पुलिस-नक्सली मुठभेड़: घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने जवानों पर किया हमला, जवाबी फायरिंग में हथियार छोड़ भागे, एक ग्रामीण घायल

संजीव शर्मा, कोंडागांव। कोंडागांव के नालाझार इलाके में गुरुवार रात पुलिस और नक्सलियों के बीच गोलियों की तड़तड़ाहट गूंज उठी।

पुलिस-नक्सली मुठभेड़: घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने जवानों पर किया हमला, जवाबी फायरिंग में हथियार छोड़ भागे, एक ग्रामीण घायल
संजीव शर्मा, कोंडागांव। कोंडागांव के नालाझार इलाके में गुरुवार रात पुलिस और नक्सलियों के बीच गो�

पुलिस-नक्सली मुठभेड़: घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने जवानों पर किया हमला, जवाबी फायरिंग में हथियार छोड़ भागे, एक ग्रामीण घायल

संजीव शर्मा, कोंडागांव। कोंडागांव के नालाझार इलाके में गुरुवार रात पुलिस और नक्सलियों के बीच गोलियों की तड़तड़ाहट गूंज उठी। नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर निकली संयुक्त पुलिस टीम पर घात लगाकर हमला हुआ, जिसके बाद देर रात तक मुठभेड़ जारी रही।

मुठभेड़ की जानकारी

जानकारी के मुताबिक, कन्हारगांव थाना क्षेत्र में नक्सलियों की सक्रियता की सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में सीआरपीएफ और जिला पुलिस बल की संयुक्त टीम 14 अगस्त की रात ग्राम नालाझार की ओर रवाना हुई। रात करीब 10:30 बजे नालाझार के पास 10-12 सशस्त्र नक्सलियों ने पुलिस पार्टी पर अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले की योजना की गई थी और नक्सलियों ने पुलिस बल को घेरने की कोशिश की।

जवाबी कार्रवाई और नतीजे

पुलिस बल ने तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए मोर्चा संभाला। नक्सली आधुनिक और स्वचालित हथियारों से लैस थे और वे पुलिस के हथियार लूटने की नीयत से इस हमले को अंजाम दे रहे थे। करीब देर तक दोनों ओर से गोलियों की गूंज जंगल में सुनाई देती रही। इस दौरान नक्सली मौके से भागने में सफल हुए, लेकिन मुठभेड़ स्थल से 2 नग भरमार बंदूक, बैग, नक्सल साहित्य और दवाई बरामद की गई।

इस मुठभेड़ में एक ग्रामीण व्यक्ति घायल हो गया, जिसे पुलिस बल ने तत्काल बहेरम अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका इलाज जारी है। डॉक्टरों ने इसकी स्थिति को स्थिर बताया है। सूचना के अनुसार, पुलिस का कहना है कि इलाके में नक्सलियों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा।

सामाजिक असर और सुरक्षा पर प्रभाव

इस प्रकार की घटनाएं आम लोगों में डर का माहौल पैदा करती हैं, खासकर उन ग्रामीणों के बीच जो नक्सलियों के प्रभाव क्षेत्र में निवास करते हैं। सरकार और पुलिस प्रशासन को नक्सलियों की गतिविधियों की गंभीरता को समझते हुए स्थानीय क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। यह महत्वपूर्ण है कि ग्रामीणों को सुरक्षा का एहसास कराते हुए, उन्हें नक्सलियों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

निष्कर्ष

पुलिस और नक्सलियों के बीच यह मुठभेड़ एक बार फिर से दिखाता है कि नक्सल आतंकवाद भारत के कुछ हिस्सों में एक गंभीर समस्या बनी हुई है। ऐसे हालात को नियंत्रित करने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे।

गौरतलब है कि इस मुठभेड़ ने स्थानीय समुदाय और सुरक्षा बलों के बीच एक बार फिर से तनाव उत्पन्न किया है, जो आगे चलकर नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

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