आर्थिक नाकेबंदी के दौरान भीड़े कांग्रेसी नेता : सुशील शुक्ला और गिरीश दुबे के बीच हुई बहस, भाजपा ने ली चुटकी, देखें Video …
रायपुर। छत्तीसगढ़ में खनिज संपदा की लूट और जंगलों की कटाई के खिलाफ कांग्रेस ने आज प्रदेशव्यापी आर्थिक नाकेबंदी की।

आर्थिक नाकेबंदी के दौरान भीड़े कांग्रेसी नेता: सुशील शुक्ला और गिरीश दुबे के बीच हुई बहस, भाजपा ने ली चुटकी, देखें Video …
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में खनिज संपदा की लूट और जंगलों की कटाई के खिलाफ कांग्रेस ने आज प्रदेशव्यापी आर्थिक नाकेबंदी की। सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक यह नाकेबंदी प्रदेश के सभी पांच संभागों के प्रमुख राष्ट्रीय और राज्यीय राजमार्गों पर की गई। इस दौरान सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया गया।
इस आर्थिक नाकेबंदी के दौरान राजधानी रायपुर में एक अलग ही नजारा देखने को मिला। यहां कांग्रेस के दो नेताओं के बीच आपसी बहस हो गई। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला और जिला कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश दुबे के बीच किसी बात को लेकर तीखी कहासुनी हो गई। इस बहस का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दोनों नेताओं के बीच का यह विवाद कांग्रेस पार्टी की एकता पर सवाल उठाता है।
भाजपा ने इस बहस को लेकर चुटकी लेते हुए ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस के अंदरूनी कलह अब सार्वजनिक हो चुकी है। भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास ने इस वीडियो को शेयर करते हुए कहा, "कांग्रेस की नाकामी अब खुद उनके नेताओं के विवादों में दिखती है।" यह स्थिति कांग्रेस के लिए चिंताजनक है, क्योंकि यह दर्शाता है कि पार्टी के अंदर मतभेद बढ़ रहे हैं।
देखिये वीडियो-
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी ने इस आंदोलन के माध्यम से सरकार की नीतियों को लेकर असंतोष व्यक्त किया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य की प्राकृतिक संपदा को बचाने के लिए यह नाकेबंदी आवश्यक थी। वहीं, सोशल मीडिया पर इस बहस के वायरल होते ही, लोग इस पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ इसे राजनीति की बदहाली मानते हैं, तो कुछ इसे कांग्रेस के भीतर की दरार का स्पष्ट संकेत समझते हैं।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, यह आर्थिक नाकेबंदी न केवल छत्तीसगढ़ में राजनीतिक तापमान को बढ़ाती है, बल्कि कांग्रेस पार्टी के भीतर की चुनौती और भाजपा की चुटकियों का भी सबब बन रही है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस अपनी इन आंतरिक समस्याओं को कैसे सुलझाती है और क्या पार्टी एकजुट होकर अपने विरोध को मजबूत कर पाएगी या नहीं।
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