सरकार बदलने जा रही है GST टैक्स रेट, अब सस्ती मिलेंगी कार और बाइक
एफएनएन, नई दिल्ली : केंद्र सरकार जल्द ही जीएसटी प्रणाली में व्यापक सुधार करने जा रही है, जिसके तहत ऑटोमोबाइल्स पर लगने वाले जीएसटी को पुनर्गठित किया जाएगा. सरकार का उद्देश्य टैक्स ढांचे को सरल बनाना और वाहन वर्गीकरण से जुड़े विवादों को समाप्त करना है. सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव से आम जनता को […] The post सरकार बदलने जा रही है GST टैक्स रेट, अब सस्ती मिलेंगी कार और बाइक appeared first on Front News Network.

सरकार बदलने जा रही है GST टैक्स रेट, अब सस्ती मिलेंगी कार और बाइक
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार जल्द ही जीएसटी प्रणाली में व्यापक सुधार करने जा रही है, जिसके तहत ऑटोमोबाइल्स पर लगने वाले जीएसटी को पुनर्गठित किया जाएगा। यह परिवर्तन उपभोक्ताओं के लिए राहत का एक प्रमुख माध्यम बन सकता है, क्योंकि सरकार का उद्देश्य टैक्स ढांचे को सरल बनाना और वाहन वर्गीकरण से जुड़े विवादों को समाप्त करना है। इस प्रस्ताव के लागू होने के बाद, कार और बाइक खरीदने की प्रक्रिया और भी सरल हो जाएगी।
जीएसटी प्रणाली में प्रस्तावित परिवर्तन
वर्तमान में, ऑटोमोबाइल्स को सबसे ऊंचे 28 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में रखा गया है। इसके साथ-साथ इंजन क्षमता और वाहन के प्रकार के आधार पर 1 से 22 प्रतिशत तक का मुआवजा उपकर (compensation cess) भी लगता है। यह कुल कर बोझ छोटी पेट्रोल कारों पर 29% से लेकर SUV जैसी बड़ी गाड़ियों पर 50% तक पहुंच जाता है।
इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर केवल 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है, जिससे उनकी बिक्री में हाल के वर्षों में तेजी आई है। नई दरों की योजना के अनुसार, जीएसटी ढांचे को वर्तमान के चार स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) से घटाकर दो मुख्य स्लैब — 5% और 18% — में लाया जाएगा।
कारों की कीमतें घटेंगी: उम्मीदें और प्रभाव
विशेषज्ञों का कहना है कि कम टैक्स दरें सीधे तौर पर वाहनों की कीमतों में कमी लाएंगी। इससे आम जनता के लिए कार खरीदना अधिक सुलभ हो जाएगा, जिससे ऑटोमोबाइल सेक्टर में मांग को बढ़ावा मिलेगा और अर्थव्यवस्था में खपत में तेज़ी आएगी। यही सरकार के इस प्रस्ताव के पीछे मुख्य उद्देश्य है।
बैठक और अंतिम निर्णय
केंद्र सरकार द्वारा तैयार किया गया यह प्रस्ताव 21 अगस्त को जीएसटी दर युक्तिकरण पर गठित मंत्रियों के समूह (GoM) की बैठक में रखा जाएगा। इसके बाद, जीएसटी काउंसिल — जिसमें केंद्र और राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं — सितंबर में इस पर अंतिम निर्णय ले सकती है। यदि यह प्रस्ताव पास हो जाता है, तो यह भारत की जीएसटी प्रणाली में अब तक का सबसे बड़ा संरचनात्मक सुधार माना जाएगा।
उपभोक्ताओं और उद्योग पर प्रभाव
सरकार की यह पहल एक साथ दो उद्देश्यों को साधने की कोशिश कर रही है — उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत देना और ऑटोमोबाइल सेक्टर को गति देना। यह बड़ा बदलाव न केवल वाहन खरीदारों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि उद्योग के लिए भी दीर्घकालिक स्थिरता का रास्ता खोलेगा। सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इस जानकारी के बाद, सभी ने इस विकास को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा है।
इस प्रकार, जीएसटी टैक्स दरों का पुनर्गठन एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जो न केवल उपभोक्ताओं के लिए वित्तीय राहत प्रदान करेगा, बल्कि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को नए जीवन में लाने का भी कार्य करेगा।
समाप्त करते हुए, आगामी बदलावों के बारे में अधिक जानने के लिए, कृपया हमारे साथ बने रहें। अधिक अपडेट के लिए, यहाँ क्लिक करें: dharmyuddh.com.