सीएम ने किया इसरो द्वारा प्रकाशित पुस्तक का विमोचन

देहरादून। शासकीय आवास पर विकसित भारत 2047 के निर्माण के लिए हिमालयी राज्यों के परिप्रेक्ष्य में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोग अन्तरिक्ष सम्मेलन-2025 में इसरो के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सम्मिलित हुये। इस अवसर पर प्रदेश में मॉडल जनपद बनाने के लिए इसरो और यूकास्ट द्वारा विकसित डैशबोर्ड का शुभारंभ […]

सीएम ने किया इसरो द्वारा प्रकाशित पुस्तक का विमोचन
देहरादून। शासकीय आवास पर विकसित भारत 2047 के निर्माण के लिए हिमालयी राज्यों के परिप्रेक्ष्य में अं�

सीएम ने किया इसरो द्वारा प्रकाशित पुस्तक का विमोचन

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देहरादून। शासकीय आवास पर विकसित भारत 2047 के निर्माण के लिए हिमालयी राज्यों के परिप्रेक्ष्य में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोग अन्तरिक्ष सम्मेलन-2025 में इसरो के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सम्मिलित हुये। इस अवसर पर प्रदेश में मॉडल जनपद बनाने के लिए इसरो और यूकास्ट द्वारा विकसित डैशबोर्ड का शुभारंभ एवं इसरो द्वारा प्रकाशित पुस्तक का विमोचन भी किया गया।

अन्य महत्वपूर्ण पहल: पुस्तक विमोचन का महत्व

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुस्तक विमोचन के दौरान कहा कि आज अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अनुसंधान केवल एक तकनीकी व्याकरण नहीं रहा, बल्कि यह संचार, कृषि, मौसम पूर्वानुमान, आपदा प्रबंधन, शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उनकी सरकार विज्ञान एवं तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कृतसंकल्पित है।

धामी ने बताया कि उत्तराखंड में विज्ञान सिटी, साइंस एवं इनोवेशन सेंटर तथा एआई, रोबोटिक्स, ड्रोन और अन्य अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना पर कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह सम्मेलन उत्तराखंड को “स्पेस टेक्नोलॉजी फ्रेंडली स्टेट” बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण का समर्थन

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत@2047’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने पुरस्कार विजेता पहलुओं को उजागर किया जिनका उद्देश्य भविष्य में भारतीय समाज को अधिक समावेशी व मजबूत बनाना है।

इस सम्मेलन का आयोजन विशेष रूप से भारतीय अंतरिक्ष मिशनों, अभियानों और प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिससे युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान में करियर के अवसर मिल सकें। इस तरह की पहलें न केवल ज्ञान में विस्तार का कारण बनती हैं बल्कि विद्यार्थियों को वैज्ञानिक सोच विकसित करने में भी मदद करती हैं।

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और ग्रामीण विकास

आने वाले समय में, ग्रामीण क्षेत्रों में भी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग को विशेष रूप से बढ़ावा देने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री धामी ने स्थानीय किसानों और व्यवसायिक उद्यमियों को यह समझाने पर जोर दिया कि कैसे उपग्रह आधारित तकनीकी से उनकी कृषि उत्पादकता और सामर्थ्य में वृद्धि हो सकती है।

जिस प्रकार इसरो ने भारतीय कृषि को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया है, उसी प्रकार उत्तराखंड की ग्रामीण जनसंख्या के लिए भी यह सहयोग बहुत महत्वपूर्ण होगा।

निष्कर्ष

इस सम्मेलन और पुस्तक विमोचन ने दिखाया कि कैसे सरकार वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विकास की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्तराखंड सरकार के इन प्रयासों से न केवल राज्य बल्कि पूरे देश में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ेगा, जिससे भारत 2047 की ओर तेजी से बढ़ेगा।

इस प्रकार की पहलें हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि विकास की राह में विज्ञान और प्रौद्योगिकी कितना आवश्यक हैं, और हमें इनका सही दिशा में उपयोग कैसे करना चाहिए। इन सभी का मुख्य उद्धेश्य एक विकसित भारत की ओर अग्रसर होना है।

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