लगातार बारिश से बढ़ा खीर गंगा का जलस्तर, सर्च ऑपरेशन रुका, लोगों में फिर दिखा खौफ
लगातार बारिश से बढ़ा खीर गंगा का जलस्तर, सर्च ऑपरेशन रुका, लोगों में फिर दिखा खौफ दोपहर में खीर गंगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से राहत और बचाव कार्य को तुरंत रोकना पड़ा। रविवार को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हुई बारिश के कारण खीर गंगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया जिसके चलते मलबे […] The post लगातार बारिश से बढ़ा खीर गंगा का जलस्तर, सर्च ऑपरेशन रुका, लोगों में फिर दिखा खौफ appeared first on The Lifeline Today : हिंदी न्यूज़ पोर्टल.

लगातार बारिश से बढ़ा खीर गंगा का जलस्तर, सर्च ऑपरेशन रुका, लोगों में फिर दिखा खौफ
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दोपहर में खीर गंगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से राहत और बचाव कार्य को तुरंत रोकना पड़ा। रविवार को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हुई बारिश के कारण खीर गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया, जिसके चलते मलबे में चलाए जा रहे खोज अभियान को बीच में ही रोकना पड़ा। नार्दन सीमा स्याही इलाके में आमतौर पर इस समय के दौरान बारिश होती है, जिससे नदी का जलस्तर बढ़ना आकस्मिक नहीं है।
सर्च ऑपरेशन पर असर
रविवार की सुबह, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने रोजाना की तरह मलबे में दबे लोगों को खोजने के लिए सर्च अभियान शुरू किया था। लेकिन जैसे ही दोपहर में खीर गंगा का जलस्तर अचानक बढ़ा, राहत कार्य को तुरंत रोकना पड़ा। जलस्तर कम नहीं हुआ जिसके कारण दोपहर बाद सर्च अभियान नहीं चलाया जा सका। यह बार-बार जलस्तर बढ़ने से स्थानीय अधिकारियों के साथ-साथ प्रभावित परिवारों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।
स्थानीय लोगों का भय
नदी का पानी बढ़ने के कारण न सिर्फ खोज अभियान प्रभावित हुआ, बल्कि बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) की बनाई गई सड़क भी क्षतिग्रस्त हो गई है। जलस्तर में बार-बार वृद्धि होने से स्थानीय लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। इस घटना ने उन लोगों की मनोस्थिति को और भी प्रभावित किया है जिन्होंने 5 अगस्त की आपदा का सामना किया था। उस दिन की आपदा ने स्थानीय निवासियों के मन में जलस्रोतों के प्रति एक नकारात्मक छवि बना दी है।
आधुनिक उपकरणों का उपयोग
हालांकि सर्च टीमें लापता लोगों को खोजने के लिए स्निफर डॉग और जीपीआर जैसी आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल कर रही हैं, लेकिन अभी तक उन्हें कोई सफलता नहीं मिली है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ये उपकरण अच्छी संभावना रखती हैं लेकिन बार-बार जलस्तर में आ रही वृद्धि से सीमाएँ भी उत्पन्न होती हैं। लोगों ने इस आपातकालीन स्थिति में अधिक पारदर्शिता और सूचना का आग्रह किया है, ताकि उनके पास सही जानकारी हो और वे बेहतर निर्णय ले सकें।
निष्कर्ष
खीर गंगा के जलस्तर में वृद्धि ने न केवल एक प्राकृतिक आपदा को जन्म दिया है, बल्कि यह स्थानीय निवासियों की सोच और सुरक्षा को भी प्रभावित कर रहा है। राहत और बचाव कार्यों में रुकावटें इस बात का संकेत हैं कि हमें पर्यावरण के प्रति अधिक सजग रहने की आवश्यकता है। जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं की चेतना बढ़ाने के लिए सूचना का सही वितरण और स्थानीय प्रशासन का सक्रिय समर्थन आवश्यक है।
अभी का मुख्य ध्यान स्थानीय टीमों की सुरक्षा और अधिकतम कार्य दक्षता को बहाल करने पर होना चाहिए। आने वाले दिनों में मौसम के हालात पर नज़र रखना और आगे की योजना बनाना सभी के हित में होगा।