मध्य प्रदेश: दबोह थाने के बाहर घायल युवक की पुकार अनसुनी, पुलिसकर्मी वाहनों की सफाई में जुटे
एफएनएन, भिंड : मध्यप्रदेश के भिंड जिले में पुलिस की लापरवाही और असंवेदनशीलता का शर्मनाक चेहरा सामने आया है। दबोह थाना परिसर में एक गंभीर रूप से घायल युवक घंटों मदद की गुहार लगाता रहा, लेकिन पुलिसकर्मी अपनी गाड़ी धुलवाने में ही व्यस्त रहे। संपत्ति विवाद ने लिया हिंसक रूप बरथरा गांव में पुराने जमीन विवाद […] The post MP: थाने के बाहर तड़पता रहा घायल… पुलिसकर्मी गाड़ी धुलवाने में व्यस्त, FIR के लिए पैसे की डिमांड ! appeared first on Front News Network.

मध्य प्रदेश: दबोह थाने के बाहर घायल युवक की पुकार अनसुनी, पुलिसकर्मी वाहनों की सफाई में जुटे
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Dharm Yuddh
कम शब्दों में कहें तो, भिंड जिले में पुलिसकर्मियों की लापरवाही और मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। दबोह थाना परिसर में एक घायल युवक को इंतज़ार के दौरान घंटों मदद नहीं मिल पाई, क्योंकि पुलिसकर्मी अपनी गाड़ियों को धुलवाने में व्यस्त रहे।
संपत्ति विवाद ने लिया हिंसक रूप
भिंड जिले के बरथरा गांव में एक पुराना संपत्ति विवाद खूनी संघर्ष का कारण बन गया। नंदकिशोर परिहार और कोमल परिहार ने इस मामले में श्यामू परिहार पर कठोर हमला किया जिसमें कुल्हाड़ी और लाठियों का इस्तेमाल किया गया। इस हमले से गंभीर रूप से घायल श्यामू को उनके भाई रामू ने किसी तरह दबोह थाने तक पहुँचाया।
पुलिस ने दिखाई बेरुखी
घटनास्थल के गवाहों का कहना है कि सब-इंस्पेक्टर रविंद्र मांझी और अन्य पुलिसकर्मी घायलों की मदद करने के स्थान पर अपनी गाड़ियों की सफाई में लगे हुए थे। इस दौरान श्यामू थाने के बाहर गंभीर स्थिति में दर्द से तड़पता रहा, लेकिन उसकी मदद के लिए कोई भी आगे नहीं आया। यह ऐसी स्थिति है जो हमारी पुलिस प्रणाली की संवेदनहीनता को उजागर करती है।
FIR के नाम पर मांगे पैसे
श्यामू के परिवार ने गंभीर आरोप लगाया है कि जब उन्होंने FIR दर्ज कराने की मांग की, तो पुलिसकर्मियों ने पैसे की मांग की। पैसे न देने पर श्यामू को ही आरोपी बना दिया गया। इस मामले ने क्षेत्र में आक्रोश उत्पन्न कर दिया है और स्थानीय लोग पुलिस की कार्रवाई के प्रति असंतोष व्यक्त कर रहे हैं।
पीड़ित के भाई रामू परिहार का बयान
रामू परिहार, श्यामू के भाई ने कहा, “पुलिस हमारे भाई को बचाने की बजाय हमसे मोल-भाव कर रही थी।” रामू ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ उच्च न्यायालय में जाकर न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि इस घटना ने उन्हें बेहद दुखी और अपमानित किया है।
समाज में व्याप्त ऐसी घटनाओं की गंभीरता
यह घटना केवल एक अकेली घटना नहीं बल्कि हमारे समाज में पुलिस की ऐसी कई तस्वीरें हैं जो दिल को दहला देती हैं। जब कानून के रखवाले ही असंवेदनशील हो जाएं, तब आम जनता किस पर भरोसा करें? इस घटना से यह साफ हो गया है कि पुलिस सस्ते और तात्कालिक समाधान पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जबकि उन्हें अपने दायित्वों का पालन करना चाहिए।
क्षेत्र की जनता अब इस मामले में न्याय की मांग कर रही है और पुलिस प्रशासन के खिलाफ आवाज़ उठा रही है। यह समय है जब शासन और प्रशासन को ऐसे मामलों में गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
इस दुःखद घटना पर कई लोगों ने अपनी आवाज़ उठाई है, जो यह दिखाने के लिए काफी है कि इस तरह की असंवेदनशीलता को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हम आशा करते हैं कि इस मामले में उचित न्याय मिलेगा।
इसके साथ ही स्थानीय शासन और प्रशासन को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कार्रवाई करने की आवश्यकता है। कानून को अपनी स्थिति को सुधारकर लोगों के प्रति जवाबदेह होना चाहिए।
इस संबंध में और जानकारी के लिए, कृपया हमारे पोर्टल Dharm Yuddh पर जाएं।
समाप्त। Team Dharm Yuddh, प्रियंका शर्मा