90 लाख का इनामी जोनल कमेटी मेंबर और 26 लाख का इनामी डिविजनल कमेटी सचिव मारे गए मुठभेड़ में, हथियार व अन्य सामान बरामद…

प्रमोद निर्मल, मोहला-मानपुर। मानपुर इलाके के मदनवाड़ा थाना क्षेत्र में बीते बुधवार की देर शाम हुए मुठभेड़ में कुल एक

90 लाख का इनामी जोनल कमेटी मेंबर और 26 लाख का इनामी डिविजनल कमेटी सचिव मारे गए मुठभेड़ में, हथियार व अन्य सामान बरामद…
प्रमोद निर्मल, मोहला-मानपुर। मानपुर इलाके के मदनवाड़ा थाना क्षेत्र में बीते बुधवार की देर शाम हु�

90 लाख का इनामी जोनल कमेटी मेंबर और 26 लाख का इनामी डिविजनल कमेटी सचिव मारे गए मुठभेड़ में, हथियार व अन्य सामान बरामद…

प्रमोद निर्मल, मोहला-मानपुर। मानपुर इलाके के मदनवाड़ा थाना क्षेत्र में बीते बुधवार की देर शाम हुए मुठभेड़ में कुल एक करोड़ 16 लाख के बड़े नक्सल लीडर मारे गए हैं. कारेकट्टा व रेतेगाँव के मध्य मौजूद बंडा पहाड़ मे मुठभेड़ में मारे गए दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य विजय रेड्डी पर छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में 25-25 लाख तथा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 20-20 लाख कुल 90 लाख का इनाम घोषित था. वहीं डिविजनल कमेटी सचिव लोकेश सलामे पर छत्तीसगढ़ में 10 लाख और महाराष्ट्र में 16 लाख कुल 26 लाख रुपए का इनाम घोषित था. इसका खुलासा पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह ने किया.

मुठभेड़ की घटना

पुलिस के मुताबिक, बस्तर के कांकेर जिले से सटे बंडा पहाड़ी में माओवादियों के मौजूदगी की सूचना मिलने पर मानपुर क्षेत्र से डीआरजी और केंद्रीय अर्ध सैनिक बल आईटीबीपी की टुकड़ी बंडा पहाड़ क्षेत्र के लिए रवाना हुई. यही नहीं पहाड़ के उस पार से कांकेर जिले की पुलिस पार्टी भी बंडा पहाड़ी क्षेत्र के लिए रवाना हुई. मोहला-मानपुर और कांकेर जिले की पुलिस ने यहां संयुक्त सर्च आपरेशन चलाया. इसी दौरान पहाड़ और जंगल में मौजूद माओवादियों से पुलिस जवानों की मुठभेड़ हुई. दोनों ओर से घंटों गोलीबारी हुई.

गोलीबारी और बरामदगी

गोलीबारी खत्म होने के बाद मौके पर सघन सर्चिंग की गई जहां उक्त दोनों माओवादियों विजय रेड्डी और लोकेश सलामे की डेड बॉडी पुलिस ने बरामद की. साथ में मौके से एक इंसास रायफल, एक 303 रायफल समेत कारतूस, कार्डेक्स वायर, रेडियो, वॉकी-टॉकी, कपड़े, दवाइयां व अन्य दैनिक उपयोगी सामान बरामद हुआ. पुलिस के मुताबिक, विजय रेड्डी के खिलाफ 42 तथा लोकेश सलामे के खिलाफ 37 अपराध विभिन्न थानों में दर्ज है.

प्रभाव और निष्कर्ष

मारे गए दोनों नक्सल कैडर कांकेर तथा मोहला-मानपुर व राजनांदगांव जिले में सक्रिय राजनांदगांव-कांकेर बॉर्डर डिविजन के शीर्ष नेतृत्व में से थे. बहरहाल, इन दोनों के मारे जाने से आरकेबी डिविजन तहस नहस होता दिख रहा है, वहीं इन दोनों का मारे जाने से मोहला-मानपुर जिले के नक्सल मुक्त होने की संभावनाएं भी प्रगाढ़ होती दिख रही है.

यह घटना एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती है, जो नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों में एक नई ऊर्जा भर सकती है. विशेषज्ञों के अनुसार, यदि इस तरह की कार्रवाइयां लगातार जारी रहीं, तो संभावित रूप से नक्सल गतिविधियों में कमी आ सकती है और क्षेत्र के विकास में गति लाने में मदद मिल सकती है।

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नेत्रित्व की दिशा में यह कदम केवल एक मुठभेड़ नहीं है बल्कि नक्सलियों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए एक प्रयास के रूप में देखा जा सकता है।

इस तरह के कार्यवाहियों की निरंतरता न केवल क्षेत्र के लिए নিরাপত্তा में सुधार करेगी, बल्कि स्थानीय निवासियों को स्वतंत्रता और विकास के रास्ते पर भी लाएगी।

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