व्यापार मंडल के कवि सम्मेलन में  देश भक्ति और श्रृंगार की रसवर्षा

फ्रंट न्यूज नेटवर्क ब्यूरो, बरेली। उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के तत्वावधान में व्यापारी नेता कुलभूषण शर्मा के जन्मदिन के उपलक्ष में होटल ग्रीन लैमन में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। व्यापार मंडल की कार्यवाही के पश्चात गीतकार कमल सक्सेना ने माँ शारदे के पूजन-अर्चन और सुमधुर वाणी वंदना की औपचारिकता के उपरांत अपनी इस […] The post व्यापार मंडल के कवि सम्मेलन में  देश भक्ति और श्रृंगार की रसवर्षा appeared first on Front News Network.

व्यापार मंडल के कवि सम्मेलन में  देश भक्ति और श्रृंगार की रसवर्षा
फ्रंट न्यूज नेटवर्क ब्यूरो, बरेली। उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के तत्वावधान में व्यापारी नेता कुल

व्यापार मंडल के कवि सम्मेलन में देश भक्ति और श्रृंगार की रसवर्षा

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लखनऊ, भारत - हाल ही में बरेली में आयोजित एक भव्य कवि सम्मेलन ने देशभक्ति और श्रृंगार के रस में सभी को सराबोर किया। यह आयोजन उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के तत्वावधान में व्यापारी नेता कुलभूषण शर्मा के जन्मदिन के अवसर पर होटल ग्रीन लैमन में आयोजित किया गया। इस रोचक कार्यक्रम में न केवल प्रमुख कवियों ने अपनी अद्भुत रचनाएं प्रस्तुत कीं, बल्कि उपस्थित दर्शकों ने भी इसे पूरी शिद्दत से सराहा।

कवि सम्मेलन की औपचारिकताएँ

कार्यक्रम की शुरुआत माँ शारदे के पूजन-अर्चन के साथ की गई, जिसके बाद प्रसिद्ध गीतकार कमल सक्सेना ने अपने काव्य-कला का प्रदर्शन किया। उनके द्वारा पेश की गई ग़ज़ल की एक पंक्ति लोगों के मन को छू गई:

“मुनासिब है यही कि तू वतन से प्यार मत करना।
मगर बेआबरू इस देश को ऐ यार मत करना।”

कमल सक्सेना ने यहाँ श्रृंगार की कई मुक्तक सुनाते हुए दर्शकों का दिल जीत लिया। उनका यह संदेश कि संस्कृति और देश का सम्मान हमेशा पहले आना चाहिए, ने सभी को गहराई से प्रभावित किया।

प्रतिभागियों की रंगीन काव्य यात्रा

लखनऊ से आए वरिष्ठ कवि साहित्य भूषण कमलेश मौर्य 'मृदु' ने आज के भारत की चर्चा करते हुए एक साथ उदय होने वाले आदर्शों पर जोर दिया। उनके द्वारा गाए गए गीत की पंक्तियाँ इस बात का सबूत थीं कि भारत अब न केवल अपनी समृद्धि की ओर बढ़ रहा है बल्कि विश्व में एक नया स्थान बना रहा है:

“मिलाकर आंख अब दुनिया से भारत बात करता है।
पटखनी पर पटखनी दे जो उससे घात करता है।”

आगे ओज के राष्ट्रीय स्वर कवि कमलकांत तिवारी ने अपनी रचनाओं से सभी को जोश से भर दिया। उन्होंने हिंदुत्व की महत्ता के प्रति सचेत करते हुए यह संदेश दिया कि हमें कभी भी अपनी जड़ों को नहीं भूलना चाहिए।

सम्मान के कार्यक्रम और विशेष क्षण

कवि सम्मेलन देर रात तक चलता रहा और व्यापार मंडल के सभी पदाधिकारी कविताओं का आनंद लेते रहे। इस दौरान, कवियों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। बाद में, कुलभूषण शर्मा का जन्मदिन समारोह केक काटकर धूमधाम से मनाया गया।

कार्यक्रम के खत्म होने से पहले व्यापार मंडल महासचिव ने सभी उपस्थित श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया और उन्हें भोजन के लिए आमंत्रित किया।

निष्कर्ष

इस आयोजन ने न केवल कविता के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाई बल्कि देशभक्ति और संस्कृति की महत्वपूर्ण बातें भी उजागर की। ऐसे कार्यक्रम न केवल कला का उत्सव होते हैं, बल्कि वे एक संदेश भी फैलाते हैं कि हमें अपनी संस्कृति की बेहतर समझ और सम्मान करना चाहिए। ऐसे आयोजनों की आवश्यकता हमें नियमित रूप से महसूस होती है।

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