पीड़ितों को न्याय और राहत: सीडीओ की अपील पर कार्यवाही का आग्रह
देहरादून: मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह की अध्यक्षता में शुक्रवार को विकास भवन में अनुसूचित जाति, जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम-1995 के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक हुई। बैठक में अधिनियम के अंतर्गत वर्ष 2021 से अभी तक पीड़ितों के प्राप्त प्रकरणों और उनको राहत व आर्थिक सहायता वितरण कार्यो की […] The post पीड़ितों को मिले न्याय, समय से वितरण करे राहत एवं आर्थिक सहायता- सीडीओ appeared first on Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा.

पीड़ितों को न्याय और राहत: सीडीओ की अपील पर कार्यवाही का आग्रह
कम शब्दों में कहें तो, देहरादून में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने अनुसूचित जाति, जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम-1995 के तहत जिला स्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक बुलाई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करना और उन्हें समय पर राहत एवं आर्थिक सहायता वितरण के कार्यों की समीक्षा थी।
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने विकास भवन में आयोजित की गई एक महत्वपूर्ण बैठक में जोर दिया कि पीड़ितों को न्याय समय पर मिलना चाहिए तथा राहत और आर्थिक सहायता का वितरण तत्परता से किया जाना चाहिए। उन्होंने जिले में अनुसूचित जातियों और जनजातियों के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया।
बैठक के उद्देश्य और विचार
इस बैठक में वर्ष 2021 से अब तक के पीड़ितों के मामलों की समीक्षा की गई। अधिकारियों ने बताया कि राहत और आर्थिक सहायता के वितरण कार्यों में गति लाने की आवश्यकता है। शाह ने विभिन्न विभागों को निर्देशित किया कि वे पीड़ितों के मामलों का त्वरित समाधान करें, ताकि उन्हें आवश्यक सहायता मिल सके।
सामाजिक सुरक्षा पर ध्यान
सीडीओ शाह ने इस बात पर जोर दिया कि समाज में कमजोर वर्गों के खिलाफ अत्याचारों की रोकथाम के लिए कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने दायित्वों को समझें और कार्यों में तत्परता दिखाएं। उनका मानना है कि इससे न्याय प्राप्त करने की प्रक्रिया सरल होगी और भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति कम होगी।
अनुसूचित जातियों और जनजातियों के अधिकारों का संरक्षण
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि अनुसूचित जातियों और जनजातियों के अधिकारों की सुरक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी संबंधित अधिकारी मिलकर कार्य करें ताकि इस दिशा में सार्थक प्रगति हो सके। बैठक में अन्य अधिकारियों ने भी सुझाव दिए कि देश में ऐसे मामलों के निपटाने की प्रक्रिया में तेजी लाने की आवश्यकता है।
आलोचना और सुधारों की आवश्यकता
बैठक में उपस्थित कुछ सदस्यों ने न्यायालयों में लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए विशेष न्यायिक प्रक्रियाएं अपनाने का आग्रह किया। इससे न केवल पीड़ितों को राहत मिलेगी, बल्कि उनके मामलों का त्वरित निवारण भी संभव होगा। इस संदर्भ में अनेक उपयोगी सुझाव सामने आए।
सकारात्मक प्रयासों की आवश्यकता
अभिनव शाह की अध्यक्षता में हुई यह बैठक स्पष्ट करती है कि पीड़ितों को न्याय प्रदान करना अत्यंत आवश्यक है और इसके लिए सभी स्तरों पर ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन कितनी जल्दी और प्रभावी कार्यवाही करता है। सरकारी नीतियों का सही क्रियान्वयन ही सुनिश्चित करेगा कि समाज के ये कमजोर वर्ग सुरक्षित और समर्थ बन सकें।
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यह लेख टीम Dharm Yuddh द्वारा लिखा गया है। अधिक अपडेट के लिए, कृपया हमारे वेबसाइट पर जाएं: dharmyuddh.