प्रशासन ने थमाया अतिक्रमण का नोटिस, 15 दिन में खाली करना होगा घर
एफएनएन, हल्द्वानी: रकसिया और देवखड़ी नाले पर बसे 500 से अधिक अतिक्रमण पर जिला प्रशासन बुलडोजर चलाने जा रहा है. जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की नोटिस जारी करने के बाद से वहां के लोगों में दहशत का माहौल है. आशियाना टूटने का डर लोगों को सताने लगा है. दरअसल, जिला प्रशासन के निर्देश पर […] The post प्रशासन ने थमाया अतिक्रमण का नोटिस, 15 दिन में खाली करना होगा घर appeared first on Front News Network.

प्रशासन ने थमाया अतिक्रमण का नोटिस, 15 दिन में खाली करना होगा घर
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एफएनएन, हल्द्वानी: हाल ही में रकसिया और देवखड़ी नाले पर बसे 500 से अधिक अतिक्रमण पर जिला प्रशासन ने कठोर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। यह नोटिस प्रशासन द्वारा जारी किए जाने के बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल उत्पन्न हो गया है।
अतिक्रमण हटाने का नोटिस
जिला प्रशासन ने निर्देश दिया है कि अतिक्रमणकारी केवल 15 दिनों के भीतर अपने कब्जे हटाएं। यह कदम प्रशासन द्वारा गठित एक विशेष समिति द्वारा किये गए सर्वेक्षण के बाद उठाया गया है। समिति की रिपोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया था कि ये अतिक्रमण के चलते रकसिया और देवखड़ी नालों का संकुचन हो गया है, जिससे बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या उठ सकती है।
प्रदर्शन का आयोजन
स्थानीय निवासियों ने इस कार्रवाई के प्रति अपनी नाराजगी जताने के लिए हल्द्वानी के एसडीएम कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया। लोगों का कहना है कि इस प्रशासनिक कार्रवाई से 20,000 से अधिक नागरिक प्रभावित हो रहे हैं, जहां अधिकांश लोग निम्न और मध्यम आय वर्ग से संबंध रखते हैं।
एक निवासी ने बताया, "हम पिछले कई वर्षों से यहां रह रहे हैं और हमें सभी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। अब प्रशासन हमें बिना किसी चेतावनी के बेघर करने का प्रयास कर रहा है।"
स्थायी समाधान की आवश्यकता
आंदोलन के दौरान, राज्य आंदोलनकारी ललित जोशी ने एसडीएम को ज्ञापन दिया, जिसमें लोगों ने प्रशासन से तत्काल एक स्थायी समाधान की मांग की। लोगों का आरोप है कि अतिक्रमण की कार्रवाई गरीबों पर ही केंद्रित है, जबकि कई बिल्डर नालों पर अवैध कब्जा जमा चुके हैं।
प्रशासनिक दृष्टिकोण
एसडीएम राहुल शाह ने बताया कि रकसिया नाले पर 286 और देवखड़ी नाले पर 206 लोग अतिक्रमण कर रहे हैं। यदि अतिक्रमणकारियों ने 15 दिनों के भीतर अपने कब्जे नहीं हटाए, तो प्रशासन को मजबूरन बल का प्रयोग करना पड़ेगा।
निष्कर्ष
यह स्थिति न केवल प्रभावित परिवारों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है, बल्कि यह प्रशासन की नीति और उसके कार्यान्वयन पर भी सवाल उठाती है। क्या प्रशासन गरीबों को बेघर करने के बजाय बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई करेगा? यह देखना होगा कि क्या प्रशासन स्थायी समाधान निकालने में सफल होता है ताकि स्थानीय निवासियों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
इस पूरे घटनाक्रम में स्थानीय निवासियों की चिंताओं को समझना आवश्यक है, और उम्मीद की जाती है कि प्रशासन उनकी सहानुभूति के साथ स्थिति का समाधान करेगा।