गंगा में डूबने से चाचा-भतीजे की मौत:दोनों को तैरना नहीं आता था, जैन मंदिरों में दर्शन के लिए आए थे

मेरठ के हस्तिनापुर में गंगा में नहाते वक्त चाचा, भतीजे की डूबकर मौत हो गई। दोनों ही हस्तिनापुर में जैन मंदिरों में दर्शन के लिए दिल्ली शहादरा से मेरठ आए थे। यहां दोनों गंगास्नान करने उतरे और गहरे पानी में चले गए। जहां अचानक बहाव तेज हुआ और दोनों बह गए। एसडीआरएफ की मदद से दोनों को बाहर निकाला गया। एक की मौके पर दूसरे की अस्पताल में मौत हो गई। दिल्ली और एटा से आया था परिवार रविवार को जैन धर्म की पावन तीर्थस्थली हस्तिनापुर में स्थित जैन मंदिरों के दर्शन और भ्रमण के लिए यूपी के एटा और दिल्ली के शाहदरा से दो परिवार आए हुए थे। जो आपस में रिश्तेदार हैं। पहले तो सुबह के समय सभी ने यहां पर जैन मंदिरों के दर्शन किए। उसके बाद गर्मी अधिक होने के कारण गंगा दर्शन और स्नान के लिए भीमकुंड गंगा घाट पर पहुंच गए। परिवार संग कर रहे थे गंगा स्नान दोनों ही परिवारों के लोग गंगा में स्नान कर रहे थे, तभी प्रबल प्रताप और पवन जैन गहरे पानी में चले गए। उन्हें तैरना नहीं आता था। वह बाहर नहीं निकल सके और गंगा में डूबने लगे। वहीं गंगा किनारे पर चीख पुकार मच गई और मामले की सूचना थाना पुलिस को दी गई। इसके बाद मौके पर पहुंचे एसडीआरएफ के आपदा मित्र ने दोनों को बाहर निकाला। हस्तिनापुर सीएचसी में चाचा ने तोड़ा दम 25 वर्षीय प्रबल प्रताप जैन निवासी सकरौली जिला एटा की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि 60 साल के उसके चाचा पवन कुमार जैन निवासी शाहदरा दिल्ली की हालत गंभीर थी। उन्हें हस्तिनापुर सीएचसी लाया गया, जहां पर चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जैन समाज के लोग भी पहुंचे वहीं मामले की सूचना मृतकों के परिजन और रिश्तेदारों को दी गई। परिजनों ने बताया कि पवन और प्रबल प्रताप आपस में चाचा भतीजे थे। दोनों की मौत से जैन समाज में मातम छा गया और दर्जनों स्थानीय लोग घटनास्थल पर भी पहुंच गए।

गंगा में डूबने से चाचा-भतीजे की मौत:दोनों को तैरना नहीं आता था, जैन मंदिरों में दर्शन के लिए आए थे
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गंगा में डूबने से चाचा-भतीजे की मौत:दोनों को तैरना नहीं आता था, जैन मंदिरों में दर्शनों के लिए आए थे

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मेरठ के हस्तिनापुर में एक दुखद दुर्घटना में चाचा-भतीजे की डूबने से मौत हो गई। घटना उस समय हुई जब यह दोनों दिल्ली के शहादरा से जैन मंदिरों में दर्शनों के लिए आए थे। इनकी यात्रा की शुरुआत जैन धर्म की पावन तीर्थस्थली से हुई थी, जो समय के साथ एक भयानक मोड़ ले गई।

दुर्घटना का विवरण

शनिवार को, प्रबल प्रताप जैन (25 वर्ष) और उनके 60 वर्ष के चाचा पवन कुमार जैन, दोनों ने हस्तिनापुर में गंगा स्नान करने का निर्णय लिया। गंगा के घाट पर पहुंचने के बाद, उन्होंने अपने परिवार के अन्य सदस्य के संग स्नान करना शुरू किया। परंतु, जब वे गहरे पानी में चले गए तब स्थिति गंभीर हो गई क्योंकि उन्हें तैरना नहीं आता था। अचानक बहाव तेज हो गया और दोनों पानी में डूबने लगे। यह देखकर आनन-फानन में गंगा किनारे पर चीख-पुकार मच गई।

सरकारी मदद और बचाव कार्य

स्थानीय लोगों ने तुरंत थाना पुलिस को सूचित किया। इसके बाद, एसडीआरएफ (स्थानीय आपदा प्रतिक्रिया बल) के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया। कुछ प्रयासों के बाद, उन्हें गंगा से बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। प्रबल प्रताप की मौके पर ही मौत हो गई जबकि पवन कुमार को अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

परिवार का दुख और जैन समाज की प्रतिक्रिया

परिवार के अन्य सदस्य इस त्रासदी से अत्यंत दुखी हैं। पवन और प्रबल प्रताप के रिश्तेदारों ने बताया कि दोनों के बीच एक गहरा संबंध था। ये दोनों ही जैन समाज के सक्रिय सदस्य थे और उनकी मौत से स्थानीय जैन समुदाय में मातम छा गया।

सुरक्षा की आवश्यकता

इस घटना ने एक बार फिर से नदी में स्नान करने संबंधी सुरक्षा उपायों की आवश्यकता को उजागर किया है। विशेष रूप से ऐसे स्थानों पर जहां पानी की गहराई और बहाव का कोई अनुमान नहीं होता। तैराकी का ज्ञान न रखने वालों को हमेशा सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

निष्कर्ष

गंगा में हुई चाचा-भतीजे की यह दुर्घटना एक बड़ा सबक है। इसके माध्यम से हमें यह सीखने की आवश्यकता है कि जल की सुरक्षा के प्रति हम कैसे सतर्क रह सकते हैं। यदि आप जैन दर्शनों के लिए यात्रा कर रहे हैं या जल में स्नान करने का विचार कर रहे हैं तो सुरक्षा पहले आनी चाहिए। हमारी सहानुभूति इस परिवार के साथ है और हम अन्य लोगों से अपील करते हैं कि वे ऐसे हादसों से बचने के लिए पूर्ण सावधानी बरतें।

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लेखक: सुमन अग्रवाल, प्रियंका वर्मा, टीम dharmyuddh

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