भाई-बहन के गैंग ने 10 साल में की 500 चोरियां:धार्मिक कार्यक्रमों में धक्का–मुक्की के बीच मंगलसूत्र–चेन झपटती हैं, दिल्ली–उड़ीसा में भी FIR

भोपाल की कोहेफिजा पुलिस ने जो गैंग पकड़ा है उसके तार देश के दूसरे राज्यों से भी जुड़े हैं। ये गैंग देशभर में धार्मिक आयोजनों में धक्का-मुक्की के बीच मंगलसूत्र और चेन झपटता था। गैंग के खिलाफ मध्य प्रदेश के अलावा दिल्ली और उड़ीसा में भी एफआईआर दर्ज है। ये गैंग 10 साल में करीब 500 चोरियों को अंजाम दे चुका है। इसका मूवमेंट महाराष्ट्र और राजस्थान में भी रहा है। पुलिस इन राज्यों में भी वारदात की डिटेल खंगाल रही है। पुलिस ने जैन समाज के चल समारोह में सोने की 9 चेन चुराने वाले गैंग की चार महिला सदस्यों को पकड़ा तो इसका खुलासा हुआ। गैंग के मुख्य सरगना मधु नायडू और उसका भाई अंशु नायडू हैं। इनकके गिरोह में तीन अन्य महिलाएं भी हैं। मधु सहित चारों महिलाएं गिरफ्तार हो चुकी हैं। उनके पास से चेन भी बरामद हुई है, लेकिन भाई अंशु फरार है। पुलिस पूछताछ में गैंग को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। भास्कर की पड़ताल में पता चला कि पुलिस की पकड़ से बचने के लिए इस गैंग ने सात दिन में 2175 किलोमीटर की दूरी तय की थी। कभी भी एक ठिकाने पर नहीं रूकती थी ताकि उनकी लोकेशन ट्रेस न हो सके। भाई-बहन की गैंग कैसे शुरू हुई, कैसे इसमें और महिलाएं जुड़ीं, किसकी क्या भूमिका थी… पढ़िए ये रिपोर्ट - पुलिस पूछताछ में पता चला कि मधु जब 20 साल की थी तब उसने ये गैंग शुरू की थी। घर की जिम्मेदारी उस पर थी। दूसरी ओर 18 साल का होने जा रहा छोटा भाई अंशु जिंदगी में क्या करेगा इसकी चिंता भी उसे ही करनी थी। मधु को यह भी नहीं पता था कि कभी उसकी शादी हो सकेगी या नहीं। इसी बीच उसने एक ऐसा कदम उठाया जिसने उसकी जिंदगी बदलकर रख दी। मधु ने पहली बार एक महिला की चैन चुराई। इसमें भाई अंश भी उसके साथ था। इस कदम ने भाई–बहन के सामने अपराध की नई दुनिया का रास्ता खोल दिया। कुछ ही समय में तीन और महिलाएं इस गिरोह से जुड़ गईं। मधु नायडू और अंशु नायडू… भाई–बहन की यह जोड़ी अपनी गैंग के साथ कार से देश भर में घूम–घूमकर अब तक करीब 500 चोरियों को अंजाम दे चुकी है। इनका वारदात को अंजाम देने का अपना अनूठा तरीका एक ही होता था, भाई अंशु बड़े धार्मिक कार्यक्रमों का पता करके टारगेट तय करता था और महिला गैंग को वहां तक लेकर पहुंच जाता था। मधु के डाइरेक्शन में महिला अपराधी शिकार महिलाओं के गले से चेन उड़ाती जाती थीं और तगड़ा माल हाथ लगते ही अंशु के साथ गैंग शहर से दूर फरार हो जाता। जैन समाज के धार्मिक आयोजन के बाद पकड़ी गई गैंग 1 जनवरी को भोपाल के लालघाटी में जैन समाज के धार्मिक कार्यक्रम में महिलाओं के गले से चेन चोरी की शिकायत कोहेफिजा पुलिस को मिली। पुलिस सक्रिय हो पाती इससे पहले पीड़ित महिलाओं की संख्या बढ़ने लगी। एक–एक करके नौ पीड़ित महिलाएं सामने आ गईं। थाना प्रभारी बजेंद्र मस्कोले बताते हैं, जब हमने पड़ताल शुरू की तो अपराध का तो पता चला लेकिन यह अंदाजा नहीं लग पा रहा था कि अपराधी आए कहां से थे और गए कहां? हमने महाराज जी के विहार मार्ग में पड़ने वाले शहरों से पड़ताल शुरू की। धीरे–धीरे हमारे हाथ कुछ सुराग लगने शुरू हुए आखिरकार एक सप्ताह बाद अपराध को अंजाम देने वाली गैंग को पकड़ने में सफलता मिली। पुलिस से बचने तीन राज्यों में 2175 किमी भागे नए साल के पहले दिन एक जनवरी को भोपाल के लालघाटी में वारदात करके निकला महिलाओं का यह गिरोह राजगढ़, गुना हाेते हुए शिवपुरी पहुंचा। यहां से यह महाराष्ट्र के धुले पहुंचे। धुले से वापस मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश कर बड़वानी पहुंचा और फिर महाराष्ट्र के नंदूरबार हाेते हुए गुजरात के सूरत पहुंच गया। सूरत के बाद वडोदरा गया। वहां से वापस मध्यप्रदेश के इंदौर आ गया। इसके बाद गैंग ने शातिर चाल चली, पुलिस जहां उन्हें दूसरे प्रदेशों में तलाश रही थी, वे सीधे आठ दिनों पहले वारदात के स्थल भोपाल आ गए, लेकिन इसी शातिर चाल ने उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया, गिरोह 8 जनवरी को पुलिस के हत्थे चढ़ गया। भागने का रूट मैप भोपाल से राजगढ़–गुना– शिवपुरी– 317 किमी शिवपुरी से धुले– 617 किमी धुले से बड़वानी– 157 किमी बड़वानी से नंदूरबार– 128 किमी नंदूरबार से सूरत– 170 किमी सूरत से बड़ोदरा– 259 किमी बड़ोदरा से इंदौर– 337 किमी इंदौर से भोपाल– 190 किमी आठ दिन में भागे– 2175 किमी वारदात करके कार में ही चलते, होटल नहीं लेते थे पुलिस ने मधु नायडू, नगम्मा नायडू, ज्योति नायडू और अंजली नायडू को तो गिरफ्तार कर लिया जबकि गिरोह का प्रमुख सदस्य और मधु का भाई अंशु नायडू फरार हो गया, लेकिन पुलिस का घेरा इतना तगड़ा था कि अंशु काे कार मौके पर ही छोड़कर भागना पड़ा। गिरोह के सामान के साथ कार क्रमांक DL 8 CAZ 7477 जब्त की गई जो दिल्ली में अंशु के नाम पर रजिस्टर्ड है। महिलाओं ने भी अपना पता उत्तम नगर और अंबेडकर नगर दिल्ली बताया है। जिसकी तस्दीक के लिए एक टीम दिल्ली गई हुई है। पुलिस पूछताछ में अपराधियों ने बताया कि वारदात के बाद हम कार में दूसरे शहर की ओर निकल जाते और 200–300 किमी से पहले नहीं ठहरते। इसके बाद भी हम रात रुकने के लिए होटल नहीं लेते, क्योंकि हम जानते हैं कि पुलिस जांच में वहां से हमारे रुकने के सबूत, सीसीटीवी फुटेज मिल सकते हैं। ज्यादातर कार में ही रुकते, सोते हुए भागते हैं और पूरी तरह संतुष्ट होने पर ही ढिलाई बरतते हैं। इस बार भी हम कई राज्यों में भागे हमें जरा भी अंदाजा नहीं था पुलिस हमें पकड़ लेगी। दिन में सिर्फ एक बार ऑन करते थे मोबाइल धार्मिक स्थल पर पहुंचने के बाद अंशु माहौल पर नजर रखता था, जबकि मधु, ज्योति, अंजली और नगम्मा अपराध को अंजाम देते, मौका होता तो एक के बाद एक पांच से 10 चेन तक चुरा लेते। जैसे ही सोने की अच्छी मात्रा इकट्‌ठी हो जाती, गिरोह मौके से निकल जाता। पकड़ाते ही छुड़ाने आ जाते हैं वकील, स्थानीय वकीलों से लगवाते हैं केस पुलिस ने बताया कि इस गैंग के काम करने का तरीका ऐसा है कि इनके गिरफ्तार होते ही पुलिस चाहे कितनी ही छुपाने की कोशिश करे लेकिन वकील पहुंच ही जाते हैं। दरअसल यह गैंग जिस भी शहर में अपराध

