जस्टिस बीआर गवई देश के 52वें चीफ जस्टिस होंगे:14 मई से संभालेंगे सुप्रीम कोर्ट का काम; CJI संजीव खन्ना ने नाम की सिफारिश की

भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस बीआर गवई के नाम की आधिकारिक सिफारिश की है। उनके नाम को मंजूरी के लिए केंद्रीय कानून मंत्रालय को भेज दिया गया है। इसके साथ ही जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई के भारत का 52वें मुख्य न्यायाधीश बनना तय हो गया है। परंपरा है कि मौजूदा CJI अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश तभी करते हैं, जब उन्हें कानून मंत्रालय से ऐसा करने का आग्रह किया जाता है। मौजूदा CJI संजीव खन्ना का कार्यकाल 13 मई को खत्म हो रहा है। CJI खन्ना के बाद वरिष्ठता सूची में जस्टिस गवई का नाम है। इसलिए जस्टिस खन्ना ने उनका नाम आगे बढ़ाया है। हालांकि, उनका कार्यकाल सिर्फ 7 महीने का होगा। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर दिए प्रोफाइल के मुताबिक जस्टिस गवई 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में प्रमोट हुए थे। उनके रिटायरमेंट की तारीख 23 नवंबर 2025 है। जस्टिस गवई ने 1985 कानूनी करियर शुरू किया जस्टिस गवई का 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में जन्म हुआ था। उन्होंने 1985 में कानूनी करियर शुरू किया। 1987 में बॉम्बे हाईकोर्ट में स्वतंत्र प्रैक्टिस शुरू की। इससे पहले उन्होंने पूर्व एडवोकेट जनरल और हाईकोर्ट जज स्वर्गीय राजा एस भोंसले के साथ काम किया। 1987 से 1990 तक बॉम्बे हाईकोर्ट में वकालत की। अगस्त 1992 से जुलाई 1993 तक बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में सहायक सरकारी वकील और एडिशनल पब्लिक प्रोसीक्यूटर के रूप में नियुक्त हुए। 14 नवंबर 2003 को बॉम्बे हाईकोर्ट एडिशनल जज के रूप में प्रमोट हुए। 12 नवंबर 2005 को बॉम्बे हाईकोर्ट के परमानेंट जज बने। दूसरे दलित CJI होंगे जस्टिस गवई, डिमोनेटाइजेशन को सही बताया था जस्टिस गवई देश के दूसरे दलित सीजेआई होंगे। उनसे पहले जस्टिस केजी बालाकृष्णन भारत के मुख्य न्यायाधीश बने थे। जस्टिस बालाकृष्णन साल 2007 में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बने थे। सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में जस्टिस गवई कई ऐतिहासिक फैसलों में शामिल रहे हैं। उनमें मोदी सरकार के 2016 के डिमोनेटाइजेशन के फैसले को बरकरार रखना और चुनावी बॉण्ड योजना को असंवैधानिक घोषित करना शामिल है। जस्टिस गवई के बाद जस्टिस सूर्यकांत वरिष्ठता सूची में आते हैं। संभावना है कि उन्हें 53वां चीफ जस्टिस बनाया जाएगा। जस्टिस गवई के परिवार की तस्वीर.... गुजरात में कहा था- लोगों का भरोसा हटा तो भीड़ का न्याय अपनाने लगेंगे लोग जस्टिस गवई ने 19 अक्टूबर को गुजरात के अहमदाबाद में न्यायिक अधिकारियों के वार्षिक सम्मेलन में शामिल हुए थे। तब उन्होंने कहा था कि पद पर रहते हुए और शिष्टाचार के दायरे से बाहर जज के किसी राजनेता या नौकरशाह की प्रशंसा करने से पूरी न्यायपालिका में लोगों का भरोसा प्रभावित हो सकता है। चुनाव लड़ने के लिए किसी जज का इस्तीफा देना निष्पक्षता को लेकर लोगों की धारणा को प्रभावित कर सकता है। ज्यूडिशियल एथिक्स और ईमानदारी ऐसे बुनियादी स्तंभ हैं जो कानूनी व्यवस्था की विश्वसनीयता को बनाए रखते हैं। न्यायपालिका में जनता के विश्वास को बरकरार रखना जरूरी है। अगर विश्वास कम हुआ तो वे ज्यूडिशियल सिस्टम के बाहर न्याय तलाश करेंगे। न्याय के लिए लोग भ्रष्टाचार, भीड़ के न्याय के जैसे तरीके अपना सकते हैं। इससे समाज में कानून और व्यवस्था का नुकसान हो सकता है।

जस्टिस बीआर गवई देश के 52वें चीफ जस्टिस होंगे:14 मई से संभालेंगे सुप्रीम कोर्ट का काम; CJI संजीव खन्ना ने नाम की सिफारिश की
भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस बीआर गवई के नाम की आधि
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जस्टिस बीआर गवई का परिचय

जस्टिस बीआर गवई को भारतीय न्यायपालिका में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट का नया मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है, जो कि भारतीय संवैधानिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

सीजेआई संजीव खन्ना की सिफारिश

सीजेआई संजीव खन्ना ने जस्टिस बीआर गवई के नाम की सिफारिश की है। उनका चयन ना सिर्फ उनके न्यायिक अनुभव पर आधारित है, बल्कि उनके न्यायिक दृष्टिकोण और विचारशीलता के कारण भी किया गया है।

14 मई से कार्यभार संभालना

जस्टिस गवई 14 मई से सुप्रीम कोर्ट का कार्य संभालेंगे। इस दिन से वे देश के सबसे बड़े न्यायालय की बागडोर अपने हाथ में लेंगे। यह भारतीय न्याय प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि वे कई बहुपरक मुद्दों का सामना करने वाले हैं।

भारतीय न्यायपालिका में बदलाव

जस्टिस गवई की नियुक्ति भारतीय न्यायपालिका के लिए एक नूतन परिवर्तन का संकेत है। उनकी नियुक्ति से न्यायपालिका में वृहद् बदलाव और विकास की संभावना है। उम्मीद है कि उनका कार्यकाल न्यायिक सुधार और प्रक्रिया में प्रगति ला सकेगा।

उपसंहार

जस्टिस बीआर गवई की नियुक्ति को लेकर व्यापक चर्चा है। उनके अनुभव और समर्पण से भारतीय सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक प्रक्रिया में सुधार होने की उम्मीद है। Keywords: जस्टिस बीआर गवई, चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, सुप्रीम कोर्ट भारत, 52वें चीफ जस्टिस, 14 मई जस्टिस गवई, न्यायिक सुधार भारत, बीआर गवई नियुक्ति, सर्वोच्च न्यायालय समाचार