उत्तराखंड विधानसभा में हंगामा, माइक फेंका, टेबल पलटाने की कोशिश

उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन में चल रहा है, लेकिन सत्र के पहले दिन ही जमकर हंगामा देखने को मिला , जहां विपक्ष के विधायक विरोध करते-करते इतने गुस्से में आ गए कि वे विधानसभा सचिव की टेबल तक पहुंच गए जहां उन्होंने न केवल टेबल को […] The post उत्तराखंड विधानसभा में हंगामा, माइक फेंका, टेबल पलटाने की कोशिश appeared first on Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा.

उत्तराखंड विधानसभा में हंगामा, माइक फेंका, टेबल पलटाने की कोशिश
उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भ

उत्तराखंड विधानसभा में हंगामा, माइक फेंका, टेबल पलटाने की कोशिश

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - dharmyuddh. उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन में चल रहा है, लेकिन सत्र के पहले दिन ही जमकर हंगामा देखने को मिला। विपक्ष के विधायक विरोध करते-करते इतने गुस्से में आ गए कि वे विधानसभा सचिव की टेबल तक पहुंच गए, जहां उन्होंने न केवल टेबल को पलटाने की कोशिश की, बल्कि माइक भी फेंका। इस घटना ने विधानसभा में माहौल को गरम بنا दिया।

विधानसभा सत्र का आरंभ और हंगामा

उत्तराखंड विधानसभा का यह मॉनसून सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यहां के सदन में विपक्षी दलों ने कई मुद्दों पर चर्चा की मांग की थी। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी विधायक अपनी मांगों को लेकर उठ खड़े हुए। उनमें से कुछ ने आरोप लगाया कि सरकार जनहित के मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रही है। इस दौरान, सदन में हंगामा बढ़ता गया जब विपक्षी विधायक सदन के नियमों को पूरी तरह से उल्लंघन करते हुए टेबल की ओर बढ़ गए।

गुस्साई आक्रामकता

विधायकों के गुस्से का स्तर इस कदर बढ़ गया कि उन्होंने विधानसभा सचिव की टेबल को पलटाने की कोशिश की। कई विधायकों ने माइक भी फेंके, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई। इस घटनाक्रम के बीच कुछ विधायक शेयर बाजार में गिरावट का आरोप सरकार पर लगाने लगे, जिससे स्थिति और तेजी से बिगड़ती गई।

प्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया

इस हंगामे पर सरकार और सत्ताधारी दल के सदस्यों ने खेद जताया है। उनका कहना है कि विधानसभा में इस तरह की घटना अस्वीकार्य है। विपक्ष के नेताओं ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। वे इस बात पर जोर दे रहे हैं कि सरकार को जनता के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए और बिना किसी बाधा के विधानसभा की कार्यवाही चलानी चाहिए।

संभावित परिणाम और आगे की कार्रवाई

इस घटनाक्रम के बाद, विधानसभा में अगले सत्र के लिए कई प्रतिबंधात्मक नियम लागू किए जा सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह घटना विधानसभा की न केवल आंतरिक राजनीति, बल्कि राज्य के राजनीतिक परिदृश्य पर भी प्रभाव डाल सकती है। यदि विपक्षी दल अपनी मांगों पर अड़े रहते हैं, तो यह मौजूदा सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है।

निष्कर्ष

उत्तराखंड विधानसभा में हुए इस हंगामे ने सवाल उठाए हैं कि क्या मौजूदा राजनीतिक वातावरण वास्तव में जनहित को ध्यान में रखता है। क्या विधायक अपनी व्यक्तिगत लाभ के लिए जनता की आवाज दबा रहे हैं? इन सवालों के जवाब आने वाले समय में मिलने की संभावना है। इस घटना ने यह दिखा दिया कि कामकाज में पारदर्शिता और जिम्मेदारी होना कितना जरूरी है।

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