MP में रेत परिवहन पर लगी रोक: तीन महीने तक रेत खदानों से खनन पूरी तरह बंद, ये रही वजह

शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में रेत परिवहन पर रोक लगाई गई है। रेत खदानों से खनन पूरी तरह से

MP में रेत परिवहन पर लगी रोक: तीन महीने तक रेत खदानों से खनन पूरी तरह बंद, ये रही वजह
शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में रेत परिवहन पर रोक लगाई गई है। रेत खदानों से खनन पूरी तरह से

MP में रेत परिवहन पर लगी रोक: तीन महीने तक रेत खदानों से खनन पूरी तरह बंद, ये रही वजह

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शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में रेत परिवहन पर रोक लगाई गई है। यह फैसला प्रदेश में मानसून के चलते लिया गया है। 1 जुलाई से 30 सितंबर तक रेत खनन पूरी तरह से बंद रहेगा, जिससे राज्य की रेत खदानों से खनन अब संभव नहीं रहेगा। यह समय अवधि उन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तय की गई है, जब बारिश के कारण खनन में जोखिम बढ़ जाता है और पर्यावरण नुकसान उठाता है।

खुशखबरी या संकट?

एमपी में एक जुलाई से तीन महीने तक रेत खदानों से खनन पर रोक का निर्णय महत्वपूर्ण है। यह राज्य के पर्यावरण संरक्षण के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। सरकार ने इस निर्णय का उद्देश्य रेत खनन से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को कम करना बताया है। अब 30 जून तक स्टोरेज फैसिलिटी में जमा रेत से ही व्यापार होगा। जिससे स्टॉक की सीमा होनी आवश्यक है।

सरकार का निर्णय और उसकी पृष्ठभूमि

इस आदेश के साथ जिला प्रशासन एक विशेष टीम का गठन करेगा, जो अधिकृत स्टोरेज साइट्स पर जाकर स्टॉक का वेरिफिकेशन करेगी। ईटीपी (ईको-फ्रेंडली ट्रांसपोर्ट परमिट) के आधार पर स्टॉक मात्रा तय की जाएगी। सटीक मात्रा को निर्धारित करने के लिए इसे एक प्रक्रिया में लागू किया जाएगा।

देश के लिए पहले से प्रमाणित निर्णय

हर साल मानसून में मध्य प्रदेश सरकार रेत खनन पर रोक लगाती है। यह एक प्रथा बन गई है, जो न केवल पर्यावरण की रक्षा करती है, बल्कि स्थानीय समुदाय की आवश्यकता को भी ध्यान में रखती है। कब और कैसे रेत परिवहन पुन: शुरू होगा, यह सब मौसम के अनुसार तय किया जाएगा। इस संबंध में अधिकतम सावधानी बरती जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो।

रिपोर्टिंग और समुदाय की प्रतिक्रिया

समुदाय के सदस्यों ने इस निर्णय का स्वागत किया है और ये दर्शाता है कि राज्य पर्यावरणीय मुद्दों को गंभीरता से ले रहा है। इसका सीधा फायदा स्थानीय पारिस्थितिकी को होगा। हालांकि, इस निर्णय से प्रभावित व्यवसायों ने चिंता जताई है कि यदि ऐसा माहौल जारी रहा, तो रेत व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

निष्कर्ष

मध्य प्रदेश में रेत परिवहन पर लगी रोक और खनन के तीन महीने के अंतराल से निश्चित रूप से सभी के लिए कई सवाल खड़े होते हैं। लेकिन अंततः यह सोचने का وقت है कि क्या ये सभी कदम स्थायी विकास की दिशा में हैं। जरूरत है कि सरकार और समुदाय साथ मिलकर एक स्थायी समाधान निकाले ताकि न केवल पर्यावरण की रक्षा हो, बल्कि व्यवसाय भी संचालित रहते रहें।

धर्मयुद्ध की टीम द्वारा रिपोर्ट किया गया।

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