जीएसटी 2.0: भारत में अप्रत्यक्ष कर सुधार की नई दिशा – अशोक चंद्र, पीएनबी के MD और CEO
देहरादून: जीएसटी 2.0, जो 22 सितंबर 2025 से 396 वस्तुओं पर लागू होगा, भारत के अप्रत्यक्ष कर ढांचे में एक महत्वपूर्ण सुधार है। इससे वस्तुओं और सेवाओं की घरेलू मांग को बढ़ावा मिलेगा, कोर मुद्रास्फीति को कम करने में सहयोग होगा तथा बढ़ी हुई डिस्पोजेबल आय और बेहतर अनुपालन के माध्यम से आर्थिक विकास को […] The post जीएसटी 2.0 भारत के अप्रत्यक्ष कर ढांचे में एक महत्वपूर्ण सुधार है – अशोक चंद्र, एमडी और सीईओ, पीएनबी appeared first on Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा.

जीएसटी 2.0: भारत में अप्रत्यक्ष कर सुधार की नई दिशा
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कम शब्दों में कहें तो, जीएसटी 2.0 भारत के अप्रत्यक्ष कर ढांचे में एक नवाचारी बदलाव लाने जा रहा है।
देहरादून: जीएसटी 2.0, जो 22 सितंबर 2025 से लागू होगा, देश की अर्थव्यवस्था में अपने समग्र प्रभाव के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह योजना 396 वस्तुओं पर लागू होगी, जिससे न केवल वस्तुओं और सेवाओं की घरेलू मांग को बढ़ाने का उद्देश्य है, बल्कि इससे कोर मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में भी सहायता मिलेगी। इस सुधार के माध्यम से, भारत में बढ़ती हुई डिस्पोजेबल आय और बेहतर अनुपालन के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
जीएसटी 2.0 का विवरण
इस नई प्रणाली के तहत, अप्रत्यक्ष कर ढांचे में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। जीएसटी 2.0 का उद्देश्य कर कठिनाईों को कम करना और एक सहज कर भुगतान प्रक्रिया को साबित करना है। इससे न केवल व्यवसायों की वृद्धि में सहायता होगी, बल्कि सरकार की राजस्व संग्रहण में भी वृद्धि होगी।
अशोक चंद्र का परिप्रेक्ष्य
पीएनबी के MD और CEO, अशोक चंद्र ने हाल ही में जीएसटी 2.0 के बारे में बात करते हुए कहा कि यह सुधार वास्तव में भारत की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा देगा। उनके अनुसार, "जीएसटी 2.0 की पारदर्शिता और समग्रता से व्यवसायों को सही दिशा में काम करने की प्रेरणा मिलेगी।"
आर्थिक विकास के नए अवसर
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि जीएसटी 2.0 अंतिम उपभोक्ताओं के लिए अधिक फायदेमंद साबित होगा। इसे देखते हुए, घरेलू मांग में वृद्धि हुई है, जिसका सकारात्मक प्रभाव वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक्स, और कई अन्य क्षेत्रों पर पड़ेगा।
चुनौतियाँ और संभावनाएँ
हालांकि जीएसटी 2.0 कई फायदों का वादा करता है, लेकिन इसे लागू करने में कुछ चुनौतियाँ भी आ सकती हैं। कर अधिकारियों के लिए नए नियमों का पालन करना और व्यवसायों को नई प्रणाली की आदत डालना एक महत्वपूर्ण कार्य होगा। इसके अलावा, यह भी जरूरी है कि सभी संबंधित पक्षों को इस बदलाव की पूरी जानकारी हो ताकि कोई भ्रम न हो।
निष्कर्ष
जीएसटी 2.0 भारत के अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने की क्षमता रखता है। इससे देश कीเศर्ष्ति को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने का अवसर मिलेगा। यह समय है कि सभी प्रबंधन, व्यवसाय, और सलाहकार इस परिवर्तन के लिए तैयार रहें और इसे सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाएँ।
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सादर, टीम धर्म युद्ध