फिल्म डायरेक्टर सनोज मिश्रा को रेप केस में जमानत:पीड़िता बोली- लिवइन रिलेशन में थी, दुष्कर्म नहीं हुआ; महाकुंभ सेंसेशन मोनालिसा को फिल्म ऑफर किया था

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को रेप के एक मामले में फिल्म डायरेक्टर सनोज कुमार मिश्रा को जमानत दे दी है। 28 साल की पीड़िता ने हलफनामे में कहा है कि वह सनोज मिश्रा के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थी और उसने सहमति से शारीरिक संबंध बनाए थे। उसने यह भी कहा कि उसने मिश्रा के कुछ विरोधियों के दबाव में आकर FIR दर्ज कराई थी। इसके बाद जस्टिस गिरीश कठपालिया ने सनोज कुमार मिश्रा को जमानत दे दी। जस्टिस कठपालिया ने कहा कि यह रेप की झूठी शिकायतें दर्ज करने का एक और मामला है। इससे न केवल आरोपी की छवि को नुकसान पहुंचता है, बल्कि पूरे समाज में शक और अविश्वास भी पैदा होता है। रेप मामले में FIR दर्ज होने के बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें मार्च 2025 में गिरफ्तार किया था। सनोज मिश्रा के वकील अमित चड्ढा और आमिर चौधरी ने दलील दी कि फिल्म डायरेक्टर और शिकायत करने वाली युवती लंबे समय से लिव-इन रिलेशनशिप में थे। दोनों मुंबई में साथ रहते थे, जबकि रेप का का आरोप मध्य प्रदेश के ओरछा में लगाया गया है। इसलिए यह मामला दिल्ली के अधिकार क्षेत्र में भी नहीं था। वहीं, 21 मई को दिए गए अपने बयान में, युवती ने कहा कि आरोपी ने उसके साथ कभी रेप या कोई अपराध नहीं किया और वह पिछले पांच सालों से उसके साथ रिलेशनशिप में थी। उसने कुछ लोगों के उकसावे में आकर झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि आरोपी को जमानत मिलने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद जस्टिस कठपालिया ने कहा कि अब आरोपी को जमानत न देने का कोई कारण नहीं बचता है। जज ने सनोज मिश्रा को ट्रायल कोर्ट, एरिया मजिस्ट्रेट या ड्यूटी मजिस्ट्रेट की संतुष्टि के लिए 10,000 रुपए की राशि का एक निजी बॉन्ड और उतनी ही राशि के एक जमानतदार पर रिहा करने का निर्देश दिया। युवती ने 3 बार अबॉर्शन कराने का आरोप लगाया था पीड़िता बोली- डायरेक्‍टर ने आत्‍महत्‍या की धमकी दी 28 साल युवती ने शिकायत में बताया- साल 2020 में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक और इंस्टाग्राम के जरिए डायरेक्टर सनोज से पहचान हुई थी। उस समय मैं झांसी में रहती थी। कुछ समय तक हमारे बीच बातचीत होती रही। डायरेक्टर ने 17 जून, 2021 को फोन कर बताया कि वो झांसी रेलवे स्टेशन पहुंचा है। जब सामाजिक दबाव का हवाला देते हुए मैंने मिलने से इनकार किया, तो उसने आत्महत्या करने की धमकी दी। डर की वजह से मैं उससे मिलने चली गई। अगले दिन 18 जून, 2021 को उसने फिर फोन किया और मुझे रेलवे स्टेशन बुलाया। 'द डायरी ऑफ मणिपुर' में मोनालिसा को दिया ऑफर प्रयागराज महाकुंभ के दौरान वायरल हुई मोनालिसा को सनोज मिश्रा ने अपनी फिल्म ऑफर की थी। इसके बाद से ही वह सुर्खियों में आ गए थे। 'द डायरी ऑफ मणिपुर' में मोनालिसा अनुपम खेर की बेटी का किरदार निभाएंगी। रिजवी ने कहा था- मिश्रा कई लड़कियों को फंसा चुके मोनालिसा को फिल्म ऑफर करने के बाद सनोज मिश्रा से जुड़े विवाद भी सामने आने लगे थे। उनकी पिछली फिल्म के प्रोड्यूसर वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी ने तो यहां तक आरोप लगाए थे कि मिश्रा शराबी हैं। वह मोनालिसा से पहले कई लड़कियों को फंसा चुके हैं। अब आदिवासी लड़की का फायदा उठाना चाहते हैं। इस पर सनोज ने भास्कर से कहा था- मैंने एक साल पहले “द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल” फिल्म बनाई थी। इस फिल्म में वसीम रिजवी मेरे साथ पार्टनर थे। पार्टनरशिप में होने के बाद भी फिल्म से जुड़ी सारी डील रिजवी ने खुद ही कर ली। इसके बाद पिक्चर को बेचकर जो भी पैसा मिला, वो लेकर फरार हो गया। ........................................... रिलेशनशिप पर कोर्ट की टिप्पणी से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... सुप्रीम कोर्ट बोला- रिलेशनशिप टूटने के बाद रेप केस गलत:इससे आरोपी की छवि खराब होती है सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा कि यदि दो वयस्कों में सहमति से बना रिश्ता बाद में टूट जाता है या दोनों के बीच दूरी आ जाती है, तो इसे शादी का झूठा वादा बताकर रेप का केस नहीं बनाया जा सकता।' जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने यह टिप्पणी की। पूरी खबर पढ़ें... सुप्रीम कोर्ट बोला- शादी विश्वास पर आधारित रिश्ता, इसका मकसद खुशी और सम्मान है, विवाद नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शादी का रिश्ता आपसी भरोसे, साथ और साझा अनुभवों पर टिका होता है। अगर ये चीजें लंबे समय तक नहीं हों तो शादी सिर्फ कागजों पर रह जाती है। कोर्ट ने आगे कहा कि शादी का उद्देश्य दोनों की खुशी और सम्मान है, न कि तनाव और विवाद। पूरी खबर पढ़ें...

