तीमारदारों के लिए विश्राम गृह बनाए जाएंगे, एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर
देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में बुधवार को सचिवालय में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज, राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी एवं सेवादान आरोग्य संस्था के बीच एम.ओ.यू. (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए गए। यह एम.ओ.यू. राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी एवं देहरादून में तीमारदारों के लिए विश्राम गृह निर्माण कार्य से संबंधित है। मुख्यमंत्री पुष्कर […] The post तीमारदारों के लिए विश्राम गृह बनाए जाएंगे, एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर appeared first on The Lifeline Today : हिंदी न्यूज़ पोर्टल.

तीमारदारों के लिए विश्राम गृह बनाए जाएंगे, एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर
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देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में बुधवार को सचिवालय में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज, राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी एवं सेवादान आरोग्य संस्था के बीच एम.ओ.यू. (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए गए। यह एम.ओ.यू. राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी एवं देहरादून में तीमारदारों के लिए विश्राम गृह निर्माण कार्य से संबंधित है।
विश्राम गृहों का निर्माण : एक नई पहल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि इन मेडिकल कॉलेजों में तीमारदारों के लिए विश्राम गृह का निर्माण होने से मरीजों के परिजनों को रात्रि विश्राम और ठहरने की समस्या का समाधान मिलेगा। यह विशेषकर उन परिजनों के लिए महत्वपूर्ण रहेगा, जो अपने प्रियजनों के इलाज के दौरान अस्पताल के करीब रहना चाहते हैं।
विश्राम गृहों की सुविधाएं
इस एम.ओ.यू. के तहत समर्पित सेवादान आरोग्य फाउंडेशन, राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी और देहरादून में लगभग 350 बिस्तरों की क्षमता वाले विशेष विश्राम गृहों का निर्माण करेगा। इन विशेष रैन बसेरों में रात्रि विश्राम की सुविधाएं बेहद सस्ती दरों पर उपलब्ध होंगी- ₹55 प्रति बिस्तर और ₹300 प्रति रात दो बिस्तरों वाले कमरों के लिए। नाश्ता ₹20 और भोजन ₹35 में प्रदान किया जाएगा, जिससे तीमारदारों को अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।
सुविधा की अवधारणा और देखरेख
इन विश्राम गृहों का संचालन एवं रखरखाव सेवादान आरोग्य फाउंडेशन द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा, राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून और हल्द्वानी द्वारा 1750 और 1400 वर्गमीटर भूमि संबंधित डील के तहत प्रदान की जाएगी। यह एम.ओ.यू. अगले 20 वर्षों के लिए वैध रहेगा, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि लंबे समय तक इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकेगा।
स्वास्थ्य मंत्री और विशेषज्ञों की उपस्थिति
इस खास अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, और चिकित्सा शिक्षा के निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना समेत कई अन्य विशेषज्ञ उपस्थित थे। यह एम.ओ.यू. केवल प्रशासन की पहल नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक क्रांतिकारी मदद साबित होगा, जैसा कि लंबे वक्त से मांग उठती रही है।
निष्कर्ष
इस नए एम.ओ.यू. के माध्यम से चिकित्सकीय सेवाओं को सुविधाजनक बनाते हुए सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न केवल तीमारदारों को राहत मिलेगी बल्कि मरीजों के ठीक होने की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी। इससे यह भी उम्मीद की जा रही है कि अन्य राज्यों के चिकित्सा संस्थान भी इसी प्रकार के मॉडल को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।
यही समय है कि हम ऐसी सुविधाओं की सराहना करें जो समाज में एक नई रोशनी जोड़ेंगी। तीमारदारों के लिए ये विश्राम गृह न सिर्फ एक निवास स्थान प्रदान करेंगे, बल्कि मानसिक शांति का भी अनुभव कराएंगे।
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