उत्तराखंड में एसडीआरएफ ने खतरनाक रास्तों से ट्रेकर्स का सफल रेस्क्यू किया

एफएनएन, चमोली: उत्तराखंड के बदरीनाथ धाम से आगे सतोपंथ ट्रेक मार्ग पर फंसे ट्रेकर्स का रेस्क्यू कर लिया गया है, लेकिन एक ट्रेकर की जान नहीं बचाई जा सकी. जिसकी तबीयत खराब होने से मौत हो गई. वहीं, एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर दुर्गम और खतरनाक रास्तों से होकर ट्रेकर्स का रेस्क्यू किया. साथ […] The post उत्तराखंड एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर, दुर्गम और खतरनाक रास्तों से होकर ट्रेकर्स का किया रेस्क्यू appeared first on Front News Network.

उत्तराखंड में एसडीआरएफ ने खतरनाक रास्तों से ट्रेकर्स का सफल रेस्क्यू किया
एफएनएन, चमोली: उत्तराखंड के बदरीनाथ धाम से आगे सतोपंथ ट्रेक मार्ग पर फंसे ट्रेकर्स का रेस्क्यू क�

उत्तराखंड में एसडीआरएफ ने खतरनाक रास्तों से ट्रेकर्स का सफल रेस्क्यू किया

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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के सतोपंथ ट्रेक मार्ग पर फंसे ट्रेकर्स का रेस्क्यू किया गया है, लेकिन एक ट्रेकर की जान नहीं बचाई जा सकी। एसडीआरएफ की टीम ने कठिनाइयों का सामना करते हुए उन्हें बचाया।

एफएनएन, चमोली: उत्तराखंड के बदरीनाथ धाम के आगे सतोपंथ ट्रेक मार्ग पर चार ट्रेकर फंसे हुए थे। एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) ने उनका रेस्क्यू किया, लेकिन एक ट्रेकर की तबीयत खराब होने के कारण उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम ने तुरंत कार्यवाही करते हुए उस स्थान की ओर रुख किया।

ट्रेक पर फंसे ट्रेकर्स की जानकारी

जानकारी के अनुसार, 3 अक्टूबर को बदरीनाथ थाने से एसडीआरएफ को सूचना मिली कि वसुधारा से चार किलोमीटर आगे लक्ष्मीवन क्षेत्र में कई ट्रेकर्स फंसे हुए हैं, जिसमें से एक की तबीयत बहुत खराब हो गई थी। यह स्थान लगभग 4000-4500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जहां पर पहुंचना अत्यंत मुश्किल था।

एसडीआरएफ टीम की तत्परता

सूचना मिलने के तुरंत बाद एसडीआरएफ की टीम उप निरीक्षक दीपक सामंत के नेतृत्व में आवश्यक उपकरण और सैटेलाइट फोन लेकर घटनास्थल के लिए रवाना हुई। ट्रेकिंग दल में 12 सदस्य शामिल थे। इनमें से 6 ट्रेकर पहले ही माणा गांव आ चुके थे, लेकिन बाकी ट्रेकर सतोपंथ क्षेत्र में फंस गए थे।

रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौतियाँ

एक ट्रेकर की तबीयत अचानक खराब होने पर, अन्य ट्रेकर्स ने उसे नीचे लाने का प्रयास किया, लेकिन विफल रहे। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सहायता के लिए सूचित किया। बदरीनाथ पुलिस ने जानकारी मिलने पर एसडीआरएफ को सूचित किया और रेस्क्यू टीम तुरंत सर्च एवं राहत कार्य के लिए रवाना हुई।

दुर्गम क्षेत्र से शव बरामद

कड़ी मेहनत और विषम परिस्थितियों में एसडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंची। वहाँ से एक ट्रेकर का शव बरामद किया गया। टीम ने उस शव को स्ट्रेचर के माध्यम से लक्ष्मीवन तक लाया, और फिर वहां से माणा गांव तक सुरक्षित पहुंचाया। शव को जिला पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। इस ट्रेकर का नाम सुमंता दा, निवासी बराड्रोन, दक्षिण 24 परगना, पश्चिम बंगाल था।

वासुकी ताल ट्रेक से रेस्क्यू

इससे पहले, केदारनाथ के वासुकी ताल ट्रेक से भी एक युवक का रेस्क्यू किया गया था। हरियाणा का जय प्रकाश नाम का युवक अपने दोस्तों के साथ वासुकी ताल गया था, लेकिन रास्ता भटक गया। उसके दोस्तों ने उसे वापस न लौटने पर पुलिस को सूचित किया, और रात के समय एसडीआरएफ के जवानों ने उसका सफल रेस्क्यू किया।

इस प्रकार, उत्तराखंड की एसडीआरएफ टीम ने खतरनाक स्थितियों में अद्भुत साहस और तत्परता के साथ ट्रेकर्स की सहायता की। इस घटना ने यह साबित किया है कि चुनौतियों के बावजूद मानव सहायता की आवश्यकता हमेशा महत्वपूर्ण होती है।

इस मामले के संबंध में अधिक जानकारी के लिए हमारे वेबसाइट पर जाएं: https://dharmyuddh.com

सर्वश्रेष्ठ फर्स्ट रिस्पॉन्सर्स की तत्परता को देखते हुए हम एसडीआरएफ टीम को सलाम करते हैं।

सादर,
टीम धर्म युद्ध
दिव्या शर्मा