उत्तराखंड के विकास के लिए प्रतिबद्धता: मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन और शत्रुघ्न सिंह ने प्रस्तुत किया 'विकसित उत्तराखंड विजन 2047'

देहरादून: कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि विजनिंग अभ्यास सभी सरकारी विभागों के लिए मुख्य प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह वर्तमान के लिए एक योजना नहीं है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक निवेश है। उन्होंने दीर्घकालिक नीति को आकार देने और लागू करने में सरकारी […] The post मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन एवं सेतु आयोग के सीईओ शत्रुघ्न सिंह ने विकसित उत्तराखण्ड विजन 2047 कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में प्रतिभाग किया appeared first on Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा.

उत्तराखंड के विकास के लिए प्रतिबद्धता: मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन और शत्रुघ्न सिंह ने प्रस्तुत किया 'विकसित उत्तराखंड विजन 2047'
देहरादून: कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि विजनिंग अभ्यास सभी स�

उत्तराखंड के विकास के लिए प्रतिबद्धता: मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन और शत्रुघ्न सिंह ने प्रस्तुत किया 'विकसित उत्तराखंड विजन 2047'

देहरादून: हाल ही में आयोजित 'विकसित उत्तराखंड विजन 2047' कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह विजनिंग अभ्यास सभी सरकारी विभागों के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता होनी चाहिए। जहां एक ओर कार्यशाला का उद्देश्य दीर्घकालिक योजनाओं को आकार देना था, वहीं दूसरी ओर यह सभी विभागों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने का भी अवसर प्रदान करती है।

कार्यशाला का महत्व

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए यह स्पष्ट किया कि विजनिंग प्रक्रिया को वर्तमान समय के लिए योजना के रूप में नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक निवेश के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य की दीर्घकालिक नीति को आकार देने और लागू करने में सरकारी अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनके अनुसार, यह कार्यशाला उत्तराखंड की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सभी विभागों द्वारा सामूहिक प्रयासों को संचालित करने की आवश्यकता को उजागर करती है।

दीर्घकालिक योजनाएं और विकास का मार्गदर्शन

मुख्य सचिव ने कहा कि हमें ऐसी योजनाओं की आवश्यकता है जो न केवल वर्तमान की ज़रूरतों को पूरा करें, बल्कि भविष्य में आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सहायक हों। कार्यशाला में हुए विचार-विमर्श में आर्थिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण जैसे कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी विभागों का विजन भविष्य के परिप्रेक्ष्य में हो, सलाह भी दी गई।

शत्रुघ्न सिंह का योगदान

सेतु आयोग के सीईओ शत्रुघ्न सिंह ने कार्यशाला के दौरान अपने विचार साझा करते हुए कहा कि उत्तराखंड को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुँचाने के लिए एक समर्पित और सुनियोजित दृष्टिकोण आवश्यक है। उन्होंने सरकारी योजनाओं में नागरिकों की भागीदारी को भी महत्वपूर्ण बताया, जिससे विकास की प्रक्रिया में हर एक व्यक्ति की आवाज़ को शामिल किया जा सके।

समग्र निष्कर्ष

यह कार्यशाला उत्तराखंड के विकास हेतु एक महत्वपूर्ण मंच स्थापित करती है, जिससे सभी विभाग एक साझा विजन के तहत एकजुट होकर कार्य कर सकें। आने वाले समय में, सरकार को इन योजनाओं को अति तत्परता से लागू करने की आवश्यकता है, ताकि उत्तराखंड का विकास और बेहतर बन सके। साथ ही, यह कार्यशाला यह संदेश देती है कि हर एक विभाग के बीच सहयोग और एकजुटता की आवश्यकता है, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक समृद्ध राज्य का निर्माण किया जा सके।

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कम शब्दों में कहें तो, यह कार्यशाला दीर्घकालिक योजनाओं को विकसित करने के लिए एक ठोस आधार तैयार करती है। अधिक जानकारी के लिए, [यहाँ क्लिक करें](https://dharmyuddh.com) करें।

सादर, टीम धर्म युद्ध

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