1.47 करोड़ रुपये की ठगी, 12 दिन डिजिटल अरेस्ट के बाद हिमाचल से आरोपी गिरफ्तार

एफएनएन, देहरादून: महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय से रिटायर्ड कुलपति को डिजिटल अरेस्ट कर 1.47 करोड़ रुपए ठगने वाले आरोपी को पुलिस ने हिमाचल प्रदेश के सोलन से गिरफ्तार किया है. आरोपी ने 12 दिन तक पीड़ित को घर पर व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट किया था. महाराष्ट्र पुलिस के साइबर क्राइम विभाग के […] The post 1.47 करोड़ रुपए ठगे, 12 दिन रखा डिजिटल अरेस्ट, आरोपी हिमाचल से हुआ गिरफ्तार appeared first on Front News Network.

1.47 करोड़ रुपये की ठगी, 12 दिन डिजिटल अरेस्ट के बाद हिमाचल से आरोपी गिरफ्तार
एफएनएन, देहरादून: महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय से रिटायर्ड कुलपति को डिजिटल अर

1.47 करोड़ रुपये की ठगी, 12 दिन डिजिटल अरेस्ट के बाद हिमाचल से आरोपी गिरफ्तार

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कम शब्दों में कहें तो, महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के रिटायर्ड कुलपति का 1.47 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। आरोपी को हिमाचल प्रदेश के सोलन से गिरफ्तार किया गया है, जिसने पीड़ित को 12 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा था।

एफएनएन, देहरादून: उत्तराखंड की पुलिस ने बुधवार को एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के रिटायर्ड कुलपति से 1.47 करोड़ रुपये ठगने के आरोपी को हिमाचल प्रदेश के सोलन से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने 12 दिनों तक व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट किया था।

कैसे हुई ठगी?

आरोपी ने खुद को महाराष्ट्र पुलिस के साइबर क्राइम विभाग का अधिकारी बताकर पीड़ित से ठगी की। उसने कहा कि पीड़ित के नाम पर खोले गए बैंक खाते में 60 करोड़ की धनराशि आई है और उस पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज होने वाला है। इस डर के चलते पीड़ित ने आरोपी के निर्देशों का पालन करते हुए अलग-अलग खातों में 1.47 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए।

पुलिस की कार्रवाई

पीड़ित, जो नैनीताल का निवासी है, ने इस घटना के बाद साइबर पुलिस थाना में एक शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने बैंक खातों और आरोपियों के मोबाइल नंबरों का सत्यापन करने के बाद सोलन के राजेंद्र कुमार नामक व्यक्ति की पहचान की। पुलिस ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई शुरू की और उसे उसी दिन गिरफ्तार कर लिया।

डिजिटल अरेस्ट का नया तरीका

डिजिटल अरेस्ट एक नया ठगी करने का तरीका है जिसमें साइबर ठग खुद को पुलिसकर्मी, सीबीआई या इनकम टैक्स अधिकारी बताकर पीड़ित को डराते हैं। पीड़ित को यह विश्वास दिलाया जाता है कि उसे डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है। कई लोग इस डर से अपने रुपये गंवा देते हैं।

शिकायत कैसे करें?

यदि कोई आपको डिजिटल अरेस्ट की धमकी देता है, तो आपको सतर्क रहना चाहिए। ध्यान रहे कि किसी भी सरकारी अधिकारी का ऐसा अधिकार नहीं होता है। ऐसी धोखाधड़ी की घटनाओं की रिपोर्ट cybercrime.gov.in पर करें या सहायता के लिए 1930 पर कॉल करें।

इस प्रकार के मामलों की बढ़ती संख्या समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता को बताती है। सभी नागरिकों को साइबर सुरक्षा के उपायों और धोखाधड़ी से बचने के तरीकों के प्रति जागरूक रहना चाहिए।

दिव्यानी शर्मा
Team Dharm Yuddh