ऐतिहासिक जीएसटी सुधारों से सहकारी क्षेत्र को मिलेगी नई ताकत
एफएनएन, नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि ऐतिहासिक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों से सहकारी क्षेत्र को मजबूती मिलेगी, उनके उत्पाद अधिक प्रतिस्पर्धी होंगे और किसानों व ग्रामीण उद्यमों की आय में वृद्धि होगी. सरकार का दावा है कि इन सुधारों से देश के 10 करोड़ से अधिक डेयरी किसानों को […] The post ऐतिहासिक वस्तु एवं सेवा कर सुधारों से सहकारी क्षेत्र को मिलेगी मजबूती appeared first on Front News Network.

ऐतिहासिक जीएसटी सुधारों से सहकारी क्षेत्र को मिलेगी नई ताकत
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कम शब्दों में कहें तो, केंद्र सरकार ने हाल ही में ऐतिहासिक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य सहकारी क्षेत्र को मजबूती देना है। इन सुधारों के जरिए किसानों और ग्रामीण उद्यमों की आय में वृद्धि की उम्मीद जताई गई है, इस फैसले से देश के 10 करोड़ से अधिक डेयरी किसानों को सीधे फायदा होगा।
डेयरी सेक्टर को मिलेगी बड़ी राहत
सरकार के नए सुधारों के तहत, दूध और पनीर (ब्रांडेड और अनब्रांडेड) को जीएसटी से मुक्त किया गया है। इसके अलावा, घी और मक्खन जैसे उत्पादों पर टैक्स को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इसी तरह, लोहे, स्टील और एल्युमिनियम से बने दूध के कैन पर भी टैक्स को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे घरेलू डेयरी उद्योग को मजबूती मिलेगी और महिला स्व-सहायता समूहों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
खाद्य प्रसंस्करण और घरेलू वस्तुओं में बदलाव
सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी कई उत्पादों पर जीएसटी दर को 5% कर दिया है, जिनमें चीज़, नमकीन, पास्ता, जेली, जूस ड्रिंक, भुजिया और यीस्ट शामिल हैं। वहीं चॉकलेट, कॉर्नफ्लेक्स, आइसक्रीम, पेस्ट्री, केक, बिस्किट और कॉफी पर टैक्स को 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आम लोगों की खपत बढ़ेगी और घरेलू खर्च में कमी आएगी।
कृषि उपकरण और उर्वरकों पर विशेष ध्यान
कृषि को और मजबूत बनाने के लिए, 1800 सीसी तक की क्षमता वाले ट्रैक्टर पर जीएसटी को घटाकर 5% कर दिया गया है। साथ ही, टायर, ट्यूब, हाइड्रोलिक पंप और अन्य उपकरणों पर भी टैक्स 18% से घटाकर 5% किया गया है। प्रमुख उर्वरकों जैसे अमोनिया, सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड पर टैक्स को 18% से घटाकर 5% करने का निर्णय लिया गया है, जिससे किसानों को बेहतर कीमतों पर खाद्य सामग्रियाँ मिल सकेंगी और बुवाई के समय समस्याएँ कम होंगी।
टिकाऊ खेती को बढ़ावा
सरकार ने 12 बायोपेस्टिसाइड्स और विभिन्न माइक्रोन्यूट्रिएंट्स पर टैक्स को 12% से घटाकर 5% कर दिया है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है, जिससे छोटे किसान और किसान उत्पादक संगठन (FPOs) को सीधा लाभ पहुंचेगा।
परिवहन क्षेत्र में सुधार
सरकार ने वाणिज्यिक ट्रक और डिलीवरी वैन पर जीएसटी को 28% से घटाकर 18% कर दिया है, जिससे माल ढुलाई की लागत में कमी आएगी। इसके परिणामस्वरूप, कृषि उत्पादों के परिवहन का खर्च भी कम होगा, जिससे भारतीय उत्पादों की निर्यात प्रतिस्पर्धा में सुधार होगा। इससे सहकारी संस्थाओं, ग्रामीण उद्यमियों और किसानों को सशक्त बनाने के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी।
अंत में, इन सुधारों का क्रियान्वयन न केवल सहकारी क्षेत्र की स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि यह देश की आर्थिक नींव को भी मजबूत करेगा।
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टीम धर्म युद्ध, संचिता शर्मा