अस्पताल परिसर में सफाई की स्थिति को और बेहतर करने के निर्देश
देहरादून। सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज देहरादून स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय जिला अस्पताल (कोरोनेशन) और राजकीय दून मेडिकल कॉलेज से संबद्ध दून अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मंत्री डॉ. रावत ने अस्पताल के विभिन्न वार्डों का भ्रमण कर मरीजों एवं उनके परिजनों […] The post अस्पताल परिसर में सफाई की स्थिति को और बेहतर करने के निर्देश appeared first on The Lifeline Today : हिंदी न्यूज़ पोर्टल.

अस्पताल परिसर में सफाई की स्थिति को और बेहतर करने के निर्देश
देहरादून। सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज देहरादून स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय जिला अस्पताल (कोरोनेशन) और राजकीय दून मेडिकल कॉलेज से संबद्ध दून अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान मंत्री रावत ने अस्पताल के विभिन्न वार्डों का भ्रमण किया और मरीजों तथा उनके परिजनों से बातचीत कर स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली।
अस्पतालों का निरीक्षण और महत्वपूर्ण निर्देश
डॉ. रावत ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल प्रशासन को साफ-सफाई, स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और मरीजों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के واضحة निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक अस्पताल का स्वच्छता स्तर उसकी प्रतिष्ठा को दर्शाता है और मरीजों के स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव डालता है। इस संबंध में, उन्होंने अधिकारियों को अस्पताल परिसर में प्रमुख स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी हेतु सूचना पट्ट और फ्लैक्स लगाने के निर्देश दिए ताकि आमजन को स्वास्थ्य सुविधाओं की सही जानकारी मिल सके।
साफ-सफाई और स्वास्थ्य सेवाएं
कोरोनेशन अस्पताल में निरीक्षण के दौरान डॉ. रावत ने विभिन्न वार्डों में जाकर व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया और कमियों को शीघ्र दूर करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इसके उपरांत उन्होंने दून अस्पताल का भी निरीक्षण किया जहां उन्होंने मरीजों का हालचाल पूछा। मरीजों की समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद, डॉ. रावत ने दून मेडिकल कॉलेज प्रशासन को अस्पताल परिसर में सफाई की स्थिति को और बेहतर करने के निर्देश दिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता के साथ-साथ स्वच्छता भी महत्वपूर्ण है। साफ-सुथरे वातावरण में मरीजों को बेहतर उपचार और रिकवरी में मदद मिलती है। स्वच्छता के प्रति यह जागरूकता न केवल अस्पतालों में बल्कि अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में भी लागू होनी चाहिए।
सीधा संवाद और फीडबैक
स्वास्थ्य मंत्री ने दोनों अस्पतालों में तीमारदारों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याओं और संतुष्टि का फीडबैक लिया। उन्होंने अधिकारियों को त्वरित समाधान हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। यह मानवता के प्रति उनके दायित्व को दर्शाता है।
निष्कर्ष
अंत में, यह स्पष्ट है कि अस्पतालों की सफाई की स्थिति में सुधार लाने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे दौरे और निरीक्षण न केवल हकीकत को सामने लाते हैं, बल्कि प्रशासन पर भी दबाव बनाते हैं कि वे अस्पतालों में दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करें। हमें उम्मीद है कि इन प्रयासों से मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और अस्पतालों का माहौल स्वच्छ और स्वस्थ होगा।
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लेखिका: शीतल यादव, प्रिया सिंह, टीम dharmyuddh