फिल्म डायरेक्टर सनोज मिश्रा को रेप केस में जमानत:पीड़िता बोली- लिवइन रिलेशन में थी, दुष्कर्म नहीं हुआ; महाकुंभ सेंसेशन मोनालिसा को फिल्म ऑफर किया था
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को रेप के एक मामले में फिल्म डायरेक्टर सनोज कुमार मिश्रा को जमानत दे

फिल्म डायरेक्टर सनोज मिश्रा को रेप केस में जमानत

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को फिल्म डायरेक्टर सनोज मिश्रा को रेप के एक मामले में जमानत दे दी है। अपने हलफनामे में 28 साल की पीड़िता ने कहा कि वह सनोज मिश्रा के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थी और उसने सहमति से शारीरिक संबंध बनाए थे। यह बयान बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे मामला और जटिल होता जा रहा है।

अदालत का फैसला और पीड़िता का बयान

जस्टिस गिरीश कठपालिया ने यह कहते हुए जमानत दी कि यह रेप की झूठी शिकायतों का एक और मामला है, जिससे न केवल आरोपी की छवि को नुकसान होता है बल्कि समाज में शक और अविश्वास भी पैदा होता है। पीड़िता ने आगे कहा कि उसने मिश्रा के कुछ विरोधियों के दबाव में FIR दर्ज कराई थी। जमानत मिलने पर जस्टिस कठपालिया ने कहा कि अब आरोपी को जमानत न देने का कोई कारण नहीं बचता।

संकेत और सबूत

एक अनजान खतरनाक स्थिति में, पीड़िता ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने पिछले पांच वर्षों से सनोज मिश्रा के साथ संबंध बनाए। इसके अलावा, उसने इस बात का उल्लेख किया कि आरोपी ने उसे कभी भी रेप या किसी अन्य प्रकार का अपराध नहीं किया। यह सब माइंड गेम्स और सामाजिक दबाव के कारण हो रहा था। अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में कानूनी प्रक्रिया का पालन करना अत्यावश्यक है।

मोनालिसा का फिल्म ऑफर और संदेहास्पद विवाद

दिलचस्प बात यह है कि महाकुंभ सेंसेशन मोनालिसा को भी सनोज मिश्रा ने अपनी फिल्म 'द डायरी ऑफ मणिपुर' में मुख्य भूमिका के लिए ऑफर किया था। यह सब तब हुआ जब डायरेक्टर सुर्खियों में आए थे। फिल्म में मोनालिसा अनुपम खेर की बेटी का किरदार निभाने जा रही हैं। यह फिल्म भी इस केस की जड़ में बैठती है, क्योंकि प्रोड्यूसर वसीम रिजवी ने उन पर कई लड़कियों को फंसाने के आरोप लगाए हैं।

सुप्रीम कोर्ट से नसीहत

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कई मामलों में कहा है कि अगर दो वयस्कों का सहमति पर बना रिश्ता टूटता है, तो इसे शादी का झूठा वादा बताकर रेप का मामला नहीं बनाया जा सकता। इससे साफ है कि प्रेम संबंधों की प्रकृति और उनके टूटने के बाद क्या हो सकता है, इस पर कानूनी विचारशीलता आवश्यक है।

निष्कर्ष

सनोज मिश्रा का केस इस बात का सबूत है कि कैसे समाज में जटिल प्रेम संबंधों पर कानून का ध्यान होना चाहिए। जहाँ एक ओर यह मामला एक वर्ग के लिए एक गंभीर आरोप बन जाता है, वहीं दूसरी ओर यह अनइंटरस्टिंग बताने का भी खतरा रखता है। इंतज़ार अब अदालत की अगली सुनवाई का है, जिसमें यह साफ हो सकेगा कि आगे क्या कदम उठाए जाएंगे।

इस प्रकार, समाज में प्रेम और संबंधों का जो भले ही वास्तविकता में कुछ भी हो, परंतु इसे कानूनी दृटि से कैसे देखा जा रहा है, यह देखने वाली बात होगी।

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Written by: Aditi Sharma, Priya Desai, Swati Mehta
Team dharmyuddh

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