रूप दिया गया।

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, कालीमाई की डोली अपने न्योजा निशानों के साथ कालीमठ स्थित लक्ष्मी मंदिर से रवाना होकर सबसे पहले अपने गूंठ गांवों का भ्रमण करेगी। इसके बाद पैदल यात्रा करते हुए देवप्रयाग की ओर बढ़ेगी। मकर संक्रांति की सुबह देवी गंगा घाट पर पवित्र स्नान करेंगी, जिसमें पंचगाई के साथ-साथ पूरे केदारघाटी क्षेत्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। स्नान के उपरांत यात्रा पैदल ही देवप्रयाग से वापस कालीमठ लौटेगी।

समिति अध्यक्ष लखपत सिंह राणा ने बताया कि इस बार देवरा यात्रा को अधिक भव्य और सुव्यवस्थित रूप दिया जाएगा। यात्रा का उद्देश्य विश्व कल्याण के साथ-साथ उन भक्तों तक माता के आशीर्वाद को पहुंचाना है, जो किसी कारणवश कालीमठ नहीं पहुंच पाते। यात्रा मार्ग में देवी अपनी धियांणियों (भक्त महिलाओं) को आशीर्वाद देंगी और जहां-जहां उनका पारंपरिक न्यौता होगा, वहां रात्रि प्रवास भी करेंगी। पुराने हक-हकूक के अनुसार विभिन्न गांवों और भूमि का पारंपरिक भ्रमण भी यात्रा का हिस्सा रहेगा।

बैठक में आचार्य भगवती देवशाली, ब्रह्मा आचार्य वेंकट रमण, महामंत्री सुरेशानंद गौड़, उपाध्यक्ष सुदर्शन राणा, प्रचार प्रमुख देवेंद्र राणा, प्रदीप राणा, नरोत्तम राणा सहित पंचगाई क्षेत्र के अनेक लोग उपस्थित रहे। ब्रह्मा वेंकट रमण ने कहा कि पंचगाई समिति और बद्री-केदार मंदिर समिति पूर्ण निष्ठा एवं समर्पण के साथ यात्रा को सफल बनाने में जुटे हैं। वहीं महामंत्री सुरेशानंद गौड़ ने जनता से सहयोग की अपील की।

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