बिहार से लापता हुए 35 लाख से अधिक मतदाता! SIR के दौरान हुआ चौंकाने वाला खुलासा, हर विधानसभा से कटा इतने वोटरों का नाम

Bihar Voter Revision: बिहार में इस साल विधानसभा का चुनाव होना है। चुनाव से पहले निवार्चन आयोग मतदाता सूची पुनरीक्षण

बिहार से लापता हुए 35 लाख से अधिक मतदाता! SIR के दौरान हुआ चौंकाने वाला खुलासा, हर विधानसभा से कटा इतने वोटरों का नाम

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बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव के चलते निवार्चन आयोग द्वारा मतदाता सूची का पुनरीक्षण (SIR) किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है कि कुल 35 लाख से अधिक मतदाता गायब हो चुके हैं। आइए जानते हैं इस मामले में क्या चल रहा है।

लापता हुए 35 लाख से ज्यादा मतदाता

निवार्चन आयोग ने 25 जुलाई 2025 को जारी एक प्रेस नोट में बताया कि अब तक बिहार में 99.86% मतदाता कवर किए जा चुके हैं। हालांकि, 7.23 करोड़ मतदाताओं के फॉर्म में से 22 लाख मृत मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। इसके अलावा, 35 लाख से अधिक मतदाताओं या उनके पते ट्रेस नहीं किए जा सके हैं। यह स्थिति चुनावी परिदृश्य को प्रभावित कर सकती है, जिसमें आयोग ने 1 अगस्त 2025 तक SIR प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

हर विधानसभा से बाहर हुए 26 हजार मतदाता

जैसे-जैसे SIR की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, आयोग ने खुलासा किया है कि करीब 26,000 मतदाता हर विधानसभा क्षेत्र से सूची से बाहर हो गए हैं। इसके अलावा, 22 लाख मतदाता मृत घोषित किए गए हैं, जिससे कुल मिलाकर 65.2 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे। यह आंकड़े विपक्ष के लिए एक चुनौती प्रस्तुत करते हैं।

राजनीतिक दलों को सौंपी गई सूची

निवेश दर्ज नहीं कराने वालों, मृतकों और स्थायी रूप से प्रवास कर चुके मतदाताओं की सूची सभी प्रमुख राजनीतिक दलों को साझा कर दी गई है। इस सूची में बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट) और अन्य महत्वपूर्ण पार्टी शामिल हैं। इस कदम का उद्देश्य SIR प्रक्रिया को पारदर्शिता प्रदान करना है, ताकि कोई त्रुटि 1 अगस्त को प्रारंभ होने वाली मतदाता सूची में सुधारी जा सके।

इन्हें दिया SIR को सफल बनाने का श्रेय

चुनाव आयोग ने SIR के पहले चरण को सफल बनाने का श्रेय विभिन्न अधिकारियों और 12 राजनीतिक दलों को दिया है। बिहार के CEO, DEOS, EROS, और पोलिंग बूथ पर कार्यरत वॉलंटियर्स की मेहनत को सराहा गया है, जो इस प्रक्रिया को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

1 सितंबर तक दर्ज करा सकते हैं आपत्ति

SIR ऑर्डर के अनुसार, 1 से 1 सितंबर के बीच कोई भी निर्वाचक या राजनीतिक दल, किसी अयोग्य मतदाता का नाम शामिल करने पर ERO के पास आपत्ति दर्ज कर सकते हैं। यह प्रक्रिया सही मतदाता सूची को सुनिश्चित करने में मदद करेगी।

समापन

भले ही बिहार का SIR प्रक्रिया सूचनाओं के मिलनसार नतीजों के साथ आगे बढ़ रहा है, लेकिन 35 लाख लापता मतदाताओं का मामला चुनावी राजनीति में एक बड़ी चुनौतियों को जन्म देता है। इस स्थिति को सही करने के लिए आयोग को जल्दी से जल्दी कदम उठाना होगा। सभी राजनीतिक दलों को भी इस विषय पर ध्यान केंद्रित कर आवश्यकता पड़ने पर कार्रवाई करनी होगी।

युवाओं और मतदाताओं से निवेदन है कि वह अपने नाम की जांच करें और किसी भी त्रुटि के लिए अपनी आवाज उठाएं। बिहार की चुनावी स्थिति की जानकारी के लिए हमसे जुड़े रहें।

लेखिका: साक्षी और निधि, टीम धरमयुद्ध

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