आपदा के बीच भी अटूट देशभक्ति: धराली-हर्षिल-मुखबा में उत्साह व गरिमा के साथ मनाया 79वां स्वतंत्रता दिवस
प्राकृतिक आपदा के बावजूद, धराली हर्षिल,मुखबा क्षेत्र के लोगों ने अदम्य साहस और देशभक्ति की भावना के साथ 79वां स्वतंत्रता दिवस पूर्ण उत्साह एवं गरिमा के साथ मनाया। आपदा की विभीषिका के बीच भी लोगों का राष्ट्रप्रेम और जज़्बा कम नहीं हुआ। धराली,हर्षिल,मुखबा में आज सुबह 9 बजे ध्वजारोहण कर राष्ट्रगान गाया गया। इस अवसर […] The post आपदा के बीच भी अटूट देशभक्ति: धराली-हर्षिल-मुखबा में उत्साह व गरिमा के साथ मनाया 79वां स्वतंत्रता दिवस appeared first on The Lifeline Today : हिंदी न्यूज़ पोर्टल.

आपदा के बीच भी अटूट देशभक्ति: धराली-हर्षिल-मुखबा में उत्साह व गरिमा के साथ मनाया 79वां स्वतंत्रता दिवस
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प्राकृतिक आपदा के बावजूद, धराली, हर्षिल और मुखबा के क्षेत्र के लोगों ने अदम्य साहस और देशभक्ति की भावना के साथ 79वां स्वतंत्रता दिवस पूर्ण उत्साह और गरिमा के साथ मनाया। आपदा की विभीषिका के बीच भी लोगों का राष्ट्रप्रेम और जज़्बा कम नहीं हुआ। यह अद्वितीय उत्सव केवल एक स्वतंत्रता दिवस के रूप में नहीं, बल्कि भारतीय आत्मा की अडिगता का प्रतीक बन गया है।
उत्सव की शुरुआत
धराली, हर्षिल, और मुखबा में आज सुबह 9 बजे ध्वजारोहण किया गया, जिसके बाद राष्ट्रगान भी गाया गया। इस अवसर पर विभिन्न आपदा राहत कार्यों में लगे कर्मियों, पुलिस बल, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, और एनडीआरएफ ने भी ध्वजारोहण किया। स्थानीय नागरिकों, युवाओं और बुजुर्गों ने भी इस मौके पर बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
वक्ताओं के संदेश
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा, "भले ही आपदा ने भौतिक क्षति पहुंचाई हो, लेकिन हमारी आत्मा और देशभक्ति की भावना अडिग है। यह स्वतंत्रता दिवस न केवल आज़ादी का प्रतीक है, बल्कि हमारी एकजुटता, साहस और संघर्ष की जीवंत मिसाल भी है।" कार्यक्रम के समापन पर संकल्प लिया गया कि हम सभी मिलकर पुनर्निर्माण में अपना योगदान देंगे, और इस आपदा से प्रभावित क्षेत्र को फिर से संवारेंगे।
स्थानीय अधिकारियों की उपस्थिति
इस अवसर पर गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल, तहसीलदार सुरेश सेमवाल, और अन्य अधिकारी एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। उनका सहयोग इस उत्सव में अति महत्वपूर्ण था। लोगों ने एक साथ मिलकर इस चुनौतीपूर्ण समय में भी स्वतंत्रता के महत्व को समझा और उसे मनाने की इच्छा को दर्शाया।
उपसंहार
यह स्वतंत्रता दिवस न केवल हमारी स्वतंत्रता का जश्न मनाने का अवसर है, बल्कि यह यह भी दर्शाता है कि नागरिक एकजुट होकर कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं। धराली, हर्षिल, और मुखबा की जनता ने इस बात का प्रमाण दिया कि जब देश का सम्मान और सुरक्षा दांव पर हो, तब हर व्यक्ति अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए तत्पर रहता है। यह उत्सव हम सभी के लिए एक प्रेरणा है कि हम कठिन समय में भी अपने मुल्क के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से पीछे न हटें।
इस दिन की यादें न केवल हमें हमारे राष्ट्रीय पर्व की महत्ता समझाती हैं, बल्कि हमें एकजुट रहते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती हैं।