30 जून को होगा मॉक ड्रिल का आयोजन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में 30 जून को राज्य के मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ के दौरान प्रभावी तरीके से राहत और बचाव कार्यों को संचालित करने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में आज मॉक ड्रिल की तैयारी […]

30 जून को होगा मॉक ड्रिल का आयोजन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में 30 जून को राज्य के मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ के दौरान प्रभावी तरीके से राहत और बचाव कार्यों को संचालित करने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में आज मॉक ड्रिल की तैयारी को लेकर ओरिएंटेशन तथा कोऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया।
मॉक ड्रिल की तैयारी में सभी जनपदों की भूमिका
इस दौरान सभी जनपदों को मॉक ड्रिल कराने को लेकर विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया। सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश के मैदानी जनपदों में बाढ़ की स्थिति पर प्रभावी तरीके से नियंत्रण पाने व विभिन्न विभागों के मध्य आपसी समन्वय तथा मॉक ड्रिल कराने के निर्देश दिए थे।
कहाँ और कब होगा मॉक ड्रिल?
यह मॉक ड्रिल ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार तथा देहरादून, नैनीताल और चंपावत जनपद के मैदानी क्षेत्रों में आयोजित की जाएगी। मॉक ड्रिल ऐसे स्थानों में आयोजित की जाएगी, जहां विगत कुछ वर्षों से लगातार जल भराव तथा बाढ़ के हालात उत्पन्न हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त, 28 जून को टेबल टॉप एक्सरसाइज आयोजित की जाएगी जिसमें सभी जनपद अपनी तैयारियों के साथ ही संसाधनों की उपलब्धता, उनकी तैनाती, तथा मॉक ड्रिल के लिए योजना के बारे में बताएंगे।
आईआरएस प्रणाली के अंतर्गत आयोजन
मॉक ड्रिल का आयोजन आईआरएस यानी घटना प्रतिक्रिया प्रणाली के अंतर्गत किया जाएगा। विगत 9 जून को राज्य, जनपद तथा तहसील स्तरीय आईआरएस की अधिसूचना जारी कर दी गई है। सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि इस मॉक ड्रिल के माध्यम से सरकार सभी संबंधित विभागों के बीच समन्वय को मजबूत करना चाहती है ताकि बाढ़ के दौरान प्रभावी बचाव कार्य किए जा सकें।
उम्मीदें और प्रतिक्रिया
बाढ़ के दौरान राहत और बचाव कार्यों में यह मॉक ड्रिल महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। इससे न केवल सरकारी कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा बल्कि आम जनता के बीच भी इस पहल के माध्यम से जागरूकता फैलाई जाएगी। इससे संबंधित सभी अधिकारी और कर्मचारी यह सुनिश्चित करेंगे कि वे किसी भी आपदा की स्थिति में तत्परता से काम कर सकें।
निष्कर्ष
सम्पूर्ण कार्यक्रम का उद्देश्य बाढ़ सुरक्षा के प्रति सजग रहना और विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है। इस मॉक ड्रिल के आयोजन से राज्य सरकार यह दिखाना चाहती है कि वह सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर है। अगले कुछ हफ्तों में यह मॉक ड्रिल एक महत्वपूर्ण परीक्षा बन जाएगी, जो साबित करेगी कि कैसे सभी विभाग मिलकर एक बंधन के रूप में कार्य कर सकते हैं।
इस मॉक ड्रिल का आयोजन निश्चित रूप से राज्य के नागरिकों के लिए एक सकारात्मक कदम है और यह बताता है कि आपदा प्रबंधन के संदर्भ में सरकार कितनी गंभीर है। अधिक जानकारी के लिए, कृपया यहाँ पर क्लिक करें.
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लेखिका: प्रिया शर्मा, साक्षी मेहता, टीम धर्मयुद्ध