नमो भारत कॉरिडोर के आखिरी स्टेशन मोदीपुरम पर बिछा ट्रैक:अंतिम चरण में कार्य, हाईवे पार करने के लिए मिलेगी एफओबी की सुविधा
दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर के मेरठ सेक्शन पर मोदीपुरम तक ट्रैक बिछाने का काम पूरा कर लिया गया है। इस स्टेशन पर 3 प्लेटफॉर्म हैं, जिनमें से दो पर नमो भारत ट्रेन उपलब्ध होगी। एक प्लेटफॉर्म पर मेरठ मेट्रो ट्रेन उपलब्ध होगी। इस स्टेशन का सिविल कार्य भी अंतिम चरण में है। स्टेशन की छत (पीईबी) के निर्माण के साथ-साथ फिनिशिंग कार्य भी तेज स्पीड से चल रहा है। सड़क के दोनों ओर बन रहा फुटओवर ब्रिज मोदीपुरम स्टेशन राष्ट्रीय राजमार्ग-58 पर स्थित है। यह स्टेशन 215 मीटर लंबा और करीब 34 मीटर चौड़ा है। स्टेशन की ऊंचाई तकरीबन 16 मीटर है। लोगों की सहूलियत को देखते हुए हाईवे पर सड़क के दोनों ओर को जोड़ने के लिए फुटओवर ब्रिज (एफओबी) भी बनाया जा रहा है। इससे न केवल नमो भारत के यात्रियों को सुविधा होगी बल्कि उन लोगों को भी सुविधा मिलेगी जो सड़क पार करना चाहते हैं। इस एफओबी का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और पीईबी स्ट्रक्चर (छत) से जुड़े सिविल कार्य किए जा रहे हैं। इस स्टेशन के संचालित होने से मोदीपुरम के साथ-साथ पल्लवपुरम, पल्हैड़ा, दुल्हैडा चौहान और यहां बनी सोसाइटीज़ जैसे एटूजेड, सुपरटेक आदि में रहने वाले लोगों को भी लाभ मिलेगा। मोदीपुरम स्टेशन पर दो एंट्री-एग्जिट हैं। स्टेशन पर तकनीकी कमरे भी लगभग तैयार हैं। इस स्टेशन पर तीन प्लैटफॉर्म हैं, 8 स्टेयरकेस (सीढ़ियां) एवं इतने ही एस्केलेटर हैं। इनमें से चार कॉनकोर्स से प्लेटफॉर्म को कनेक्ट करते हैं जबकि दो-दो एंट्री-एग्जिट पर हैं। स्टेशन पर 6 लिफ्ट भी हैं, जिन्हें इंस्टॉल किया जा चुका है। मोदीपुरम स्टेशन तक भी ट्रायल रन शुरू होगा मोदीपुरम स्टेशन के एंट्री-एग्जिट ए (दिल्ली से मोदीपुरम की ओर) पर स्टील रेलिंग लगाई जा चुकी है और ग्रेनाइट फिक्सिंग यानी पत्थर बिछाने समेत अन्य कार्य तीव्र गति से किए जा रहे हैं। वहीं, एंट्री-एग्जिट बी (दिल्ली की ओर) पर रेलिंग लगाने का काम जारी है। इस कॉरिडोर के मेरठ सेक्शन पर फिलहाल मेरठ साउथ से शताब्दी नगर स्टेशन के बीच ट्रायल रन जारी हैं और जल्द ही मोदीपुरम स्टेशन तक भी ट्रायल रन शुरू हो जाएंगे। मोदीपुरम स्टेशन पर नमो भारत के साथ-साथ मेरठ मेट्रो की सुविधा भी मिलेगी। एक अनूठी पहल के तहत देश में ऐसा पहली बार होगा कि एक ही इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सेमी-हाई स्पीड नमो भारत और मेट्रो ट्रेन, दोनों दौड़ती नजर आएंगी। मेरठ मेट्रो की सेवाएं मेरठ साउथ से मोदीपुरम डिपो के बीच उपलब्ध होंगी जिनमें 23 किलोमीटर के खंड पर 13 स्टेशन शामिल हैं। वर्तमान में इस कॉरिडोर पर नमो भारत ट्रेनों का संचालन 55 किलोमीटर के हिस्से में 11 स्टेशनों पर (न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक) किया जा रहा है। सराय काले खां से मोदीपुरम तक 82 किलोमीटर लंबे इस संपूर्ण कॉरिडोर को इसी साल संचालित करने का लक्ष्य है।

नमो भारत कॉरिडोर के आखिरी स्टेशन मोदीपुरम पर बिछा ट्रैक
नमो भारत कॉरिडोर, जो देश के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, अब अपने अंतिम स्टेशन मोदीपुरम तक पहुँच गया है। इस परियोजना के अंतर्गत, ट्रैक का कार्य तेजी से चल रहा है और इसे अंतिम चरण में लाया गया है। यह परियोजना न केवल यात्रा को सुगम बनाएगी बल्कि यह क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए भी फायदेमंद साबित होगी। News by dharmyuddh.com
मोदीपुरम पर ट्रैक बिछाने की प्रक्रिया
मोदीपुरम पर बिछाए जा रहे ट्रैक की प्रक्रिया ने स्थानीय निवासियों में उत्साह का संचार किया है। इस ट्रैक के पूरा होने से यात्रियों को एक नई यात्रा अनुभव मिलेगा, और यह क्षेत्र को अन्य प्रमुख शहरों से जोड़ने में सहायक होगा। इसके अलावा, यह परियोजना पर्यावरण अनुकूलता को भी ध्यान में रखकर विकसित की जा रही है।
हाईवे पार करने के लिए एफओबी की सुविधा
मोदीपुरम स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए, हाईवे को पार करने के लिए एक नया फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) बनाया जाएगा। यह एफओबी यात्रियों को सुरक्षित और आसान तरीके से हाईवे को पार करने की सुविधा देगा। इससे न केवल यात्रा को सुरक्षित बनाया जा सकेगा, बल्कि यह क्षेत्र की ट्रैफिक समस्याओं को भी कम करने में मदद करेगा।
परियोजना का महत्व
नमो भारत कॉरिडोर का उद्देश्य भारत को एक मजबूत परिवहन नेटवर्क से जोड़ना है। यह परियोजना न केवल यात्रियों के लिए, बल्कि व्यापारियों के लिए भी फायदेमंद होगी। बेहतर ट्रांसपोर्टेशन सुविधा से व्यापार में वृद्धि की उम्मीद है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
समापन विचार
हाल के विकासों के मद्देनजर, मोदीपुरम में नमो भारत कॉरिडोर का अंतिम चरण शुरू होना इस वादे को पूरा करेगा कि भारत को एक आधुनिक परिवहन स्थल में बदला जाएगा। हम जल्द ही इस परियोजना की पूर्णता की उम्मीद कर सकते हैं, जो न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगी बल्कि क्षेत्र के विकास को भी उत्प्रेरित करेगी।