साइबर ठगों ने ओएनजीसी के जीएम को लूटे 7.39 करोड़, 100 करोड़ का मुनाफा दिखाने का झांसा

शेयर मार्केट में मोटा मुफाने का झांसा देकर साइबर ठगों ने लूट ली गाढ़ी कमाई, साइबर क्राइम पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा ओएनजीसी के महाप्रबंधक (जीएम) को लगा कि अब तो वह 100 करोड़ रुपये के मालिक बन गए हैं। उन्होंने शेयर मार्केट के नाम पर जो 7.39 करोड़ रुपये लगाए थे, उसका मुनाफा उन्हें […] The post ओएनजीसी के जीएम को 100 करोड़ का मुनाफा! फिर ठग लिए 7.39 करोड़ appeared first on The Lifeline Today : हिंदी न्यूज़ पोर्टल.

साइबर ठगों ने ओएनजीसी के जीएम को लूटे 7.39 करोड़, 100 करोड़ का मुनाफा दिखाने का झांसा
शेयर मार्केट में मोटा मुफाने का झांसा देकर साइबर ठगों ने लूट ली गाढ़ी कमाई, साइबर क्राइम पुलिस ने द�

साइबर ठगों ने ओएनजीसी के जीएम को लूटे 7.39 करोड़, 100 करोड़ का मुनाफा दिखाने का झांसा

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कम शब्दों में कहें तो, ओएनजीसी के महाप्रबंधक संदीप कुमार को साइबर ठगों ने 7.39 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बना दिया। शेयर मार्केट में 100 करोड़ रुपये का मुनाफा दिखाकर उन्होंने अपनी जमा पूंजी को गंवा दिया। यह मामला न केवल नैतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि साइबर सुरक्षा और ऑनलाइन निवेश की चेतना का एक बड़ा उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।

घटना का विवरण

दिल्ली में हाल ही में घटित हुई इस दिल दहला देने वाली घटना में ओएनजीसी के महाप्रबंधक ने 15 जून को अपने व्हाट्सएप पर एक लिंक प्राप्त किया। इस लिंक में उन्हें वेल्थ सीक्रेट एक्सचेंज ग्रुप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था। संदीप ने उल्लास में आकर इस लिंक पर क्लिक किया और देखते ही देखते 173 अन्य सदस्यों के साथ उस ग्रुप का हिस्सा बन गए।

ग्रुप के एडमिन मुकेश कुमार शर्मा ने उन्हें शेयर मार्केट में संभावित लाभ का लालच देकर निवेश करने के लिए प्रेरित किया। संदीप ने न केवल बड़े उत्साह के साथ निवेश किया, बल्कि एक ऐप के माध्यम से उन्हें दिखाया गया कि उन्होंने 100 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है, जिससे उनकी आशा और भी बढ़ गई।

निवेश का समय और समस्याएं

22 जुलाई से 20 अगस्त के बीच, संदीप ने 15 विभिन्न खातों में 7.39 करोड़ रुपये का निवेश किया। जैसे ही उन्होंने 5 करोड़ रुपये निकालने का प्रयास किया, उन्हें यह बताया गया कि उन्हें टैक्स के रूप में 3 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। यह वह क्षण था जब उन्हें यह समझ में आया कि वह ठगी का शिकार बन चुके हैं।

इस अनुभव को साझा करते हुए संदीप ने कहा कि उन्हें हमेशा सतर्क रहना चाहिए था और बिना किसी जानकारी के निवेश करने से बचना चाहिए। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हर व्यक्ति को ऑनलाइन निवेश के बारे में पूरी जानकारी हो।

पुलिस कार्यवाही और समाज में जागरूकता

इस घटना के बाद, संदीप ने साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि मोबाइल और डिजिटल साक्ष्य के बिना ऐसे मामलों में ठगों को पकड़ना मुश्किल है।

इस प्रकार की ठगी से बचाव के लिए उपयोगकर्ताओं को नेटवर्क सुरक्षा, पासवर्ड सुरक्षा और ऑनलाइन लेन-देन में सावधानी बरतने की बहुत आवश्यकता है। केवल जागरूकता से ही हम आगे बढ़ सकते हैं।

समापन विचार

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आज के डिजिटल युग में वास्तविक लाभ का अनुभव करने के लिए हमेशा सतर्क रहना आवश्यक है। हमारी जानकारी और सावधानी से ही हम साइबर ठगों के जाल में फंसने से बच सकते हैं। संदीप कुमार से हमें यह सीखना चाहिए कि डिजिटल दुनिया में सुरक्षित व्यवहार अपनाना अनिवार्य है।

आशा करते हैं कि संदीप कुमार को न्याय मिले और अन्य लोग भी इस ठगी से सीख लेकर सतर्क रहें। हमें इस तरह की घटनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि कुछ और लोग ऐसे ठगी का शिकार न हों।

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