पॉवर गॉशिप: सिस्टम के शिष्टाचारी…बदजुबान मंत्री की कहानी… जब रात में निर्माण भवन पहुंचे एक अधिकारी…प्रदेश प्रभारी के लिए सदन ठप ! पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में चल रहा है सेटिंग का खेल…

सिस्टम के शिष्टाचारी…बदजुबान मंत्री की कहानी मध्यप्रदेश के एक मंत्री इन दिनों परेशान हैं। कारण कुछ और नहीं बल्कि उनकी

पॉवर गॉशिप: सिस्टम के शिष्टाचारी…बदजुबान मंत्री की कहानी… जब रात में निर्माण भवन पहुंचे एक अधिकारी…प्रदेश प्रभारी के लिए सदन ठप ! पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में चल रहा है सेटिंग का खेल…
सिस्टम के शिष्टाचारी…बदजुबान मंत्री की कहानी मध्यप्रदेश के एक मंत्री इन दिनों परेशान हैं। कारण

पॉवर गॉशिप: सिस्टम के शिष्टाचारी…बदजुबान मंत्री की कहानी… जब रात में निर्माण भवन पहुंचे एक अधिकारी…प्रदेश प्रभारी के लिए सदन ठप ! पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में चल रहा है सेटिंग का खेल…

सिस्टम के शिष्टाचारी…बदजुबान मंत्री की कहानी! मध्यप्रदेश के एक मंत्री इन दिनों परेशान हैं। कारण कुछ और नहीं बल्कि उनकी ही बदजुबानी फिर अजीब तर्क पर मीडिया की खिंचाई। एक नहीं बल्कि दो-दो प्रदेश के बड़े और बेहद महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी उनके कंधे पर है। वर्षों से बदहाल और खस्ताहाल विभागों की हालत भी आज भी वेंटिलेटर पर ही मानिए। ऐसे में आपका जनता के सवालों के साथ मीडिया से भागना वाजिब माना जा सकता है। यह कहानी आपके धैर्य की परीक्षा ले रही है। – टीम धर्मयुद्ध

जब रात में निर्माण भवन पहुंचे एक अधिकारी

पीडब्ल्यूडी में बीते कुछ दिनों से कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बारिश ने विभाग की हालत को और खराब कर दिया। हाल ही में एक वरिष्ठ अधिकारी जो रात में निर्माण भवन पहुंचे, मामला एक टेंडर से जुड़ा था। तैयार किए जा रहे टेंडर में गड़बड़ी करने की कुछ विशेष शर्तें थीं, जिसके चलते विंध्य की एक बड़ी कंपनी को फायदे पहुंचाने का प्रयास दिखाई दिया। इस विशेष डील की जानकारी जब कांग्रेस के एक नेता को मिली, तब उन्होंने एक ट्वीट किया। हालांकि, चंद मिनटों में अनुरोध पर ट्वीट हटा दिया गया, लेकिन तब तक बात श्यामला हिल्स तक पहुंच चुकी थी। रात में काम भी शुरू हुआ, लेकिन अब तक टेंडर जारी नहीं किया गया है। इस घटना ने विभाग में उठते सवालों को और बढ़ा दिया है, और इससे मंत्री की छवि पर भी असर पड़ा है।

प्रदेश प्रभारी के लिए सदन ठप!

मध्यप्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र चल रहा है जिसमें 10 बैठकों की योजना थी। पहले पांच में विपक्ष ने अलग-अलग मुद्दों को उठाया, लेकिन सत्र के पांचवें दिन कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में हंगामा किया। यह हंगामा खासतौर पर कांग्रेस प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी के विधानसभा में आने के मद्देनजर हुआ। इसके पीछे की कहानी यह थी कि अचानक विजय शाह के इस्तीफे की मांग के साथ विपक्ष ने सदन को ठप कर दिया। इस घटनाक्रम ने विधानसभा की कार्यवाही को बाधित कर दिया।

पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में चल रहा है सेटिंग का खेल

मध्यप्रदेश में साढ़े 6 हजार पदों पर पुलिस जवानों की भर्ती की गई है। नए पुलिस आरक्षकों की ट्रेनिंग जारी है, लेकिन खबरों के अनुसार यहां सेटिंग का खेल चल रहा है। नियमों के अनुसार अगर कोई जवान लगातार 30 दिन गैर हाजिर रहता है, तो उसे फिर से ट्रेनिंग शुरू करनी होती है। लेकिन सेटिंग के जरिए कई नए जवान 30 दिन से ज्यादा गैर हाजिर रहने के बावजूद ट्रेनिंग करवा रहे हैं। यह स्थिति विभाग के लिए चिंताजनक है। ऐसे में क्या सरकार इस पर ध्यान देगी, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।

इन सभी घटनाओं के पीछे छिपी बुराइयां और मानवीय चेतना को जगाने की आवश्यकता है। हमें सिस्टम को ठीक करने और विभागों में सुधार के लिए एकजुट होकर कदम उठाने की आवश्यकता है।

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