विद्यालय को समायोजित किए जाने पर रोष, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

सीएनई रिपोर्टर, गरुड़। तहसील के दूरस्थ क्षेत्र में स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिमार-मजकोट को कलस्टर विद्यालय राजकीय इंटर कालेज छ्त्यानी में समायोजित करने पर ग्रामीण भड़क गए हैं। ग्रामीणों ने इस पर आक्रोश व्यक्त करते हुए उप जिलाधिकारी प्रियंका रानी को ज्ञापन सौंपा। उप जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा कि मजकोट […] The post विद्यालय को समायोजित किए जाने पर रोष, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन appeared first on Creative News Express | CNE News.

विद्यालय को समायोजित किए जाने पर रोष, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
सीएनई रिपोर्टर, गरुड़। तहसील के दूरस्थ क्षेत्र में स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिमार-

विद्यालय को समायोजित किए जाने पर रोष, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

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सीएनई रिपोर्टर, गरुड़। तहसील के दूरस्थ क्षेत्र में स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिमार-मजकोट को कलस्टर विद्यालय राजकीय इंटर कालेज छ्त्यानी में समायोजित करने पर ग्रामीण भड़क गए हैं। ग्रामीणों ने इस पर आक्रोश व्यक्त करते हुए उप जिलाधिकारी प्रियंका रानी को ज्ञापन सौंपा। उप जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा कि मजकोट क्षेत्र में शिक्षा का स्तर गिर रहा है और विद्यालय का समायोजन इस क्षेत्र के विद्यार्थियों के भविष्य के लिए घातक साबित हो सकता है।

विद्यालय के समायोजन से उठे सवाल

ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालयों का समायोजन उनके बच्चों की शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा। क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए लंबी यात्रा करनी पड़ेगी, जिससे उनकी पढ़ाई पर असर पड़ सकता है। विद्यालय के प्रबंध समिति के सदस्यों का कहना है कि वे इस निर्णय का विरोध करते हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर ग्रामीणों की राय है कि स्थानीय विद्यालयों के समायोजन से स्थानीय संस्कृति और समुदाय की नींव कमजोर होगी।

उप जिलाधिकारी से की गई अपील

ज्ञापन में उप जिलाधिकारी प्रियंका रानी से निवेदन किया गया है कि वह इस विषय पर गंभीरता से विचार करें और ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करें। शिक्षकों और अभिभावकों ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि यदि विद्यालय को अन्यत्र समायोजित किया गया तो विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होगी, और यह सामाजिक समरसता के लिए भी हानिकारक हो सकता है।

समाज में जागरूकता फ़ैलाना

इस मुद्दे पर ग्रामीणों ने एकजुट होकर अपनी आवाज उठाई है। साथ ही, सामाजिक संगठनों ने भी इस विवाद को लेकर जागरूकता फैलाने का काम शुरू किया है। उनका मानना है कि यदि स्थानीय विद्यालयों को बंद किया गया तो यह छात्रों के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। विद्यालय के समायोजन का विरोध करते हुए, ग्रामीण अब सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात रख रहे हैं और समर्थन इकट्ठा कर रहे हैं।

सकारात्मक संभावनाएँ

हालांकि यह विरोध एक संवेदनशील मुद्दा है, लेकिन इससे यह भी उम्मीद होती है कि स्थानीय शिक्षण संस्थाओं की मजबूती की ओर ध्यान दिया जाएगा। यदि प्रशासन इस मुद्दे को सुलझाने में सक्षम हो जाता है, तो यह पूरे क्षेत्र के विकास के लिए एक सकारात्मक कदम हो सकता है।

निष्कर्ष

राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिमार-मजकोट का समायोजन न केवल क्षेत्र के छात्रों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, बल्कि यह स्थानीय समुदाय के सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित कर सकता है। इस मुद्दे पर ग्रामीणों द्वारा उठाई गई आवाज यह दर्शाती है कि शिक्षा और स्थानीय संसाधनों की सुरक्षा सभी के लिए महत्वपूर्ण है। आगे के कदम तय करने के लिए यह देखना बाकी है कि प्रशासन इस मुद्दे को कैसे हल करता है।

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