भाई-बहन के गैंग ने 10 साल में की 500 चोरियां:धार्मिक कार्यक्रमों में धक्का–मुक्की के बीच मंगलसूत्र–चेन झपटती हैं, दिल्ली–उड़ीसा में भी FIR
भोपाल की कोहेफिजा पुलिस ने जो गैंग पकड़ा है उसके तार देश के दूसरे राज्यों से भी जुड़े हैं। ये गैंग दे

भाई-बहन के गैंग ने 10 साल में की 500 चोरियां

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गैंग का स्वरूप और संचालन

दिल्ली और उड़ीसा में सक्रिय एक भाई-बहन का गैंग पिछले 10 वर्षों में लगभग 500 चोरियों को अंजाम दे चुका है। यह गैंग विशेषकर धार्मिक कार्यक्रमों में धक्का-मुक्की के बीच अपने शिकारों को ध्यान में रखते हुए मंगलसूत्र और चेन झपट लेता है। ये चोरियां न केवल आम जनता के लिए चिंता का विषय बन गई हैं, बल्कि यह प्रशासन के लिए भी एक चुनौती है।

धार्मिक कार्यक्रमों में अपराध

गैंग के सदस्य अक्सर भीड़-भाड़ वाले स्थानों, जैसे कि मंदिरों और धार्मिक उत्सवों, का चयन करते हैं। वहां, भीड़ के बीच उनकी चोरियों को अंजाम देना आसान होता है। इस प्रकार की गतिविधियों ने कई लोगों को मानसिक तनाव में डाल दिया है और इससे धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर प्रश्न उठने लगे हैं।

दिल्ली और उड़ीसा में FIR

हाल ही में इस गैंग के खिलाफ दिल्ली और उड़ीसा में FIR दर्ज की गई हैं। यह FIR गैंग के सदस्यों के खिलाफ उनके लगातार अपराधों को दर्शाती हैं। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है ताकि आम जनता को सुरक्षा प्रदान की जा सके।

सुरक्षा उपाय और जागरूकता

इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए लोगों को जागरूक होना चाहिए। धार्मिक स्थलों पर जाते समय सावधानी बरतना आवश्यक है। प्रशासन को भी सुरक्षा उपायों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, जैसे कि सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती।

निष्कर्ष

भाई-बहन के गैंग की गतिविधियां समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय हैं। समय रहते इनसे निपटने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए। यह केवल प्रशासन का काम नहीं है, बल्कि सभी नागरिकों को भी सचेत रहना होगा और अपनी तथा दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।

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