मुख्य सचिव ने ली प्रदेश के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक
देहरादून। मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने मंगलवार को सचिवालय स्थित अपने सभागार में प्रदेश के महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा, भीड़ प्रबन्धन आदि के सम्बन्ध में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार के मनसा देवी में श्रद्धालुओं में हुई भगदड़ जैसी घटनाओं पर काबू पाने के […] The post मुख्य सचिव ने ली प्रदेश के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक appeared first on The Lifeline Today : हिंदी न्यूज़ पोर्टल.

मुख्य सचिव ने ली प्रदेश के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक
देहरादून। मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने मंगलवार को सचिवालय स्थित अपने सभागार में प्रदेश के महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन आदि के सम्बन्ध में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। यह बैठक हाल ही में हरिद्वार के मनसा देवी में श्रद्धालुओं में हुई भगदड़ जैसी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए आयोजित की गई थी। मुख्य सचिव ने सभी धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए उचित कदम उठाने पर जोर दिया।
बैठक के मुख्य बिंदु
मुख्य सचिव ने कहा कि ऐसे सभी धार्मिक स्थलों को चिन्हित किया जाए जहाँ महत्वपूर्ण दिनों पर श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ होती है। इन स्थलों पर अंशकालिक एवं दीर्घकालिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। उन्होंने ये भी बताया कि धार्मिक स्थलों के मार्गों में अतिक्रमण मुक्त करके उन्हें चौड़ा किया जाए।
तकनीकी उपायों का उपयोग
मुख्य सचिव ने कहा कि भीड़ प्रबंधन के लिए तकनीक का प्रयोग किया जाना चाहिए। भारी भीड़ के समय विशेष जगहों पर श्रद्धालुओं को रोका जाए और उनकी संख्या का आंकलन टेक्नोलॉजी के माध्यम से किया जाए। इससे व्यापक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। इसके लिए सभी प्रकार की भौतिक एवं तकनीकी व्यवस्थाओं को लागू करने की आवश्यकता है।
पहले चरण में किए जाने वाले कार्य
मुख्य सचिव ने महत्वपूर्ण मंदिरों को प्राथमिकता पर लेते हुए पहले चरण में मनसा देवी, चण्डी देवी, नीलकंठ, कैंचीधाम और पूर्णागिरि मंदिर का विशेषज्ञों के माध्यम से विश्लेषण कराने की बात कही। स्थानीय प्रशासन एवं धार्मिक स्थलों के हितधारकों को विशेषज्ञों की टीम को सभी प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया।
विशेषज्ञों की टीम का कार्य
विशेषज्ञों की टीम विभिन्न स्थानों का विश्लेषण कर भीड़ प्रबंधन, निकासी योजना और बॉटल नेक एरिया के लिए तकनीकी पहलुओं का परीक्षण करेगी। इन्हें प्रॉपर प्लान और प्रॉपर एसओपी तैयार करके स्थानीय प्रशासन को प्रस्तुत किया जाएगा।
निष्कर्ष
मुख्य सचिव की यह बैठक दर्शाती है कि प्रदेश सरकार श्रद्धालुओं की सुरक्षा को गंभीरता से ले रही है। आने वाले समय में इन कार्यों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना प्रदेश की धार्मिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होगा। सभी संबंधित अधिकारी और विशेषज्ञों को मिलकर काम करना होगा ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इस प्रकार, जब भीड़ प्रबंधन और सार्वजनिक सुरक्षा की बात आती है, तो तकनीकी और मानवीय प्रयासों का संयोजन आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है और अब सामूहिक प्रयास से इन योजनाओं को सफल बनाना आवश्यक है।
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