गैरसैंण ने विदेशी मेहमानों का दिल जीता, योग दिवस पर बढ़ी वैश्विक पहचान
भराड़ीसैंण: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भराड़ीसैंण, गैरसैंण में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में प्रतिभाग करने 8 देशों के राजदूत / उच्चायुक्त/ प्रतिनिधि शुक्रवार दोपहर भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा परिसर में पहुंचे। भराड़ीसैंण पहुंचते ही विदेशी मेहमानों ने उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण की प्राकृतिक सुंदरता, हरियाली से भरी वादियाँ, स्वच्छ वातावरण देखा तो वो […] The post भराड़ीसैंण, गैरसैंण की मिट्टी ने जीता विदेशी मेहमानों का दिल appeared first on Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा.

गैरसैंण ने विदेशी मेहमानों का दिल जीता, योग दिवस पर बढ़ी वैश्विक पहचान
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भराड़ीसैंण: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भराड़ीसैंण, गैरसैंण में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में विभिन्न देशों के 8 राजदूत, उच्चायुक्त और प्रतिनिधि शुक्रवार दोपहर भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा परिसर पहुंचे। जैसे ही विदेशी मेहमान उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में पहुँचे, उन्होंने यहाँ के अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य और हरियाली की अद्भुत वादियों का अनुभव किया।
सांस्कृतिक व विरासत का समागम
गैरसैंण की मिट्टी में गहराई से छिपी एक अद्भुत सांस्कृतिक विरासत है, जो दुनियाभर के मेहमानों को आकृष्ट करती है। यहाँ के स्थानीय खानपान और ठंडी जलवायु ने विदेशी मेहमानों को खासा प्रभावित किया। यह केवल पर्यटकों के लिए एक रोमांचक अनुभव नहीं है, बल्कि उत्तराखंड के लिए भी महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे वह वैश्विक मंच पर अपनी छवि को मजबूत कर सकता है।
योग का महत्व और स्वास्थ्य जागरूकता
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य योग के महत्व को बढ़ावा देना और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना था। राजदूतों ने योग के विभिन्न आसनों की प्रदर्शनी में भाग लिया, जिससे उनके बीच योग के फायदों के प्रति रुचि और बढ़ी। इस सभा ने न केवल योग को लोकप्रिय बनाया, बल्कि सभी प्रतिभागियों को एक साथ लाने में भी योगदान दिया।
प्राकृतिक सौंदर्य का जादू
गैरसैंण की खूबसूरत पहाड़ियाँ और वातावरण ने मेहमानों का मन मोह लिया। पर्यटकों ने यहां की भूमि की विशेषताओं की सराहना की, जो न केवल स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक हैं, बल्कि स्थानीय कृषि के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह दर्शाता है कि कैसे पर्यावरण और कृषि का एक घनिष्ठ संबंध है, जो विदेशी मेहमानों को यहां की मिट्टी के प्रति आकर्षित करता है।
निष्कर्ष - एक नई शुरुआत
इस कार्यक्रम के माध्यम से भराड़ीसैंण और गैरसैंण ने अपनी सांस्कृतिक धरोहर को साझा किया और यह दिखाया कि उत्तराखंड वैश्विक मानचित्र पर अपनी पहचान बना सकता है। यह सपना अब वास्तविकता का रूप लेता दिख रहा है, जिसमें विदेशी मेहमानों की नजरों में यहां की मिट्टी और संस्कृति एक नई पहचान बना सकती है।
इस विशेष अवसर पर हम सभी मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं और आशा करते हैं कि वे भारत के इस अद्भुत टुकड़े को अपने देशों में साझा करेंगे।
यह खबर इस बात की पुष्टि करती है कि भराड़ीसैंण और गैरसैंण केवल प्राकृतिक सौंदर्य के लिए ही नहीं, बल्कि समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए भी एक महत्वपूर्ण गंतव्य हैं। अधिक अपडेट के लिए, विजिट करें Dharm Yuddh।