उत्तराखण्ड में नशा मुक्त अभियान: बनभूलपुरा में STF और औषधि विभाग की बड़ी कार्रवाई

हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री के दिशा-निर्देशों पर प्रदेश में नशा मुक्त अभियान को और तेज़ी मिल रही है। इसी क्रम में मंगलवार को औषधि नियंत्रक विभाग और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई अंजाम दी। पाँच मेडिकल स्टोरों की जाँच, तीन पर अनियमितताएँ संयुक्त निरीक्षण […] The post नशा मुक्त उत्तराखण्ड: बनभूलपुरा में STF और औषधि नियंत्रक विभाग की बड़ी कार्रवाई, मेडिकल स्टोर सील appeared first on The Lifeline Today : हिंदी न्यूज़ पोर्टल.

उत्तराखण्ड में नशा मुक्त अभियान: बनभूलपुरा में STF और औषधि विभाग की बड़ी कार्रवाई
हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री के दिशा-निर्देशों पर प्रदेश में नश�

उत्तराखण्ड में नशा मुक्त अभियान: बनभूलपुरा में STF और औषधि विभाग की बड़ी कार्रवाई

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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड की शासन व्यवस्था द्वारा नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में एसटीएफ और औषधि नियंत्रक विभाग ने एक निर्णायक कार्रवाई की है।

कार्रवाई की पृष्ठभूमि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों पर राज्य में नशा मुक्त उत्तराखंड अभियान को और तेजी मिली है। इसी क्रम में, मंगलवार को औषधि नियंत्रक विभाग और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने बनभूलपुरा क्षेत्र में छापेमारी की। इस जांच में पाँच मेडिकल स्टोरों की गहन जांच की गई।

पाँच मेडिकल स्टोरों की जांच, तीन पर मिली अनियमितताएँ

संयुक्त निरीक्षण के दौरान, पाँच मेडिकल स्टोरों में से तीन पर अनियमितताएँ पाई गईं। इन स्टोरों को नोटिस जारी कर जवाब माँगा गया है। एक स्टोर का संचालन तत्काल रोक दिया गया और उसे मौके पर सील कर दिया गया।

Medical Store Sealed

केजीएन मेडिकल स्टोर से बरामद हुए 947 कैप्सूल

सबसे गंभीर मामला केजीएन मेडिकल स्टोर में सामने आया। यहां से ट्रामाडोल (Tramadol) के 947 कैप्सूल बरामद किए गए। मेडिकल स्टोर के मालिक ने कोई भी बिल या दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया। औषधि विभाग ने स्टोर का लाइसेंस निरस्त करने की सिफारिश की है और इसे मौके पर सील कर दिया गया। इसके साथ ही, NDPS अधिनियम 1985 के तहत कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।

स्वास्थ्य अधिकारियों की प्रतिक्रिया

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेशभर में नशा और अधोमानक दवाइयों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है। युवा पीढ़ी को नशे की गिरफ्त से बचाने के लिए यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

इस अभियान के तहत, राज्य सरकार आम नागरिकों को भी इस मुद्दे के प्रति सतर्क रहने का आह्वान कर रही है। सभी मेडिकल स्टोर संचालकों से यह अपेक्षा की जा रही है कि वे अपनी गतिविधियाँ विधिक तौर पर संचालित करें और नशे की तस्करी से दूर रहें।

युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए, यह आवश्यक है कि समाज में जागरूकता फैलाई जाए और उन स्थानों पर नजर रखी जाए जहाँ नशीली दवाइयों का अवैध व्यापार हो सकता है।

अंत में, यह कहा जा सकता है कि उत्तराखण्ड में नशा मुक्त अभियान को वास्तविकता में बदलने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। लगातार की जा रही कार्रवाइयों से यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश में नशीली दवाइयों के खिलाफ सख्त कानून और नीति अपनाई जा रही है।

इस गतिविधि के तहत मिली सफलता से न केवल सरकारी प्रणाली को मजबूती मिलेगी, बल्कि यह समाज में एक नया संदेश भी प्रसारित करेगा कि नशा मुक्त जीवन को अपनाना ही सही है।

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सधन्यवाद,
संगीता बत्रा
टीम धर्म युद्ध