भाजपा के ‘ मुन्ना ‘, सदन से सड़क तक ‘ ता था थन्ना ‘, भाजपा का कटता रवन्ना

भाजपा के खिलाफ बंगाली समाज एक बार फिर सड़कों पर, मुस्लिम समाज भी उगल रहा आग एफएनएन, रुद्रपुर : राज्य के रजत जयंती स्थापना वर्ष पर बुलाया गया विधानसभा सत्र तीखी नोंकझोंक का हिस्सा बनकर रह गया। विपक्षी विधायकों के सदन में बात रखते ही मुन्ना सिंह चौहान बात-बात में टपकते नजर आए या फिर […] The post भाजपा के ‘ मुन्ना ‘, सदन से सड़क तक ‘ ता था थन्ना ‘, भाजपा का कटता रवन्ना appeared first on Front News Network.

भाजपा के ‘ मुन्ना ‘, सदन से सड़क तक ‘ ता था थन्ना ‘, भाजपा का कटता रवन्ना

भाजपा के खिलाफ बंगाली समाज एक बार फिर सड़कों पर, मुस्लिम समाज भी उगल रहा आग

एफएनएन, रुद्रपुर : राज्य के रजत जयंती स्थापना वर्ष पर बुलाया गया विधानसभा सत्र तीखी नोंकझोंक का हिस्सा बनकर रह गया। विपक्षी विधायकों के सदन में बात रखते ही मुन्ना सिंह चौहान बात-बात में टपकते नजर आए या फिर यूं कहें की टांग अड़ाते नजर आए, बेवजह बातों को उलझाते नजर आए। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने कई बार उन्हें टोका और रोका, लेकिन वह मानने के लिए तैयार ही नहीं थे। ऐसा लग रहा था कि मानो ठान के आए हैं कि टपकेंगे जरूर बिना सिर पैर की बात के, यहां तक की उन्होंने अपनी ही पार्टी के लाल कुआं से विधायक मोहन सिंह के कुमाऊनी में भाषण देने पर ही एतराज जाता दिया। वह कुमाऊनी भाषा जिसे पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की मांग उठती रही है।

वहीं हल्द्वानी के बनभूलपुरा को तो उन्होंने नरक तक कह डाला। बोले- उत्तराखंड उत्तराखंडियों के लिए है, कोई गैराज नहीं है। वैसे 65 वर्षीय मुन्ना सिंह चौहान के विवादित बोल या उनका बहस का अंदाज या तरीका नया नहीं है। हाल ही में बंगाली समाज के लिए उनका बयान खासा सुर्खियां बना, जिससे खुद पार्टी ने ही किनारा कर लिया। यहां तक की सत्ताधारी भाजपा के ही कई बड़े बंगाली नेता माफी मांगते दिखे। अंत में मुन्ना सिंह चौहान ने भी माफी मांगी। इसके बाद भी मुन्ना सिंह चौहान ‘ मुन्ना ‘ बनकर ही हर बात में टांग फंसाते या अड़ाते नजर आते हैं।

विकास नगर से पांच बार के विधायक मुन्ना सिंह चौहान वैसे तो भाजपा के विधायक हैं, लेकिन कहा जाता है कि वह त्रिवेंद्र सिंह रावत गुट से जुड़े हैं। बात अवैध खनन की हो या फिर नगर निकाय चुनाव में आरक्षण की, वह पुष्कर सिंह धामी सरकार से खुश नजर नहीं आते। सरकार को ही सदन में या बाहर खींचने में वह देर नहीं लगाते। हाल ही में उनकी पत्नी मधु चौहान का जिला पंचायत चुनाव में चकराता सीट से हारना भी उन्हें टीस दे रहा है। खैर मुन्ना सिंह चौहान को लेकर एक बार फिर खेमा बंदी शुरू हो गई है। बंगाली समाज उनसे काफी निराशा है और जगह-जगह उनकी पुतले फूंके जा रहे हैं। यह नाराजगी भाजपा के मिशन 2027 में बड़ी बाधा बन सकती है।

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