महोली गांव के कमलेश कृष्ण को मिली डाक्टरेट की उपाधि
लखनऊ विश्वविद्यालय से पूर्ण किया शोध सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर। महोली गांव के निवासी कमलेश कृष्ण को डाक्टरेट की उपाधि मिली है। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से अंग्रेजी विभाग के अंतर्गत मिथ्स फोकलोर एंड बिलीफ्स आफ कुमायूं: रीडिंग्स इन सेलेक्ट कल्चरल टेक्स्ट, विषय पर अपना शोध कार्य पूर्ण किया है। इस अवसर पर उनके शोध पर्यवेक्षक, प्रोफेसर […] The post महोली गांव के कमलेश कृष्ण को मिली डाक्टरेट की उपाधि appeared first on Creative News Express | CNE News.

महोली गांव के कमलेश कृष्ण को मिली डाक्टरेट की उपाधि
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लखनऊ विश्वविद्यालय से पूर्ण किया शोध सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर। महोली गांव के निवासी कमलेश कृष्ण को डाक्टरेट की उपाधि मिली है। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से अंग्रेजी विभाग के अंतर्गत मिथ्स फोकलोर एंड बिलीफ्स आफ कुमायूं: रीडिंग्स इन सेलेक्ट कल्चरल टेक्स्ट, विषय पर अपना शोध कार्य पूर्ण किया है। इस अवसर पर उनके शोध पर्यवेक्षक, प्रोफेसर […]
शोध की विशिष्टता
कमलेश कृष्ण का शोध कुमायूं क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर और मिथक-फोकलोर पर केंद्रित था। उन्होंने अपने रिसर्च के माध्यम से उस ज्ञान को सामने लाया है, जो इस क्षेत्र की स्थानीय संस्कृति की गहराई प्रदान करता है। यह अध्ययन न केवल शैक्षणिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि क्षेत्र की संस्कृति को भी पुनर्जीवित करने की दिशा में एक कदम है।
कॉलेज और प्रोफेसरों की भूमिका
लखनऊ विश्वविद्यालय ने कमलेश के शोध कार्य को मान्यता दी है। उनके शोध पर्यवेक्षक, प्रोफेसर […] ने कहा कि कमलेश का कार्य शोध की दुनिया में एक नई लहर लेकर आएगा। उनके द्वारा लिखे गए पाठ्यक्रम सामग्री न केवल इंग्लिश लिटरेचर के छात्रों के लिए उपयोगी होगी, बल्कि अन्य संस्कृतियों के अध्ययन में भी सहायक साबित होगी।
समुदाय के लिए गौरव की बात
कमलेश की उपलब्धि महोली गांव के लिए गर्व का विषय है। इस क्षेत्र के युवा पीढ़ी के लिए उन्होंने एक प्रेरणा स्रोत बनकर दिखाई हैं। गांव के सरपंच ने कहा, "कमलेश की सफलता न केवल व्यक्तिगत है, बल्कि यह हमारे पूरे समुदाय के लिए एक प्रेरणा है।" इस प्रकार के शोध कार्य सभी विद्यार्थियों को प्रेरित करेंगे कि वे अपनी शिक्षा को गंभीरता से लें।
अंतिम विचार
कमलेश कृष्ण की डाक्टरेट की उपाधि उनके कठिन परिश्रम और समर्पण का परिणाम है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी सिद्ध कर दिया है कि जो भी अपना लक्ष्य निर्धारित करता है, वह उसे हासिल कर सकता है। उनकी सफलता न केवल उन्हें, बल्कि उनके गांव और क्षेत्र को भी गर्वित करती है। हम आशा करते हैं कि उनके कार्य नए शोधकर्ताओं के लिए मार्गदर्शन और प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
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