'India will keep Indus Waters Treaty in abeyance until Pakistan…': What MEA said?
India suspended the Indus Waters Treaty on 23 April 2025, following the terrorist attack in Pahalgam, Jammu and Kashmir, which resulted in the deaths of 26 civilians.

India will keep Indus Waters Treaty in abeyance until Pakistan…: What MEA said?
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भारत सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि वह सिंधु जल समझौते को तब तक निलंबित रखेगी जब तक पाकिस्तान अपनी गतिविधियों में आवश्यक सुधार नहीं करता। इस समाचार ने दोनों देशों के बीच जल विवाद को और भी जटिल बना दिया है।
MEA का बयान
विदेश मंत्रालय (MEA) के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम सिंधु जल समझौते का पालन जारी रखते हैं, लेकिन पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे कदमों के कारण हमें इस समझौते को निलंबित रखने का निर्णय लेना पड़ा है।" यह कदम पाकिस्तान के ऐसे कार्यों के जवाब में है जो भारत के जल अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।
सिंधु जल समझौते का महत्व
सिंधु जल समझौता 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित हुआ था, जो सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के जल के उपयोग का निर्धारण करता है। यह समझौता दोनों देशों के बीच जल विवाद को सुलझाने के लिए एक महत्वपूर्ण आधार था। लेकिन हाल के वर्षों में, पाकिस्तान की गतिविधियों ने इसे चुनौती दी है।
पाकिस्तान की गतिविधियाँ और भारत का प्रतिक्रिया
खबरों के अनुसार, पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे जल के तहत बांधों के निर्माण ने भारत की चिंता को बढ़ा दिया है। भारत ने बार-बार पाकिस्तान को इसकी जानकारी दी है, लेकिन निरंतर संवाद के अभाव में फसल और जन जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए इस निर्णय का आधार बना है।
भविष्य की राह
भारत के इस निर्णय ने दोनों देशों के बीच जल विवाद को एक नई दिशा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पाकिस्तान अपने कार्यों में गुणवत्ता सुधार नहीं करता तो यह स्थिति और भी बिगड़ सकती है। इस संदर्भ में, दोनों देशों के बीच संवाद को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
सिंधु जल समझौते का निलंबन एक बड़ी रणनीतिक चाल हो सकती है, जो दोनों देशों के बीच जल विवाद को लेकर गंभीरताओं को दर्शाती है। इसे ध्यान में रखते हुए, यह आवश्यक है कि पाकिस्तान इस मुद्दे का समाधान निकाले। उम्मीद है कि आने वाले समय में संवाद और सहयोग से दोनों देश एक सहमति पर पहुंचेंगे।
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