उत्तराखण्ड के दो पंजीकृत अमान्यता प्राप्त दलों को निर्वाचन आयोग की ओर से नोटिस
उत्तराखण्ड के 2 पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनैतिक दल RUPPs को नोटिस* – बीते दो चरणों में अबतक 17 (आर.यू.पी.पी.) को किया जा चुका है डिलिस्टेड देहरादून। भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तराखण्ड के दो पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनैतिक दल (RUPPs) को नोटिस जारी किया है। इन दलों द्वारा बीते 06 वर्षों अर्थात वर्ष 2019 से अब […] The post उत्तराखण्ड के 2 पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनैतिक दल RUPPs को नोटिस appeared first on The Lifeline Today : हिंदी न्यूज़ पोर्टल.

उत्तराखण्ड के दो पंजीकृत अमान्यता प्राप्त दलों को निर्वाचन आयोग की ओर से नोटिस
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कम शब्दों में कहें तो, भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तराखण्ड के दो पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों (RUPPs) को कानूनी नोटिस जारी किया है। इन दलों ने पिछले छह वर्षों में अपने चुनावी लेखा-जोखा प्रस्तुत नहीं किया है, जिसके चलते उन्हें यह नोटिस मिला है।
देहरादून। भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तराखण्ड के दो पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस उन दलों के खिलाफ कार्रवाई के तहत है जिन्होंने बीते छह वर्षों, अर्थात वर्ष 2019 से लेकर अब तक, विभिन्न चुनावों में भाग लिया, लेकिन वित्तीय वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट और इलेक्शन एक्सपेंडेचर स्टेटमेंट आयोग में जमा नहीं कराई हैं। आयोग ने इन दलों को 13 अक्टूबर, 2025 तक अपने पक्ष को प्रस्तुत करने का समय दिया है।
डिलिस्टिंग की प्रक्रिया
गौरतलब है कि इसके पहले निर्वाचन आयोग द्वारा अब तक 17 ऐसे (आर.यू.पी.पी.) दलों को डिलिस्ट किया जा चुका है। आयोग के अनुसार, राजनैतिक दलों को विधान सभा चुनावों के 75 दिनों और लोक सभा चुनावों के 90 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य है। ऐसे में यदि वे अपनी रिपोर्ट नहीं प्रस्तुत करते हैं, तो उनके पंजीकरण को रद्द किया जा सकता है।
नोटिस प्राप्त दलों की जानकारी
इन दलों को जो नोटिस दिया गया है, उनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- भारतीय सर्वोदय पार्टी, 152/126 पटेल नगर (पश्चिम), देहरादून, उत्तराखण्ड।
- उत्तराखण्ड प्रगतिशील पार्टी, 13-सुभाष रोड, सेन्ट जोसेफ स्कूल के पिछले गेट के सामने, देहरादून, उत्तराखण्ड।
राजनैतिक दलों को प्रदान किए गए लाभ
राजनैतिक दल लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-29 के प्राविधानों के अंतर्गत भारत निर्वाचन आयोग में पंजीकृत होते हैं। पंजीकरण के बाद आयोग द्वारा इन दलों को कई प्रकार के लाभ प्रदान किए जाते हैं। इनमें आयकर से छूट, मान्यता, सामान्य प्रतीक आवंटन और स्टार प्रचारकों का नामांकन शामिल है।
इस तरह के नियम और नीतियां सुनिश्चित करती हैं कि राजनैतिक दल अनुशासन के साथ काम करें और चुनावों में पारदर्शिता बनाए रखें। इससे ना केवल चुनाव प्रक्रिया की मजबूती होती है, बल्कि लोकतंत्र की नींव भी मजबूत होती है।
आगामी समय में, यदि ये दल अपनी आवश्यक रिपोर्ट और विवरण आयोग में प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें नुक्सान उठाना पड़ सकता है। इसलिए, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वे अपने कानूनी जवाबी कार्रवाई में क्या कदम उठाते हैं।
राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है कि वे सही समय पर आवश्यक दस्तावेज जमा करें ताकि उनकी वैधता पर कोई प्रश्न न उठे। इस संदर्भ में, आयोग की पहल इस बात का संकेत देती है कि वह गंभीरता से लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का पालन कराना चाहता है।
स्रोत: Dharm Yuddh
संपादित: रिया शर्मा, टीम धर्म युद्ध