दिल्ली चुनाव पोल ऑफ पोल्स:11 एग्जिट पोल; 9 में 27 साल बाद भाजपा की सत्ता में वापसी, 2 में AAP की सरकार का अनुमान

दिल्ली विधानसभा चुनाव के 11 एग्जिट पोल आए हैं। 9 में भाजपा को बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है। 2 में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार बनने का अनुमान है। अगर भाजपा को बहुमत मिलता है तो वो 27 साल बाद सत्ता में लौटेगी। इससे पहले 1993 में भाजपा दिल्ली की सत्ता में आई थी। एग्जिट पोल के पोल ऑफ पोल्स में भाजपा को 39, AAP को 30 और कांग्रेस को एक सीट मिलने का अनुमान है। JVC और पोल डायरी ने अपने एग्जिट पोल में अन्य को भी 1-1 सीट मिलने का अनुमान जताया है। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर बुधवार शाम 5 बजे तक 57.70% वोटिंग हो चुकी है। मतदान का वक्त 6 बजे खत्म हो चुका है, लेकिन लाइन में लगे लोगों के वोट पड़ रहे हैं। चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को घोषित होंगे। सरकार बनाने के लिए 36 सीटों की जरूरत है। दिल्ली चुनाव के एग्जिट पोल एग्जिट पोल पर 3 बयान बीजेपी सांसद मनोज तिवारी- मैंने अभी जो एग्जिट पोल देखे हैं, मुझे लगता है कि हमारा रिजल्ट एग्जिट पोल से बेहतर होने जा रहे हैं। लोगों के बीच जो प्रतिक्रिया हमने देखी है उससे भाजपा सत्ता में आ रही है। यह भाजपा की घर वापसी है। AAP नेता सुशील गुप्ता- ये हमारा चौथा चुनाव है और हर बार एग्जिट पोल में AAP की सरकार बनते हुए नहीं दिखाई गई। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों के लिए काम किया है। 8 फरवरी को नतीजे AAP के पक्ष में आएंगे। कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला- जो लोग कहते थे कि कांग्रेस जमीन पर मौजूद नहीं है, वे कांग्रेस को अच्छी संख्या में सीटें जीतते देखेंगे। AAP वापस नहीं आएगी। किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा। तीनों पार्टियों को बराबर सीटें मिलेंगी। पिछले 3 विधानसभा चुनाव का एग्जिट पोल कितना सही रहा... एग्जिट पोल क्या होता है चुनाव के दौरान जनता का मूड जानने के लिए दो तरह के सर्वे किए जाते हैं। वोटिंग से पहले के सर्वे को ओपिनियन पोल कहते हैं। जबकि वोटिंग के दौरान होने वाले सर्वे को एग्जिट पोल कहा जाता है। आम तौर पर एग्जिट पोल के नतीजे आखिरी फेज की वोटिंग खत्म होने के एक घंटे बाद जारी किए जाते हैं। एग्जिट पोल करने वाली एजेंसियों के वॉलेंटियर वोटिंग के दिन वोटिंग बूथ पर मौजूद होते हैं। ये वॉलेंटियर वोट देकर लौट रहे लोगों से चुनाव से जुड़े सवाल पूछते हैं। वोटर्स के जवाब के आधार पर रिपोर्ट बनाई जाती है जिससे पता चले कि वोटर्स का रुझान किस तरफ ज्यादा है। इसी आधार पर चुनाव के नतीजों का अनुमान लगाया जाता है। लोकसभा चुनाव के समीकरण विधानसभा चुनाव में बदले लोकसभा चुनाव में दिल्ली की 7 सीटों पर AAP और कांग्रेस ने INDIA ब्लॉक में साथ रहते हुए लड़ा था। इसके तहत AAP ने 4 और कांग्रेस ने 3 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सभी सात सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया था। इन सभी सीटों पर भाजपा को कुल 54.7% जबकि INDIA ब्लॉक को 43.3% वोट मिला था। सभी सीटों पर जीत-हार का मार्जिन औसतन 1.35 लाख रहा था। अगर लोकसभा के नतीजों को विधानसभावार देखें तो भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है। भाजपा 52 विधानसभा सीटें जीत रही है। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने सातों सीटें जीतीं और 65 विधानसभा सीटों पर बढ़त बनाई थी, लेकिन 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में AAP ने 62 सीटें जीतने में कामयाब रही। वहीं, भाजपा को सिर्फ 8 सीटें मिली थीं। इसी तरह 2014 की प्रचंड मोदी लहर में भाजपा सातों लोकसभा 7 सीटें जीतकर 60 विधानसभा सीटों पर आगे रही थी। लेकिन 2015 के विधानसभा चुनाव में AAP ने 67 सीटें जीतीं और भाजपा 3 सीटों पर सिमट गई। विधानसभा चुनाव में करीब 18% स्विंग वोटर्स के किंगमेकर साबित होते हैं। दिल्ली चुनाव लोकसभा के करीब 9 महीने बाद होते हैं। इतने कम वक्त में ही वोटिंग ट्रेंड में बड़ा बदलाव देखने को मिलता है। पिछले तीन विधानसभा और लोकसभा चुनावों का विश्लेषण करें तो स्विंग वोटर्स ही दिल्ली की सत्ता तय करते रहे हैं। AAP के अलावा किसी पार्टी का CM फेस घोषित नहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी के अलावा किसी भी पार्टी ने CM फेस घोषित नहीं किया है। AAP सत्ता में लौटी तो अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री बनना तय है। जबकि, भाजपा और कांग्रेस की ओर से तीन-तीन नाम चर्चा में हैं। हालांकि, कांग्रेस सरकार बनाती नहीं दिख रही है। भाजपा हमेशा मुख्यमंत्री को लेकर चौंकाती रही है, फिर भी आम लोगों के बीच प्रवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी और दुष्यंत गौतम के नाम की चर्चा है। वहीं, कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव, पूर्व CM शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित और महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा मुख्यमंत्री पद के बड़े दावेदार हो सकते हैं। दिल्ली को मिल सकता है SC मुख्यमंत्री भाजपा की ओर से CM पद के लिए चर्चा में पहला नाम प्रवेश जाट समुदाय से आते हैं। दिल्ली के 364 में से 225 गांवों में जाटों की आबादी सबसे ज्यादा है। दिल्ली की करीब 50 सीटों पर ये असर डालते हैं, जबकि 20 सीटों पर हार-जीत का फैसला करते हैं। ऐसे में हरियाणा और पश्चिमी यूपी समेत अन्य राज्यों के जाटों साधने के लिए प्रवेश को मौका मिल सकता है। दूसरा नाम रमेश बिधूड़ी का है। वे गुर्जर समुदाय से आते हैं। जाट के बाद गुर्जर समुदाय की आबादी दिल्ली में सबसे ज्यादा है। गुर्जर दिल्ली की 9 सीटों पर असर डालते हैं। इनके अलावा तीसरा नाम दुष्यंत गौतम का है। वे SC समुदाय से आते हैं। देश में इस समय एक भी दलित मुख्यमंत्री नहीं है। ऐसे में भाजपा की सरकार बनने पर दुष्यंत गौतम को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। पार्टी के संकल्प पत्र (मैनिफेस्टो) का तीसरा पार्ट जारी करते समय अमित शाह ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को दलित CM देने का वादा किया था। 2 बार सरकार बनी। जेल गए, तब मौका था, फिर भी दलित CM नहीं बनाया।

