CAG रिपोर्ट पर हाईकोर्ट बोला-दिल्ली सरकार की ईमानदारी पर संदेह:इसे स्पीकर को भेजकर विधानसभा में चर्चा करवानी थी; रिपोर्ट में शराब नीति का जिक्र था
दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले आई आई CAG रिपोर्ट का मुद्दा अब दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। 7 भाजपा विधायकों ने CAG की रिपोर्ट पर विधानसभा में चर्चा करवाने की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई थी, जिसपर सोमवार को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। दिल्ली हाईकोर्ट कोर्ट जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने कहा- CAG रिपोर्ट पर विचार करने में जिस तरह से दिल्ली सरकार ने अपने कदम पीछे खींचे हैं, उससे इनकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है। दिल्ली सरकार को CAG रिपोर्ट को तुरंत स्पीकर को भेजना चाहिए था और सदन में चर्चा शुरू करनी चाहिए थी। दिल्ली विधानसभा के सेक्रेटेरिएट ने कहा- विधानसभा का कार्यकाल खत्म ही होने वाला है, इसलिए इस कार्यकाल में रिपोर्ट को लाने में फायदा नहीं है। भाजपा विधायक के वकील विजेंद्र गुप्ता ने कहा- सदन के सदस्य के तौर पर रिपोर्ट पर बहस करना हमारा अधिकार है। विजेंद्र गुप्ता ने कहा- हम चाहते हैं कि स्पीकर को विशेष सत्र बुलाने का निर्देश दिया जाए। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि वह स्पीकर को तत्काल आदेश नहीं दे सकता और फाइनल फैसला लेने से पहले दोनों पक्षों को सुनना जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि मामले पर आज दोपहर 2:30 बजे सुनवाई करेंगे। दरअसल, 11 जनवरी को दिल्ली सरकार के फैसलों को लेकर CAG की रिपोर्ट लीक हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें शराब नीति के फैसले सहित 14 मामले हैं। इसमें शराब नीति को लेकर सरकार को 2026 करोड़ रुपए का रेवेन्यू लॉस होने की बात कही गई थी। रिपोर्ट में बताया गया था कि शराब नीति में काफी गड़बड़ियां थीं, जिनमें लाइसेंस देने में खामी भी शामिल है। दिल्ली में 2021 में नई शराब नीति लागू की गई थी। इसमें लाइसेंस आवंटन को लेकर कई सवाल खड़े हुए। नीति वापस लेनी पड़ी। अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा। दोनों जेल भी गए। CM और डिप्टी CM पद छोड़ना पड़ा। फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। CAG की रिपोर्ट... इसमें शराब नीति के फैसले का भी जिक्र CAG रिपोर्ट में शराब नीति को लेकर क्या-क्या ... 21 दिसंबर को LG ने केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दी दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने 21 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की इजाजत दे दी थी। ED ने 5 दिसंबर को एलजी से केजरीवाल के खिलाफ ट्रायल चलाने की अनुमति मांगी थी। पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ ED ने इस साल मार्च में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के तहत केस दर्ज किया था। 21 मार्च को 4 घंटे की पूछताछ के बाद केजरीवाल को अरेस्ट किया गया था। केजरीवाल को इस केस में जमानत मिल गई थी, लेकिन ED ट्रायल शुरू नहीं कर पाई थी। -------------------------------------------------- दिल्ली की राजनीति से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... केजरीवाल ने शुरू की अंबेडकर स्कॉलरशिप योजना, दलित बच्चों की विदेश में पढ़ाई का खर्चा उठाएगी सरकार आम आदमी पार्टी के कन्वेनर अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को डॉ. अंबेडकर स्कॉलरशिप योजना का ऐलान किया। केजरीवाल ने कहा कि दलित परिवार के बच्चे की विदेशी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई और आने-जाने का खर्चा दिल्ली सरकार उठाएगी। पूरी खबर पढ़ें...
CAG रिपोर्ट पर हाईकोर्ट बोला-दिल्ली सरकार की ईमानदारी पर संदेह
दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि राष्ट्रीय लेखा नियंत्रक (CAG) की रिपोर्ट पर विचार करते हुए, दिल्ली सरकार की ईमानदारी पर गंभीर संदेह उठ रहा है। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि इस रिपोर्ट को स्पीकर को भेजकर विधानसभा में चर्चा की जानी चाहिए। यह निर्णय मुख्य रूप से एक शराब नीति के विवादास्पद पहलुओं को लेकर लिया गया है, जिसमें सरकार की पारदर्शिता पर सवाल उठाए गए हैं।
दिल्ली सरकार की शराब नीति का जिक्र
रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से दिल्ली सरकार की शराब नीति का जिक्र किया गया है, जिसने कई मुद्दों को उजागर किया। CAG की रिपोर्ट में यह बताया गया कि कैसे सरकार ने शराब बिक्री में पारदर्शिता को नजरअंदाज किया और यह भी कि इस संबंध में क्या उचित कदम उठाए जाने चाहिए। उच्च न्यायालय ने दर्शाया कि इस मामले में विस्तृत चर्चा आवश्यक है ताकि लोगों का विश्वास सरकार में बना रहे।
उच्च न्यायालय का निर्देश
हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि सरकार अपनी छवि को साफ करने में इच्छुक है, तो उसे इस मामले पर विधानसभा में चर्चा करने के लिए रास्ता निकालना चाहिए। स्पीकर के माध्यम से यह मामला विधानसभा में लाए जाने के बाद, इसे एक खुली चर्चा में प्रस्तुत किया जाएगा। उक्त निर्णय ने यह संकेत दिया है कि विधायिका में पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर देना अति आवश्यक है।
यह पूरा मामला दिल्ली विधानसभा में बहस का विषय बन चुका है और इससे स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार के निर्णयों पर न केवल आम जनता बल्कि न्यायपालिका की निगाह भी है।
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संक्षेप में
सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के माध्यम से इस मुद्दे का समाधान निकाला जाना चाहिए। केवल इस तरह से ही हम प्रशासन पर जनता के विश्वास को फिर से स्थापित कर सकेंगे। Keywords: CAG रिपोर्ट दिल्ली सरकार, हाईकोर्ट ईमानदारी संदेह, शराब नीति विवाद, दिल्ली विधानसभा चर्चा, दिल्ली सरकार शराब बिक्री पारदर्शिता, दिल्ली उच्च न्यायालय निर्देश, CAG रिपोर्ट चर्चा, शराब नीति न्यायालय आदेश, दिल्ली सरकार स्पीकर, समाचार dharmyuddh.com