दिलजीत दोसांझ की ‘बॉर्डर 2’ पर संकट के बादल, FWICE ने गृह मंत्री और रक्षा मंत्री से की सख्त कार्रवाई की मांग
KNEWS DESK – दिलजीत दोसांझ और पाकिस्तानी एक्ट्रेस हानिया आमिर के साथ उनकी फिल्म ‘सरदार जी 3’ को लेकर उठे विवाद की आंच अब आने वाली वॉर फिल्म ‘बॉर्डर 2’…

दिलजीत दोसांझ की ‘बॉर्डर 2’ पर संकट के बादल, FWICE ने गृह मंत्री और रक्षा मंत्री से की सख्त कार्रवाई की मांग
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दिलजीत दोसांझ और पाकिस्तानी एक्ट्रेस हानिया आमिर के साथ उनकी फिल्म ‘सरदार जी 3’ को लेकर उठे विवाद की आंच अब आने वाली वॉर फिल्म ‘बॉर्डर 2’ तक पहुँच गई है। FWICE (फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने इंप्लॉयीज) ने इस मामले में गृहमंत्री और रक्षा मंत्री से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
FWICE की चिंताएँ
FWICE ने अपने हालिया बयान में कहा कि दोनों देशों के बीच हालात बढ़ते जा रहे हैं और हमारे फिल्म सिनेमा को इससे प्रभावित होना पड़ सकता है। उन्होंने भारत में काम कर रहे पाकिस्तानी कलाकारों के मामलों को लेकर अपने स्टैंड को स्पष्ट किया है। FWICE का मानना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुख मामला है और सभी को इससे ऊपर उठकर सोचना चाहिए।
‘बॉर्डर 2’ का महत्व
फिल्म ‘बॉर्डर 2’ एक युद्ध फिल्म है, जो भारत-पाकिस्तान के बीच की घटनाओं को दर्शाते हुए बनाई जा रही है। फिल्म के निर्देशक जेके भानुशाली का मानना है कि यह कहानी हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी और बलिदान को दर्शाती है। लेकिन अब FWICE की चिंताओं के चलते फिल्म की रिलीज पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
दिलजीत का बयान
दिलजीत दोसांझ ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि उनका केवल उद्देश्य कला के जरिए मित्रता का संदेश फैलाना है। हालांकि, उन्होंने FWICE के फैसले का समर्थन करने की बात भी कही है ताकि देश की सुरक्षा का ध्यान रखा जा सके।
क्या होगा अगला कदम?
अभी यह देखना बाकी है कि सरकार FWICE के अनुरोध पर क्या कदम उठाएगी। इससे पहले बॉलीवुड में कई विवाद उठ चुके हैं और सरकार ने कुछ मुद्दों पर सीधे हस्तक्षेप करने का निर्णय लिया है। अब समस्या यह है कि यदि FWICE का यह कदम कारगर साबित होता है, तो फिल्म इंडस्ट्री पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?
निष्कर्ष
हालांकि यह स्थिति अभी जटिल है, लेकिन निश्चित रूप से ‘बॉर्डर 2’ की रिलीज को लेकर भविष्य में और भी कई चर्चाएँ होने वाली हैं। हमें आशा है कि किसी भी प्रकार की राजनीति के बिना इस फिल्म का सही तरीके से प्रचार होगा और यह दर्शकों के दिलों को जीतने में सफल होगी।
अंत में, FWICE की मांगे और उनकी चेतावनियाँ हमें एक बार फिर यह याद दिलाती हैं कि कला और राजनीति का तालमेल कभी-कभी मुश्किल हो सकता है। इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है? अपनी विचार साझा करें।
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