समानता की मांग: कथावाचकों के साथ अमानवीय व्यवहार पर जमकर बवाल, राष्ट्रपति को ज्ञापन

देहरादून। कथावाचकों के साथ मारपीट, अमानवीय व्यवहार करने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार करके बेशक जेल भेज दिया हो लेकिन यादव समाज में इस घटना से उत्पन्न आक्रोश शांत होने का नाम नही ले रहा। उत्तर प्रदेश की घटना का असर उत्तराखण्ड में भी देखने को मिला। जहां राजधानी देहरादून में यादव समाज […]

समानता की मांग: कथावाचकों के साथ अमानवीय व्यवहार पर जमकर बवाल, राष्ट्रपति को ज्ञापन
देहरादून। कथावाचकों के साथ मारपीट, अमानवीय व्यवहार करने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार �

समानता की मांग: कथावाचकों के साथ अमानवीय व्यवहार पर जमकर बवाल, राष्ट्रपति को ज्ञापन

देहरादून। हाल ही में कथावाचकों के साथ हुई अमानवीय व्यवहार की घटना ने यादव समाज में व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है। इस घटना में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया है, परंतु इसके बावजूद सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर यादव समाज के लोग इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते दिखाई दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश से शुरू हुई यह घटना अब उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी सुर्खियों में है, जहां यादव समाज विकास समिति ने मिलकर विरोध प्रदर्शन किया और महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में इटावा जिले के बंकेवर थाना क्षेत्र में घटित मौखिक और शारीरिक हमले को एक सुनियोजित साजिश करार दिया गया है।

जिलाधिकारी को ज्ञापन की पेशकश

आज दोपहर 12:30 बजे यादव समाज विकास समिति के सदस्य, अध्यक्ष राजदेव सिंह यादव के नेतृत्व में, जिला मुख्यालय पर इकट्ठा हुए। उन्होंने जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस ज्ञापन में राजदेव सिंह यादव ने कहा कि इटावा में यादव कथावाचक मुकुटमनि यादव और उनके सहयोगियों पर हुई बर्बरता की घटना अत्यंत निंदनीय है। उनके खिलाफ किया गया अमानवीय व्यवहार समाज के एक बड़े हिस्से को प्रभावित करने वाला है।

जाति और धर्म के सम्मान की पुकार

यादव समाज विकास समिति के वरिष्ठ नेता मुरारी यादव ने कहा, “यह घटना केवल एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि पूरे यादव समुदाय पर हमला है।” उन्होंने कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। मुरारी यादव ने माना कि यह घटना एक सुनियोजित प्रयास है, और कहा कि भारतीय संविधान सभी को समानता का अधिकार देता है, इसलिए इस तरह की बर्बरता के खिलाफ ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

भविष्य की सुरक्षा की आवश्यकता

ज्ञापन में उत्तर प्रदेश सरकार से आग्रह किया गया कि इस घटना की गहराई से जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। ज्ञापन में शामिल अन्य प्रमुख सदस्य जैसे उपाध्यक्ष अनुराग यादव, महासचिव मनोज कुमार यादव, कोषाध्यक्ष संदीप कुमार यादव और संगठन सचिव संजय कुमार यादव ने प्रशासन से यह भी निवेदन किया कि वह कथावाचकों और धार्मिक प्रचारकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करे, ताकि आपसी स्नेह और सद्भावना बनी रहे।

समाज में गरमाती चिंगारी

ऐसी घटनाएं समाज में नफरत और विभाजन का कारण बन रही हैं। यादव समाज में व्याप्त आक्रोश को दूर करने के लिए समुदाय के नेतृत्व को एकजुट होकर काम करना आवश्यक है। हम सभी को यह समझना होगा कि हमारे सभी जातियां, धर्म और संप्रदाय समान हैं, और यह हमारा संविधान है जो हमें अपनी स्थिति के आधार पर सम्मान के साथ जीने का अधिकार देता है।

निष्कर्ष

इस संघर्ष ने केवल यादव समाज को प्रभावित नहीं किया है, बल्कि पूरे देश में जातिगत पूर्वाग्रह पर प्रकाश डाला है। सामूहिक एकता और एक-दूसरे के प्रति सम्मान की आवश्यकता अब पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है। हमें एक ऐसे समाज की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए, जहां प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान हो। इस तरह की घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाना और उन्हें सही ठहराना हमारी जिम्मेदारी बनती है।

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लेखिका: सविता वर्मा, टीम धर्मयुद्ध

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