डीएम के नजर तरेरते ही ; वन निगम की 08 महीने से लम्बित कार्यवाही को लगे पंख
देहरादून: जिलाधिकारी सविन बसंल ने विगत दिवस स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारियों के साथ बैठक करते हुए उनकी समस्याएं सुनी। इस दौरान पुरानी जजी परिसर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारियों के लिए प्रस्तावित सदन निर्माण का मामला आया जो कि वन कटान अनुमति के कारण 8 माह से लम्बित था, जिस पर जिलाधिकारी ने […] The post डीएम के नजर तरेरते ही ; वन निगम की 08 महीने से लम्बित कार्यवाही को लगे पंख appeared first on Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा.

डीएम के नजर तरेरते ही ; वन निगम की 08 महीने से लम्बित कार्यवाही को लगे पंख
देहरादून: जिलाधिकारी सविन बसंल ने विगत दिवस स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारियों के साथ बैठक करते हुए उनकी समस्याएं सुनी। इस दौरान पुरानी जजी परिसर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारियों के लिए प्रस्तावित सदन निर्माण का मामला आया, जो कि वन कटान अनुमति के कारण 8 माह से लम्बित था।
जिलाधिकारी का सक्रिय हस्तक्षेप
जिलाधिकारी सविन बसंल की दिशा-निर्देशित दृष्टि ने इस मुद्दे को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने इस वार्ता में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों की समस्याओं को ध्यान से सुना और तत्काल कार्यवाही का आश्वासन दिया। जिलाधिकारी ने वन निगम द्वारा निर्धारित कटान प्रक्रिया को समझाते हुए, यह भी बताया कि बिना अनुमति के कोई कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सकता। लेकिन उनका आश्वासन कि वो इस मामले को प्राथमिकता देंगे, सभी उपस्थित लोगों के लिए एक उज्जवल संकेत था।
आगे की कार्रवाई
इस बैठक के बाद, स्पष्ट रूप से यह देखा गया कि किस तरह प्रशासन और स्थानीय निकाय मिलकर समस्याओं का समाधान खोज सकते हैं। जिलाधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी उल्लेख किया कि सभी प्रक्रियाएं जल्द ही शुरू होंगी और स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों को जल्द ही नई आवासीय परियोजना का लाभ मिलेगा। विवादित स्थान पर एक नज़र डालते हुए, उन्होंने वन निगम और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जल्द से जल्द आवश्यक अनुमतियां प्रदान करें।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस मामले पर स्थानीय नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं का भी समर्थन मिला है। उनका मानना है कि अगर प्रशासन संबंधित मुद्दों पर सक्रियता से काम करने लगे, तो समय रहते समस्याएं हल हो सकती हैं। इसके अलावा, यह पहल स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान और उनकी सेवा के प्रति शासन की निष्ठा को भी दर्शाती है।
निष्कर्ष
जिलाधिकारी का यह सक्रिय दृष्टिकोण सरकारी प्रक्रिया में तेजी लाने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह न केवल स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों के लिए आशा की किरण है, बल्कि शासन और प्रशासन के प्रति विश्वास को भी बढ़ाता है। हमें आशा है कि इस तरह की गतिविधियां आगे भी समाज के उत्थान में सहायक होंगी।
मुख्य बात यह है कि स्थानीय प्रशासन का सक्रिय होने से हमेशा समस्याओं का प्रकार और गहराई बदल सकती है, और इससे सभी नागरिकों को लाभ मिल सकता है। इस मामले में भी देखा गया कि जिलाधिकारी ने अपनी दखल से कार्यवाही को एक नई दिशा दी है।
इसलिए, हमें उम्मीद है कि ऐसी सक्रियताएं न केवल वर्तमान की समस्याओं का समाधान करेंगी, बल्कि भविष्य में भी स्थानीय नागरिकों के लिए एक आदर्श बनाई रखेंगी।
जैसे ही कार्यवाही आगे बढ़ेगी, जनता के सामने अधिक सकारात्मक परिणाम आएंगे। आगे की कार्रवाई के बारे में नई जानकारी पाने के लिए, यहां क्लिक करें.
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