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दिल्ली चुनाव के नतीजों का संक्षिप्त अवलोकन

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2023 के लिए हालिया एग्जिट पोल ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। 11 एग्जिट पोल के निष्कर्षों के अनुसार, 9 एग्जिट पोल में यह दर्शाया गया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 27 वर्षों के बाद सत्ता में वापसी कर सकती है। वहीं, 2 एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार के दोबारा बनने का अनुमान लगाया गया है। यह रिपोर्ट ना केवल राजनीतिक दलों के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

भाजपा की संभावित वापसी

पोल के अनुसार, भाजपा के उम्मीदवारों को वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी का अनुमान है। अगर ये नतीजे वास्तविकता में तब्दील होते हैं तो यह भाजपा के लिए एक बड़ा मील का पत्थर होगा। पार्टी ने अपने पिछले कार्यकाल में कई विवादों का सामना किया है, लेकिन इस बार उनके चुनावी तंत्र की रणनीति अलग हो सकती है।

AAP की स्थिति

दूसरी ओर, AAP पार्टी इस चुनाव में अपने गठबंधन के माध्यम से अपनी खोई हुई स्थिति को पुनः प्राप्त करने का प्रयास कर रही है। हालांकि, एग्जिट पोल के नतीजों में उनका सामना भाजपा से होने की संभावना है। AAP ने पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान बनाया है, और वह अपनी उपलब्धियों को आधार बनाकर मतदाताओं को आकर्षित करने का प्रयास कर रही है।

किसकी सरकार बनेगी?

दिल्ली चुनाव में इस बार मुकाबला बेहद रोमांचक है। एग्जिट पोल का परिणाम न केवल भारतीय राजनीति के भविष्य को प्रभावित कर सकता है बल्कि दिल्ली की स्थानीय राजनीति में भी एक नया मोड़ ला सकता है। दिल्ली की जनता को उम्मीद है कि चुनाव परिणाम उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप होंगे।

आगे क्या?

अब सबकी नज़रें 2023 के चुनाव परिणामों पर टिकी हैं। नतीजों के दिन यह स्पष्ट होगा कि कौन सी पार्टी दिल्ली की सत्ता पर काबिज़ हो सकेगी। राजनीति में अचानक बदलाव और घटनाक्रम से प्रभावित होने वाली जनता चुनाव के नतीजे की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रही है।

दिल्ली चुनावों की विस्तृत जानकारी और अपडेट के लिए, कृपया dharmyuddh.com पर विजिट करें। Meta Description: 2023 के दिल्ली चुनावों में भाजपा और AAP के बीच कड़ा मुकाबला है। 11 एग्जिट पोल के अनुसार भाजपा की सत्ता में संभावित वापसी और AAP की सरकार का अनुमान। इस प्रकार, दिल्ली चुनाव पोल ऑफ पोल्स ने राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी है और अंतिम परिणाम का इंतज़ार सभी कर रहे हैं।