छत्तीसगढ़ के सरकारी कॉलेज में 1.22 करोड़ का गबन, उच्च शिक्षा संचालनालय ने FIR दर्ज कराने के दिए निर्देश

सत्या राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में स्थित आचार्य पंथ श्री गंध मुनि नाम साहेब शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में

छत्तीसगढ़ के सरकारी कॉलेज में 1.22 करोड़ का गबन, उच्च शिक्षा संचालनालय ने FIR दर्ज कराने के दिए निर्देश
सत्या राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में स्थित आचार्य पंथ श्री गंध मुनि नाम साहेब शासक�

छत्तीसगढ़ के सरकारी कॉलेज में 1.22 करोड़ का गबन, उच्च शिक्षा संचालनालय ने FIR दर्ज कराने के दिए निर्देश

सत्या राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में स्थित आचार्य पंथ श्री गंध मुनि नाम साहेब शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में वित्तीय अनियमितताओं का एक गंभीर मामला सामने आया है। उच्च शिक्षा संचालनालय ने एक जांच समिति गठित की थी, जिसने अपनी रिपोर्ट में इस वित्तीय गबन की पुष्टि की है। इस जांच समिति का नेतृत्व डॉ. आर.एस. खेर, प्राचार्य, शासकीय मदन लाल शुक्ल स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सीपत (बिलासपुर) कर रहे थे।

कॉलेज की छवि

जांचकर्ताओं ने पाया कि पूर्व प्राचार्य डॉ. बी.एस. चौहान (जो निलंबित हैं) और सहायक ग्रेड-2 प्रमोद वर्मा (जो निलंबित हैं) के द्वारा कुल ₹1,22,69,125 (एक करोड़ बाईस लाख उनहत्तर हजार एक सौ पच्चीस रुपये) का गबन किया गया है। यह मामला छात्रों और शिक्षकों की विश्वसनीयता पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।

गबन की जाँच और सरकारी प्रतिक्रिया

उच्च शिक्षा संचालनालय ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। वर्तमान प्राचार्य को निर्देशित किया गया है कि वह दोनों आरोपी व्यक्तियों के विरुद्ध स्थानीय पुलिस थाने में FIR दर्ज कराएं और आवश्यक दस्तावेज पेश करें। यह स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ सरकार वित्तीय अनियमितताओं को सहन नहीं करेगी।

आचार्य पंथ श्री गंध मुनि महाविद्यालय का महत्व

यह महाविद्यालय छत्तीसगढ़ के शिक्षा क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान रखता है। यहाँ की शिक्षा प्रणाली को उच्चतम मानकों पर बनाए रखना हमेशा से एक प्राथमिकता रही है। लेकिन इस तरह के आर्थिक घोटाले से शिक्षण संस्थान की साख को नुकसान पहुँच सकता है।

छात्रों और महाविद्यालय पर प्रभाव

इस गबन के मामले से छात्र समुदाय और महाविद्यालय की प्रतिष्ठा प्रभावित हो सकती है। छात्र और अभिभावक यह जानने को उत्सुक हैं कि क्या प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से उठाएगा और सचाई को उजागर करेगा। यदि यह मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है, तो छात्र और अभिभावक निराशा महसूस कर सकते हैं।

भविष्य की संभावनाएँ

इस घटना के उजागर होने के पश्चात, यह आवश्यक है कि एक स्वतंत्र जांच समिति का गठन किया जाए ताकि सभी परिस्थितियों को स्पष्ट तौर पर समझा जा सके। महाविद्यालय में पारदर्शिता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि ऐसी अनियमितताओं की पुनरावृत्ति न हो सके। इस घटना ने शिक्षा प्रणाली के भीतर वित्तीय जागरूकता और जिम्मेदारी को बढ़ाने की जरूरत को जाहिर किया है।

गबन की यह घटना एक बार फिर शिक्षा प्रणाली की कमियों को उजागर करती है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में वित्तीय प्रशासन को मजबूत बनाया जाए तथा पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जाए।

यदि दोषियों को सख्त सजा नहीं दी गई, तो यह मामले आगामी समय में पुनः ऐसे अपराधों को प्रेरित कर सकता है। शिक्षा प्रणाली को इस घोटाले से उबरने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

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