प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजी जाएगी राखी : डा. बिपिन जोशी
देहरादून। आज संस्कार परिवार देहरादून और आजीविका ऐजुकेशन देहरादून द्वारा देहरादून की बहिनों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर की थीम पर बनी स्वनिर्मित राखियों को सेना, अर्द्ध सैनिक बलों, पुलिस के जवानों को भेजने का शुभारम्भ उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, संस्कार परिवार के संस्थापक आचार्य डा. बिपिन जोशी, आजीविका ऐजुकेशन के संस्थापक आजीव विजय, सतपाल […] The post प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजी जाएगी राखी : डा. बिपिन जोशी appeared first on The Lifeline Today : हिंदी न्यूज़ पोर्टल.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजी जाएगी राखी : डा. बिपिन जोशी
देहरादून। आज संस्कार परिवार देहरादून और आजीविका ऐजुकेशन द्वारा देहरादून की बहिनों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर की थीम पर बनी स्वनिर्मित राखियों को सेना, अर्द्ध सैनिक बलों, पुलिस के जवानों को भेजने का शुभारम्भ किया गया। इस पहल का उद्घाटन उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, संस्कार परिवार के संस्थापक आचार्य डा. बिपिन जोशी, आजीविका ऐजुकेशन के संस्थापक आजीव विजय ने किया। इस समारोह में सतपाल महाराज की दोनों बहुएं, श्रीमती सुधा विजय, नीलम विजय, सीमा बिष्ट, अंजू विजय आदि भी उपस्थित थीं।
सैनिकों के प्रयासों को सराहना
इस मौके पर सतपाल महाराज ने इस अभियान की सराहना की और कहा कि इससे हमारे सैनिकों का मनोबल और भी बढ़ता है। उन्होंने बताया कि राखी बनाने और पहनाने वाली बहिनों को भी गौरव की अनुभूति होती है। यह सिलसिला विगत 30 सालों से लगातार चलाया जा रहा है, जो कि इस पर्व का बहुत महत्व रखता है।
प्रधानमंत्री मोदी को राखी: एक खास सम्मान
आचार्य डा. बिपिन जोशी ने बताया कि इस वर्ष सैनिक बलों के साथ साथ अर्द्ध सैनिक बलों और पुलिस बलों के जवानों को भी बहिनें अपने हाथों से राखियां बांधेगी। उन्होंने यह भी बताया कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी राखी भेजी जाएगी। यह न केवल एक परंपरा है, बल्कि भावनाओं का एक प्रतीक भी है।
समाज और संस्कृति की मजबूती
राखी का त्योहार भाई-बहन के रिश्तों के साथ ही देशभक्ति की भावना को भी मजबूती प्रदान करता है। इस पहल के माध्यम से बहिनें अपनी श्रद्धा से देश के सुरक्षाकर्मियों को अपने प्यार का अहसास कराती हैं। इस परियोजना से जुड़े सभी लोग इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित हैं।
समापन विचार
इस तरह की पहलें न केवल समाज में भाई-चारे की भावना को मजबूती प्रदान करती हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती हैं कि हम अपने सशस्त्र बलों को कभी न भूलें। देहरादून समेत पूरे उत्तराखंड में इस अभियान का सम्मान किया जा रहा है। यहाँ से भेजी जाने वाली राखियों का महत्व हम सभी के लिए अत्यंत ऊँचा है।